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आखिरकार नहीं बचाई जा सकी निसार और माजिद की जान.. यदि समय पर गोताखोर पहुंच जाते तो शायद बच सकती थी जान.. एक साथ दो नव युवकों की जलसमाधि से मातम पसरा..

नहीं बचाई जा सकी निसार और माजिद की जान

दमोह। नरसिंहगढ़ की सुनार नदी में रविवार को डूबे दमोह के दो किशोरों की जान आखिरकार नहीं बचाई जा सकी। सोमवार को दोनों के शव कुछ घन्टे के अंतराल से बरामद किए गए। इस दौरान उनके परिजन रिश्तेदार टकटकी लगाए उनकी सांस चलने का इंतजार करते नजर आए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस दौरान लोग यह कहने से भी नहीं चुके की यदि समय रहते गोताखोर उपलब्ध हो जाते तथा जिस तरीके से आज तलाश की गई यदि कल शाम को की जाती तो शायद निसार और माजिद की जान बच जाती..
दमोह की कुरैशी मंडी निवासी चार युवा रविवार को पिकनिक मनाने के लिए नरसिंहगढ़ स्थित सोनार नदी के तट पर मजार घाट के पास आए थे। जहां वह यहां का धुआंधार जैसा नजारा देखकर गर्मी से राहत पाने के लिए अपने आप को पानी में उतर कर नहाने से नहीं रोक पाए। इस दौरान वह यहां की गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाए और देखते ही देखते चारों नवयुवक डूबने लगे। दो युवकों को तो जैसे तैसे करके बचा लिया गया लेकिन दो के गहराई में चले जाने से उनका पता नहीं लग सका।
बाद में परिजनों के साथ पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई और होमगार्ड तथा एसडीआरएफ की टीम के द्वारा नाव वोट के जरिए पानी की सतह पर चक्कर लगाकर निसार कुरैशी और माजिद कुरैशी की तलाश करने की नाकाम कोशिश की गई। यदि इस दौरान गोताखोर उपलब्ध हो जाते तथा वह गहराई में जाकर इन दोनों की तलाश कर लेते तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। रविवार को सांझ ढलते ही उनकी तलाश बंद कर दी गई थी वहीं सोमवार सुबह जल्दी गोताखोरों के आने का आश्वासन देकर पुनः तलाश शुरू करने की बात कही गई थी। 
लेकिन सोमवार को भी काफी देर से पहुंचे गोताखोरों ने जब ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर गहराई में जाकर दोनों नवयुवकों की तलाश की तो एक-एक करके दोनों को निष्प्राण हालत में बरामद किया गया। इनके शव मिलते ही गमगीन परिजनों रिश्तेदारों तथा मित्रों के सब्र का बांध आंसुओं का सैलाब बनाकर फूट पड़ा। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौपते हुए जांच शुरू कर दी है।
आज की कार्यवाही पर एक नजर.. सोमवार सुबह डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट हर्ष कुमार जैन के नेतृत्व में होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। प्लाटून कमांडर जोगेश विश्वकर्मा के निर्देशन में जवानों को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर नदी में उतारा गया। गोताखोरों की मदद से करीब आठ घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। कड़ी मशक्कत के बाद सबसे पहले निसार कुरैशी का शव नदी से निकाला गया। पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसके बाद भी अभियान जारी रहा और एक घंटे बाद माजिद कुरैशी का शव भी बरामद कर लिया गया। सुनार नदी के तट से शकील मुहम्मद की रिपोर्ट

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