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दोनी सेलवाडा मार्ग पर सड़क पर घूमता दिखा तेंदुआ.. कार की आवाज से जंगल की और भागा.. राहगीरों ने ली फोटो, दोनी पाठादो के बीच सड़क पर कर रहा था मूवमेंट..

 दोनी सेलवाडा मार्ग पर सड़क पर घूमता दिखा तेंदुआ

दमोह।  तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के सैलवाड़ा सर्किल अंतर्गत सैलबाड़ा से सिंग्रामपुर मार्ग पर एक बार फिर तेंदुआ को सड़क पार करते हुए देखा गया इस दौरान कार में सवार कुछ युवकों ने तेंदुए की फोटो अपने मोबाइल फोन में ले ली। दमोह के कुछ लोग सोमवार को घूमने के लिए दोनी के हनुमान मंदिर और किशनगढ़ धाम आए थे। जहां से वापस दमोह जाते समय दोनी पठादो के बीच सड़क पर झाड़ियों से निकल कर अचानक से सड़क पर तेंदुआ आ गया। जैसे देखकर कार सवार लोग दहशत में आ गई। तेंदुआ सड़क पार करके जंगल की और भाग गया ज्ञात हो कि सैलवाड़ा व सहजपुर के जंगलों में तेंदुआ की मौजूदगी लगातार देखी जा रही है। जिसकी पुष्टि स्वयं वन विभाग द्वारा की जा चुकी है। यह घटना उसी क्षेत्र में पुनः तेंदुआ की सक्रियता की ओर संकेत करती है। वहीं आए दिन क्षेत्र में तेंदुआ का मूवमेंट देखा जा रहा है।
इन स्थानों पर लगातार नजर आ रहे तेंदुए और शावक.. राहगीरों के मुताबिक क्षेत्र में लगातार तेंदुओं का मूवमेंट बढ़ता जा रहा है क्षेत्र में लगातार ही तेंदुआ लोगों को दिखाई दे रहा है। कुछ दिन पहले ही जनपद सीईओ द्वारा भी तेंदुआ को जबलपुर मार्ग पर घूमते हुए दिन में देखा था। फिलहाल तेंदुआ, सैलवाड़ा, दोनी, पाठादौ, सलैया, महगुवां सिंग्रामपुर मार्ग और गांव के पास देखा जा रहा है साथ ही पाटन तेंदूखेड़ा मार्ग पर हड़ऊ की घटिया पर, कुआं वाली मोड़ पर, पंडा बाबा के पास, पुरानी वन चौंकी के पास, पाड़ाझिर के पास 27 मील के पास, टावर के समीप व नरगुवां की घटिया पर कुछ दिन पहले ही लोगों ने नरगुवां तालाब के समीप भी तेंदुआ और उसके दो बच्चों को देखें जाने की नगर में चर्चाएं हो रही थी। साथ ही पाटन तेंदूखेड़ा मार्ग पर लोगों ने बच्चों के साथ तेंदुआ को  कई बार देखा है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में बीते दो साल से तेंदुआ का मूवमेंट है। इसके अलावा तारादेही मार्ग पर बहेरिया गांव के समीप भी पेड़ पर आराम करते हुए तेदुआ देखा जा चुका है। जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई है। अब कौतुहल भी बढ़ता जा रहा है, यहां से निकलने वाले राहगीरों की नजरें आसपास तेंदुआ को खोजती हुई नजर आती है क्योंकि आशा होती है कि तेंदुआ दिखेगा
बाघों की संख्या बढ़ने से टेरेटरी बदल रहे तेंदुए.. वहीं दमोह सागर और नरसिंहपुर जिले की सीमा क्षेत्र में फैले हुए वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है और बाघों के बढ़ने से तेंदुआ अपनी टेरेटरी बदल रहे हैं इसलिए इनकी मौजूदगी। दमोह जिले के जंगल और तेंदूखेड़ा तारादेही तेजगढ़ झलौन जंगलों में देखी जा रही है। गौरतलब है कि टाइगर रिजर्व में वर्तमान में बाघों की संख्या 23 से 25 से अधिक हो गई और बाघ रिजर्व में अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं और टेरिटरी भी बदल रहे हैं 
लगातार हो रही गश्ती और निगरानी.. तेंदूखेड़ा वन परीक्षेत्र अधिकारी श्रेयांश जैन ने कहा कि वन विभाग द्वारा क्षेत्र में नियमित रूप से गश्त  और निगरानी की जा रही है ताकि वन्यजीवों और आम नागरिकों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। विभाग ने स्थानीय निवासियों और राहगीरों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से जंगलों की ओर न जाने की अपील की है। सिंग्रामपुर वन परीक्षेत्र में कोर जोन बफर जोन दोनों हैं। इस कारण वहां जानवर तो है ही तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के जंगल लगे होने के कारण जानवरों का आना जाना है। वैसे आसपास के ग्रामों में मुनादी करा दी गई है और क्षेत्र में लगातार तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है चारों ओर तेंदुआ देखें जा रहे हैं। वन विभाग की टीम चारों ओर निगरानी कर रही है। वन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बाघ से तेंदुआ हमेशा दूरी बनाकर रखता है। नौरादेही अभयारण्य में अब बाघ बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में यहां चीता भी शिफ्ट होने वाले हैं। इसलिए तेंदुआ अब अपना स्थान बदलकर तेंदूखेड़ा क्षेत्र के जंगलों में नजर आ रहे हैं। जिनकी वंश वृद्धि भी होती हुई दिखाई दे रही है। जो पर्यटन के लिए अच्छा शगुन है। विशाल रजक की खबर

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