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ढाई लाख रूपए से कम की नहीं हो सकती जब्ती..! फिर भी जांच व कार्यवाही से आम आदमी हो रहा परेशान..!

मप्र-छग के आईटी चीफ कमिश्नर का बड़ा बयान-
चुनाव आयोग के निर्देशों की आड़ में इन दिनों समूचे बुंदेलखंड में वाहनों की जांच के नाम पर कई जगह आम आदमी के सामान की खाना तलाशी इस तरह से ली जा रही है जैसे वह किसान व्यापारी ना होकर कोई बहुत बड़ा स्मगलर या तस्कर हो।  उक्त हालात के शिकार दो पहिया वाहन चालक भी होते देखे गए हैं। ऐसे में मप्र-छग के आईबी चीफ कमिश्नर का इंदौर में दिया गया बयान आम आदमी के लिए उस हालत में बड़ी राहत देने वाला साबित हो सकता है जब स्थानीय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी इस बयान को अहमियत दें। 

इंदौर के समाचार पत्रों में मंगलवार को यह खबर प्रकाशित होने के बाद इसकी कटिंग सोशल मीडिया पर दिन भर वायरल होती रही। इंदौर के सीए भवन में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में MP-CG के आईटी चीफ कमिश्नर पीके दास ने स्पष्ट किया कि चुनाव आचार संहिता के दौरान पुलिस प्रशासनिक अधिकारी आम आदमी से ढाई लाख से कम की रकम की जब्त नही कर सकते। यदि जब्ती की कार्रवाई की गई है तो 24 घंटे में यह रकम लौटाने का प्रावधान है। यदि इसका पालन नहीं किया जा रहा तो इसकी शिकायत चुनाव आयोग में की जा सकती है। 


 इसके बावजूद दमोह जिला मुख्यालय 20 किलोमीटर दूर नरसिंहगढ़ में वाहनों की जांच और आम नागरिकों के सामान की  खाना तलाशी का दौर चलता रहा। इस दौरान लोग जमकर परेशान हुए परंतु किसी ने इनकी परेशानी की चिंता नहीं की।

जांच के दौरान 50 हजार से कम राशि वाले भी परेशान-

दमोह। जांच के नाम पर खाना तलाशी मुहिम जारी रहने से अब आम आदमी परेशान होने लगा है।मंगलवार को  नरसिंहगढ़ में तहसीलदार और थानेदार की मौजूदगी में  चली जांच के दौरान कुछ मामले ऐसे भी आए जिनमें लोगों के पास 47 हजार के करीब की नगदी पाई गई। ऐसे लोगों को अपने रुपए वापस लेने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ा। तब कभी जाकर उनके रुपए वापस मिल सकी। 
इस दौरान लोगों की भीड़ भी लगी रही। इसी तरह मालवाहक को रोक कर भी जांच पड़ताल का दौर चलता रहा। इस दौरान जिन गाड़ियों के कागजातो में कमी पाई गई उनके खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही भी की गई। पुलिस ने यहां से क्या कुछ जुर्माने की कार्रवाई करते हुए वसूली की इसका पता तो नहीं लग सका है। 

आपको बता दें कि इंदौर के सीए भवन में सोमवार को व्यापारियों से चर्चा करते हुए प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर पीके दास ने स्पष्ट किया कि किसी भी हाल में ढाई लाख से कम की रकम को जप्त नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग ने केवल प्रत्याशी एजेंट या समर्थकों से 50,000 से अधिक कैस का परिवहन करने पर जब्त करने को कहा है, आम आदमी से नहीं। लेकिन चुनाव आयोग के निर्देशों की आड में 50000 से अधिक की रकम को जप्त किए जाने की कारवाही के मामले में इंदौर में आयकर विभाग के चीफ कमिश्नर  पीके दास का जो बयान सामने आया है  उस पर क्या स्थानीय अधिकारी ध्यान देंगे ? इसका इंतजार है।  अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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