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मनरेगा मद के तहत आए करीब 2.50 करोड़ रुपये किन चार ठेकेदारों के बीच बटे.. ? मंत्रीजी के रिश्तेदार ने लगाए गंभीर आरोप.. पटेरा जनपद कार्यालय में तोड़फोड़ की जनपद उपाध्यक्ष पर FIR दर्ज..

जनपद उपाध्यक्ष पर तोड़फोड़ के आरोप की रिपोर्ट
दमोह।  जिले में घटिया निर्माण भ्रष्टाचार लाखों करोड़ों के बंदर वाट के मामले में हटा के बाद दूसरे नंबर पर चल रही पटेरा जनपद पंचायत के कार्यालय में शुक्रवार को जनप्रतिनिधि अधिकारी आमने-सामने नजर आए इस दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ के बाद जनपद सीईओ कर्मचारियों के साथ पुलिस थाने पहुंचे जहां उन्होंने जनपद उपाध्यक्ष व साथियों पर तोड़फोड़ के आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। तोड़फोड़ के आरोपी जनपद उपाध्यक्ष एक मंत्री जी के रिश्तेदार जा रहे हैं। जिनके द्वारा मनरेगा राशि के भुगतान में गंभीर गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए खुद पर लगाए गए आरोपों को गलत बताया जा रहा है।
पटेरा जनपद पंचायत अंतर्गत लगभग सभी ग्राम पंचायत में पिछले 10 वर्षों में जितना भ्रष्टाचार घटिया निर्माण और सरकारी राशि का बंदरबाट हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। अधिकांश पंचायत में सड़क नाली सरोवर से लेकर अन्य कार्य तलाशने पर भी नहीं मिलते। इसी तरह के हालत इस पंच वर्षी में भी बने हुए है। दरअसल यहां पर नेता अधिकारी ठेकेदार दलाल और पंचायत प्रतिनिधियों का गठजोड़ जमकर फलने फूलने से यहा पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर प्रभारी गैर जिम्मेदार को बैठ कर बंदर बात किए जाने की परंपरा है।  वही घटिया कार्यो की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने वाले अधिकांश खबरचियों के खातों में भी हजार दो हजार रुपए की खैरात डाली जाती रही है। वही कुछ खबरची स्वयं सप्लाई ठेकेदारी करके अपना बड़ा हिस्सा बनाते रहे हैं। लेकिन कभी भी इस बेमेल गधजोड़ की खबरें सुर्खियां बनकर बाहर नहीं आ सकी है।
यह पहला मौका है जब जनपद के अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि आमने सामने आए हैं तथा आप एक मंत्री के रिश्तेदार पर तोड़फोड़ के आरोप मे रिपोर्ट दर्ज कराई गई है लेकिन उसे मंत्री का रिश्तेदार कहने की जहमत उठाने को कोई भी तैयार नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम जनपद पंचायत कार्यालय में हुई तोड़फोड़ की शिकायत लेकर शुक्रवार को जनपद सीईओ हलधर मिश्रा अन्य कर्मचारियों के साथ पटेरा थाना पहुंचे और दो लोगों के खिलाफ PCO अंगद सिंह के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में जनपद उपाध्यक्ष राजेश पटेल पर कार्यालय में तोड़फोड़, गाली-गलौज और बैटरी चुराने का आरोप लगाया गया है। 
जबकि राजेश पटेल ने खुद को निर्दोष बताने में देर नही की। अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जनपद पंचायत में मनरेगा मद के तहत आए करीब 2.50 करोड़ रुपये को चार ठेकेदारों के बीच बांट कर देने के आरोप लगाते हुए कहा कि यह राशि हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए आई थी। इधर इस घटनाक्रम को लेकर जनपद उपाध्यक्ष पर आरोप लगाने वाले जनपद पंचायत के सीईओ हलदर मिश्रा तथा पूर्व जनपद अध्यक्ष बद्री पटेल भी दूध के धुले नहीं है।  इनके खिलाफ भी अनेक गंभीर शिकायती मामले पूर्व से लंबित बताये जा रहे है। कुछ स्थानिक ख़बरनविशो को कुुुछ पंचायत में ठेकेदारी सप्लाई देकर अपने पक्ष में करके खबरों की सुर्खियां बनने से बचते रहे इनधिकारी जनप्रतिनिधियो की पोल खोलने का समय भी अब नजदीक नजर आने लगा है.. पिक्चर अभी बाकी है..

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