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दमोह छतरपुर जिले की सीमा पर इस गुफा में है 5 फुट लंबा अदभुद शिवलिंग.. पहाडी पत्थर के गौथन से होता है पल पल अभिषेक.. लेकिन यहां तक पहुचना है बेहद मुश्किल

जोगीदण्ड गुफा में स्थित 5 फुट लंबा अद्भुत शिवलिंग
दमोह। जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर एवं हटा तहसील मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर दमोह जिला व हटा तहसील और अनुविभाग का अंतिम गांव चौरईया की जंगल व पहाड़ियों पर बराना नदी के किनारे जोगी दण्ड गुफा है, विडम्बना यह है कि गुफा तक पहुंचने के लिए कोई सीधा मार्ग न होने के कारण छतरपुर जिला के लुहरपुरा गांव होकर पुनः जिला की सीमा में प्रवेश करना करना पडता है, जिसके कारण अधिकांश लोग इसे छतरपुर जिला की सीमा में मानते है।
जोगीदण्ड गुफा वन विभाग, बफर जोन पन्ना रिजर्व टाइगर की जमीन पर जंगल के बीचोंबीच एक पहाड़ पर स्थित है, गुफा के प्रवेश स्थल पर पहाड़ एक छतरी आकार में कटा हुआ है, यहां दो गुफाएं है एक गुफा में मानव का प्रवेश संभव नही है, वही दूसरी गुफा में करीब सात सौ से आठ सौ मीटर की दूरी पर एक अद्भुत शिवलिंग है। पाषाण का बना यह शिवलिंग करीब पांच फुट का है, इस शिवलिंग के ठीक ऊपर पहाडी पत्थर का गौथन आकार है, जिसमें से सदैव जलधारा बूंद बूंद इस शिवलिंग पर गिरती है, जो पूर्णतः प्राकृतिक है, गुफा के अंदर तक पहुंचने के लिए भक्तों को टार्च आदि लाइट का सहारा लेना पडता है, यहां आज तक कोई भी भौतिक संसाधन की सुविधा नहीं है। जंगल के बीचोंबीच होने के कारण इन गुफाओं में यदाकदा जंगली जानवरों का भी डेरा बना रहता है। कमजोर हृदय वालों को यहां जाना वर्जित है।
यदि इस स्थान को आधुनिक सुविधाओं सहित विकसित किया जाता है तो बफर जोन के पर्याटकों को एक दर्शनीय  एवं तीर्थस्थल से जोडा जा सकता है। जहां प्राकृति और पर्यावरण का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। आसपास के लोग यहां दर्शनार्थ के साथ साथ पिकनिक मनाने आते है, सावन के माह में एवं शिव जी से जुड़े पर्वो पर यहां भक्तों की भीड़ उमडती है। यहां पर नागा संत फलहारी बावा विगत कई वर्षो से अपना डेरा डाले हुए है, यहां शिवार्चन के साथ साथ भगवत कथा जैसे आयोजन भी भक्तों के द्वारा आयोजित किये जाते है।
दुर्गम रास्ता नहीं रोक पाता भक्तों की आस्था को- आज भारत ने जहां अटल टर्मिनल जैसे का निर्माण कर असंभव को संभव कर दिया है, वहीं जन प्रतिनिधियों की जानकारी से दूर इस अनूठे धार्मिक स्थल तक पहंुचने के लिए भक्तों को कठिन मार्ग से होकर जाना पडता है। चौरईया के पास वाले इस स्थल तक पहुंचने के लिए बराना नदी को पार करते हुए उबड खाबड मार्ग से जाना पडता है। दुर्गम रास्ता भी भक्तों की आस्था को रोक नहीं पाता है, श्रद्धालु दर्शनार्थ गुफा तक पहुंच ही जाते है। पर्याटन मंत्री धर्मेन्द्र सिंह मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति एवं पर्याटन राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि जोगीदण्ड जैसे अद्भुत स्थल के बारे में अभी तक किसी ने बताया नहीं जानकारी संग्रहित करके वहां विकास की पहल की जायेगी। दुर्गम गुफा से संजय जैन की रिपोर्ट
इंडोनेशिया के समुद्र के अंदर विष्णु जी मंदिर
इंडोनेशिया के समुद्र के अंदर श्रीमन्नारायण विष्णु जी का मंदिर  । 53 सेकेण्ड में दर्शन कीजिए और भजिए  श्रीमन्नारायण नारायण नारायण।

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