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आंखों में मिर्ची झोंक कर छुरे बाजी महंगी पड़ी.. पड़ोसी दंपति से सुपारी लेकर धर्मेंद्र की हत्या करने वाले पांच अभियुक्त को आजीवन कारावास..

दमोह। हटा थाना क्षेत्र के नवोदय वार्ड ककराई अपराध क्रमांक 210/23 अंतर्गत धारा 324,307,506,302,120 बी, भा. द बी के तहत हटा कोर्ट के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार कौशिक ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 10 - 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। एवं 1 आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त किया है। 

प्रकरण में अपर लोक अभियोजक श्री दिलीप सिंह ठाकुर ने बताया है कि घटना दिनांक 2/5/2023 की रात में धर्मेंद्र पिता जगत सिंह लोधी उम्र 28 वर्ष अपने घर मे खाना खाकर बैठा था। तभी बाहर से अभियुक्त गण चिल्लाकर उसे बाहर बुलाते हैं। धर्मेंद्र बाहर जाता है तो अभियुक्त नीरज मटका निवासी दमोह उसकी आँखों मे मिर्ची डाल कर अभियुक्त अमन रजक द्वारा धर्मेंद्र लोधी के पेट मे बाई तरफ चाकू से काफी गहरा बार किया जाता है। जिसके तत्काल बाद पिता जगत सिंह के द्वारा धर्मेंद्र को हटा के सिविल अस्पताल में ले जाया जाता है। चोट की गंभीर स्थिति को देखते हुए पहले दमोह फिर जबलपुर रेफर किया जाता है। जहाँ करीब 25 से 30 घंटे इलाजरत रहते हुए ऑपरेशन किये जाने के बाबजूद भी आहत को बचाया नही जा सका और उसकी मृत्यु हो गई।जिसकी सूचना पर अज्ञात व्यक्तियो के खिलाफ अपराध क्रमांक 210/23 थाना हटा में पंजीबद्ध किया जाता है।

 विवेचना के दौरान पुलिस को जानकारी मिलती है कि दमोह निवासी 6 आरोपीगण द्वारा मृतक के पड़ोसी अनिल चक्रवर्ती एव उसकी पत्नी आरती के कहने पर सुपारी लेकर आरोपी गण द्वारा यह घटना कारित की गई है। जिसमे पुलिस द्वारा सर्व प्रथम विशाल रैकवार के प्रकटन कथन में मामले का खुलासा होने के आधार पर विवेचना पूर्ण कर उपरोक्त 6 आरोपी गण के विरुद्ध प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमें पाँच आरोपी गण अमन रजक, बिशाल रैकवार, प्रवेश यादव,नीरज चक्रवर्ती उर्फ नीरज मटका,मोनू उर्फ मोहित चक्रवर्ती को अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए धारा 302 भा.द.बी में आजीवन कारावास तथा 10 -10 हजार रुपए अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है। 

वही साक्ष्य के अभाव ने नूर उल इरफान निवासी दमोह को दोष मुक्त किया गया है। प्रकरण में अभी अभियुक्त अनिल चक्रवर्ती फरार है।बाकी आरोपी हटा उप जेल में निरुद्ध थे अभियोजन के ओर से पैरवी दिलीप सिंह ठाकुर अतिरिक्त लोक अभियोजक की ओर से की गई। एवं फरयादी के अधिवक्ता राम नारायण गर्ग की ओर से अभियोजन सहियोग किया गया

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