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लोकायुक्त द्वारा ट्रैप उपयंत्री पर CEO की गजब मेहरबानियां.. 10 दिन बाद ही दे दी गई बड़ी जिम्मेदारियां.. पीड़ित सरपंच सागर लोकायुक्त एसपी से करेगा फिर शिकायत..!

लोकायुक्त द्वारा ट्रैप उपयंत्री पर गजब मेहरबानियां

दमोह।  पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल के पूर्व संसदीय क्षेत्र दमोह जिले में उनके विभाग से संबंधित गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां हम बात भ्रष्टाचार की नहीं बल्कि रिश्वतखोरी के मामले में रंगे हाथों पकड़े गए एक उप यंत्री पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मेहरबानियां की कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है सागर लोकायुक्त की टीम ने 16 सितंबर को दमोह पहुंचकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के दमोह जनपद में अटैच उपयंत्री राजन सिंह को एक गरीब आदिवासी सरपंच से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।  अभिनव होम्स स्थित आवास में कार्यालय समय में हाफ पेंट पर रिश्वत लेते पकड़े गए उपयंत्री राजन सिंह के द्वारा दमोह जनपद की बरमासा ग्राम पंचायत के सरपंच लीला गोंड से विभिन्न कार्यों के बदले में 50000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। जिसमें से 10000 रुपए वह पहले ले चुका था। 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद राजन के खिलाफ लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही की गई थी।

अटैचमेंट आदेश में रिश्वत लेते पकड़े जाने का जिक्र नहीं.. लोकायुक्त कार्रवाई के दूसरे दिन 17 सितंबर को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा उपयंत्री राजन सिंह को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कार्यालय दमोह में प्रशासनिक कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अटैच करने का आदेश जारी कर दिया गया था। लेकिन उपरोक्त आदेश में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया था कि रिश्वत लेते ट्रैप होने की वजह से इनको दमोह जनपद से आरईएस ऑफिस में अटैच किया जाता है। समझा जा सकता है कि रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए उपन्यत्री पर पहले ही दिन से बड़े अधिकारियों की मेहरबानियां बरसाना शुरू हो गई थी। उपरोक्त आदेश की प्रति कलेक्टर से लेकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के प्रभारी कार्यपालन यांत्रिक सहित अन्य अधिकारियों को भी प्रेषित की गई थी। लेकिन किसी का भी ध्यान इस गंभीर चूक की तरफ नहीं जाना उपरोक्त उपयंत्री की ऊपर तक पहुच बनाम सेटिंग को साफ परिलक्षित करने को काफी है। इसी आदेश में रोहित नायक उपयंत्री जनपद पंचायत पटेरा को दमोह के समस्त सेक्टर के प्रभार दिए जाने का जिक्र भी किया गया है। जबकि यह दोनों उपयांत्रियों के अटैचमेंट के आदेश अलग-अलग जारी होना चाहिए थे क्योंकि दोनों को अटैक किए जाने की वजह अलग-अलग थी।

10 दिन बाद ही दे दी गई बड़ी जिम्मेदारियां.. लोकायुक्त कार्यवाही के दसवें दिन उपयंत्री राजन सिंह पर उच्च अधिकारियों की मेहरबानियां फिर बरसते हुई नजर आई। 26 सितंबर 2025 को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा राजन सिंह को जनपद पंचायत बटियागढ़ के समस्त सेक्टर का प्रभार सौपे जाने का आदेश जारी कर दिया गया। दीपक जरौलिया उपयंत्री जनपद हटा एवं बटियागढ़ के चिकित्सकिय अवकाश पर होने से उक्त अवधि के लिए राजन सिंह को बटियागढ़ के समस्त सेक्टर का प्रभार दिया जा रहा है। दीपक जारोलिया की अवकाश से वापस लौटने पर उपरोक्त आदेश स्वत निरस्त हो जाने का उल्लेख भी किया गया है। इसी आदेश में पटेरा में पदस्थ उपयंत्री राहुल पटेल को हटा जनपद के समस्त सेक्टरों का प्रभारी बनाए जाने का भी उल्लेख किया गया है। अर्थात बड़ी ही चतुराई से एक ही आदेश में दो अलग-अलग कैटेगरी के उपयंत्रियों को नई जिम्मेदारी सौप कर असलियत छिपाने की कोशिश की गई।

भ्रष्टाचार की शिकायत की भनक लगते ही उपयंत्री लंबे अवकाश पर.. सूत्रों का कहना है कि हटा जनपद क्षेत्र के एक सरपंच द्वारा दीपक जारोलिया के भ्रष्टाचार की शिकायत जांच भेजी गई थी। जिसकी भनक लगने पर जांच से बचने तथा शिकायतकर्ता से सेटिंग जमाने के लिए दीपक जारोलिया चिकित्सकीय अवकाश पर लंबे समय के लिए चले गए। इस बात की जानकारी विभाग को उच्च अधिकारियों को भी होने की बात कही जा रही है।

RES  के कार्यपालन यंत्री की अहम भूमिका.. लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए उपयंत्री को 10 दिन बाद ही बटियागढ़ जनपद क्षेत्र के समस्त सेक्टरों का प्रभारी बनाए जाने के संदर्भ में ग्रामीण यंत्रकी सेवा संभाग के कार्यपालन यंत्री मनोज गुप्ता की अहम भूमिका बताई जा रही है। उनके द्वारा चलाई गई नोट सीट पर ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा उपरोक्त दोनों आदेश जारी किए जाने की जानकारी सामने आई है। लेकिन जिला पंचायत के सीईओ का भी इस गंभीर मेहरबानी के मामले में ध्यान नहीं जाना आश्चर्य का विषय बना हुआ है। उपरोक्त मामले में जब संबंधित अधिकारियों का पक्ष लेने की कोशिश की गई तो उनके मोबाइल स्विच ऑफ बता रहे थे।

मनरेगा उपयंत्रियों की हड़ताल की आड़ में अटैचमेंट का खेल..उल्लेखनीय की पिछले 40 दिनों से मनरेगा के उपयंत्री अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं जिस वजह से ग्राम पंचायत से लेकर जनपद स्तर पर कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसी के चलते ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के उपयांत्रियों को अलग-अलग जनपद क्षेत्र के प्रभार सौपे गए हैं। लेकिन इसकी आड़ में रिश्वत मामले में 10 दिन पहले ट्रैप हुए उपयंत्री को बटियागढ़ जनपद क्षेत्र के समस्त सेक्टर का प्रभारी बनाना आश्चर्यजनक है। क्योंकि बटियागढ़ जनपद प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल के विधानसभा क्षेत्र में तथा जिला पंचायत उपाध्यक्ष के गृह क्षेत्र में आती है। ऐसे में उपरोक्त पदस्थापना से उनकी छवि पर भी असर पड़ता दिखाई दे रहा है। जबकि अधिकारी चाहते तो हटा पटेरा के संयुक्त प्रभारी की तरह पथरिया बटियागढ़ कभी संयुक्त प्रभारी बनाने का आदेश जारी कर सकते थे। लेकिन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के प्रभारी अधिकारी मनोज गुप्ता की मेहरबानियां के चलते लोकायुक्त द्वारा ट्रैप परविक्षा अवधि वाले उपयंत्री को उच्च अधिकारियों को अंधेरे में रखकर बड़ी जिम्मेदारी का आदेश जारी करा लिया गया। पीड़ित सरपंच द्वारा उपरोक्त सारे हालात की शिकायत और जानकारी सागर लोकायुक्त एसपी को जल्द भेजे जाने की बात कही जा रही है..

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