सिध्द चक्र महामंडल विधान आज से..
दमोह। सिद्धों की आराधना का अष्टानिका महापर्व 29 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है इस अवसर पर दमोह नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर एवं सिंघई मन्दिर जी मे श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन होने जा रहा है।
29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक चलने वाले आठ दिवसीय भक्तिमय अनुष्ठान की पूर्व वेला में मंगलवार को नन्हे मंदिर जी में प्रतिष्ठाचार्य सुरेश शास्त्री एवं स्वतंत्र भैया के सानिध्य में श्री यंत्र जी पूजन संपन्न हुई। तत्पश्चात जैन धर्मशाला घट यात्रा निकाली गई। जो टण्डन बिल्डिंग, सराफा, घंटाघर, पलंदी मंदिर, चौधरी मंदिर, बड़ा मंदिर, सिंघाई सेठ मंदिर होकर सिटी नल से श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। जहां मंडप शुद्धि उपरांत विधान के महापात्रों का चयन किया गया।घट यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सर पर मंगल कलश लेकर शामिल हुई वहीं विधान के महापात्र हाथों में धर्म ध्वजा लेकर सम्मिलित हुए। बुधवार को प्रातः बेला में ध्वजारोहण उपरांत पात्रों के सकलीकरण पश्चात विधान प्रारंभ होगा। ध्वजारोहण करने का सौभाग्य रूपचंद जैन बनवार परिवार को प्राप्त हुआ है। ब्रह्मचारी स्वतंत्र भैया के निर्देशन में आठ दिनों तक चलने वाले श्री सिध्द चक्र महामंडल विधान में राजेंद्र अटल परिवार को सौधर्म इंद्र, संतोष अविनाशी परिवार को चक्रवर्ती, चंद्र कुमार अभिषेक खजरी परिवार को श्रीपाल मैना सुंदरी, आनंद लैब परिवार को कुबेर इंद्र, पदम मुकेश रानू खजरी परिवार को महायज्ञ नायक, सुनील बड़े राय परिवार को यज्ञ नायक, नवीन निराला परिवार को ईशान इंद्र, मनीष आउटलुक परिवार को सनत इंद्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। विधान के द्रव्य पुण्यार्जन का सौभाग्य राजकुमार खजरी परिवार ने प्राप्त किया है।नन्हे मंदिर जी में विधान व्यवस्था प्रभारी अमरदीप जैन लालू ने बताया कि विधान अवसर पर प्रतिदिन 7-30 बजे से श्री जी का अभिषेक पूजन प्रारंभ हो जाएगा तत्पश्चात 8 बजे से विधान पूजन होगा जिसमें शामिल होने की अपील सकल दिगंबर जैन समाज से की गई है। इसी तरह श्री सिंघई मंदिर की में भी 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर बुधवार को घट यात्रा के बाद ध्वजारोहण संपन्न होगा। जिसमें शामिल होने की अपील सिंघई मंदिर कमेटी द्वारा की गई है।
टापू मंदिर में दीपावली मिलन व मौनिया नृत्य आयोजन.. दमोह। दीपोत्सव पर्व के पावन अवसर पर श्री शिव साईं मंदिर, बेलाताल टापू में दीपावली मिलन समारोह एवं पारंपरिक मौनिया नृत्य का भव्य आयोजन किया गया। पवित्र कार्तिक माह में माता-बहनों द्वारा श्रद्धा भाव से माता तुलसी पूजन संपन्न किया गया। पूजन के उपरांत सौभाग्य सामग्री अर्पित की गई तथा बाद में यह सामग्री सभी कतकारियों के बीच वितरित की गई। कार्यक्रम के दौरान माता-बहनों ने मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। वहीं ग्वाल-बाल मंडली द्वारा प्रस्तुत दिवारी नृत्य ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया। बुंदेलखंड की पारंपरिक लोक नृत्य शैली मौनिया नृत्य, जो दीपावली पर्व का विशेष आकर्षण होती है, उसे पारंपरिक वेशभूषा में सज्जित ग्वाल मंडली ने शानदार ढंग से प्रस्तुत किया।
मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश्वरानंद जी महाराज ने अपने संबोधन में दीपावली पर्व का धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व आदि-अनादि काल से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। प्रभु श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर अपने आराध्य का स्वागत किया। तभी से यह दीप पर्व मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई। यह समूचा आयोजन श्री शिव साईं सेवा भाव परिवार के तत्वावधान में संपन्न हुआ। बड़ी संख्या में माता-बहनों एवं श्रद्धालु भक्तजनों की उपस्थिति में हर्ष, उल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया।
41 वॉ एसपी लाल मेमोरियल अवार्ड विनय और डीके जैन को.. दमोह। स्वर्गीय एसपी लाल मेमोरियल अवार्ड का 41वा गरिमामय शैक्षणिक कार्यक्रम स्थानीय नवजाकृति विद्यालय में समारोह पूर्वक आयोजित किया गया। मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेज एवं नवजागृति एजूकेशन सोसाइटी के द्वारा आदर्श शिक्षक स्वर्गीय एसपी लाल की स्मृति में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिंडोरिया के व्याख्याता देवेंद्र कुमार जैन एवं नवजागृति विद्यालय के व्याख्याता विनय लहरी को एसपी लाल अवार्ड 2025 प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ ईश वंदना के द्वारा किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ चिंतक एवं प्रेरका वक्ता डॉक्टर रश्मि जेता थें। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर श्रीमती शीला लाल ने की। आयोजन का प्रयोजन प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि प्रतिवर्ष जिले के दोे श्रेष्ठ शिक्षकों को इस अवार्ड के लिए चुना जाता है। सम्मानित शिक्षकों का परिचय क्रमश डॉ आलोक सोनवलकर और शरद मेहता ने दिया।
सम्मानित डीके जैन और विनय लहरी ने सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर रश्मि जेता ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थियों के सीखने की कोई उम्र नहीं होती। शिक्षक सदैव सामाजिक बदलाव में अग्रणी भूमिका अदा करते हैं, यही कारण है कि शिक्षक अपने ड्यूटी के साथ जिम्मेदारी का निर्वहन भी करते हैं। दुनिया में शिक्षक और किताब का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षक वह है जो विद्यार्थी के मस्तिष्क में आशा के रंग भरता है। उन्होंने कहा कि आज का समय नवीन एजुकेशन पॉलिसी का समय है और शिक्षक के सामने एआई की चुनौती के साथ स्वंय को बदलने की आवश्यकता है। आज शिक्षा में गुरु जनों का संकल्प ही समाज में बदलाव लाएगा। कार्यक्रम का सफल संचालन वंदना चरण ने किया। आभार प्रदर्शन श्रीमती रूबी डेनियल एवं एलएस सींग ने किया। कार्यक्रम में वार्षिक पत्रीका अनुगमन का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक राष्ट्रगान के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।





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