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कुंभ के दौरान क्षिप्रा तो डेली हुई नई.. बनारस जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस भी अब 12 फरवरी तक सागर-दमोह होकर नही चलेगी..

 कल से कामायनी एक्सप्रेस जबलपुर होकर चलेगी-
दमोह सागर से इलाहाबाद बनारस या फिर कुर्ला मुंबई की यात्रा करने वालों के लिए यह बुरी खबर है। भोपाल बीना के रास्ते सागर दमोह होकर बनारस तक जाने वाली कामायनी एक्सप्रेस 31 जनवरी से 12 फरवरी तक अब नहीं आएगी। जिससे इलाहाबाद कुंभ मेले के लिए उपलब्ध एकमात्र रेल सुविधा के लाभ से भी दमोह सागर क्षेत्र के लोगों को वंचित रहना पड़ेगा। 
बिना किसी हो हल्ले यानि किसी प्रकार के प्रचार-प्रसार के बिना ही रेलवे द्वारा कामायनी एक्सप्रेस का मार्ग 12 फरवरी तक के लिए परिवर्तित कर दिया गया है। हो सकता है इसकी अवधि और भी आगे बढ़ जाए। दर असल होशंगाबाद स्टेशन पर 31 जनवरी से नॉन इंटर लाकिंग का काम शुरू हो रहा है। जो 12 फरवरी तक किया जाना है। जिसके चलते रेल प्रशासन ने कुछ ट्रेनों  को रद्द कर दिया है तथा कुछ को परिवर्तित मार्ग से चलाने का निर्णय लिया है।
होशंगाबाद से भोपाल होकर बनारस जाने वाली लोक मान्य तिलक टर्मिनस-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस को अब 12 फरवरी तक इटारसी से जबलपुर होकर कटनी भेजा जाएगा। जिससे भोपाल, विदिशा, बीना, सागर, दमोह से बनारस तथा मुंबई की यात्रा करने वालों को इस महत्वपूर्ण रेलगाड़ी की सुविधा का लाभ नहीं मिल सकेगा। 
 इलाहाबाद में चल रहे कुंभ स्नान मेला को लेकर जब इस रूट पर स्पेशल ट्रेन और क्षिप्रा एक्सप्रेस को डेली किए जाने की मांग की जा रही थी। ऐसे में कामायनी एक्सप्रेस का रूट परिवर्तित कर दिया जाना कहीं ना कहीं दमोह सागर क्षेत्र के निवासियों रेल यात्रियों के हितों पर कुठाराघात कहा जा सकता है। 
मामले में सागर दमोह के सांसदों की पहले भी उदासीनता सामने आई है। तथा दक्षिण भारत एवं नागपुर के लिए कोई  भी रेल सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाना मोदी सरकार में दमोह सागर सांसदों की सबसे बड़ी नाकामी कही जा सकती है। वही आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान रेल सुविधा उपलब्धि के मामले में सांसदगण जनता के बीच क्या जवाब लेकर जाएंगे या उनको अभी से सोच लेना चाहिए। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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