देश-प्रदेश में सवर्णो को साधने दो डिसीजन..
साल के पहले सोमवार को वंदे मातरम मामले को लेकर भाजपा नेता मंत्रालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक सक्रिय नजर आए। राजधानी भोपाल में बल्लभ भवन के बाहर वंदे मातरम करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर उनकी पुरानी कैबिनेट के अधिकांश सदस्य मौजूद नजर आए।
इधर जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट कार्यालय की बाहर भी भाजपा जिला पदाधिकारियों सहित नेताओं कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर वंदे मातरम का गायन करके प्रदेश सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की, वंदे मातरम के मामले में किसी प्रकार की अनदेखी को भाजपा विपक्ष में रहने के बाद भी बर्दाश्त नहीं करेगी।दमोह जिला मुख्यालय पर भाजपा जिला अध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव के नेतृत्व में वंदे मातरम का गायन किया गया इस दौरान अनेक नेता मौजूद नजर आए।
सोमवार का दिन सवर्ण वर्ग के लिए देश तथा प्रदेश में यादगार बनता नजर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवर्ण वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की वही शाम को मप्र में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बुंदेलखंड के जन नायक गोपाल भार्गव के नाम की घोषणा हुई।
इन दोनों ही घोषणाओं से सवर्ण समुदाय के लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि भाजपा को सामान्य वर्ग की भी चिंता है।आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सामान्य वर्ग को साधने के लिए भाजपा द्वारा सवर्णों की चिंता किए जाने की मुख्य बजह तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में भाजपा का सत्ता से बाहर हो जाने के तौर पर देखा जा सकता है। लोकसभा चुनाव में सवर्ण मतदाताओं को वापस अपने पाले में लाने के लिए यह प्रयास कहा जा सकता है।
हालांकि मध्य प्रदेश भाजपा में श्री गोपाल भार्गव से बड़ा कोई नेता नेता प्रतिपक्ष के दावेदार के तौर पर नही था। इधर आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण की घोषणा को किस तरीके से अमली जामा पहनाया जाएगा इसका सभी को इंतजार रहेगा। कुल मिलाकर वर्ष 2019 के पहले सोमवार को जिस तरह से सवर्ण समुदाय को साधने के लिए यह दो घोषणाएं की गई वह स्वागत योग्य है। सवर्णों के मामले में अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा आगे भी कितनी गंभीर रहेगी इस पर भी नजरें रहेगी।
मंत्रालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक वंदे मातरम-
साल के पहले सोमवार को वंदे मातरम मामले को लेकर भाजपा नेता मंत्रालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक सक्रिय नजर आए। राजधानी भोपाल में बल्लभ भवन के बाहर वंदे मातरम करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर उनकी पुरानी कैबिनेट के अधिकांश सदस्य मौजूद नजर आए।
इधर जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट कार्यालय की बाहर भी भाजपा जिला पदाधिकारियों सहित नेताओं कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर वंदे मातरम का गायन करके प्रदेश सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की, वंदे मातरम के मामले में किसी प्रकार की अनदेखी को भाजपा विपक्ष में रहने के बाद भी बर्दाश्त नहीं करेगी।दमोह जिला मुख्यालय पर भाजपा जिला अध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव के नेतृत्व में वंदे मातरम का गायन किया गया इस दौरान अनेक नेता मौजूद नजर आए।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को दरकिनार कर संसद में एससी-एसटी एक्ट संशोधन विधेयक लाकर पास कराने का खामियाजा कहीं ना कहीं भाजपा को तीन राज्यों में हार के साथ भोगना पड़ा है वहीं मप्र में माई का लाल जैसे विवादित बोल के कारण शिवराज सरकार का भी अब की बार 200 पार का सपना चूर चूर हुआ है। इन दोनों ही घोषणाओं से सवर्ण समुदाय के लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि भाजपा को सामान्य वर्ग की भी चिंता है। सवर्णों के मामले में अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा आगे भी कितनी गंभीर रहेगी इस पर भी नजरें रहेगी। अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट
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