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जनसुनवाई 11 जून से, शिकायतें ऑटोमेटेकली सीएम हेल्पलाइन में जुड़ जाएंगी.. कार्यालय प्रमुख अपने आफिस में करेंगे सुनवाई.. कलेक्टर कार्यालय में टोकन आधारित व्यवस्था शुरू..

 कार्यालय प्रमुख अपने आफिस में करेंगे जनसुनवाई
दमोह। निर्वाचन संपन्न होने के साथ आदर्श आचरण संहिता की अवधि समाप्त हो गई हैं। आगामी मंगलवार 11 जून से जन सुनवाई नियमित रूप से प्रारंभ हो जाएगी। जनसुनवाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया हैए यही वह व्यवस्था हैंए जहां पर जिले की जनता अपनी.अपनी समस्याएं और शिकायतें लेकर आती हैं। यदि उनका निदान समय पर हो जाता हैए तो यह प्रशासन काए सुशासन की दिशा में बढ़ाया हुआ एक बड़ा कदम हैए इसलिए जनसुनवाई हमारा बहुत बड़ा फोकस एरिया हैए इसको बहुत सुंदृढ़ बनाने का निर्णय लिया है। इस आशय के विचार कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने जनसुनवाई को लेकर व्यक्त किए।

कलेक्टर श्री कोचर ने कहा अगले 11 जून से प्रातः 10 बजे से लगातार जनसुनवाई शाम तक चलेगी।  उन्होंने कहा पहले यह व्यवस्था थी की अलग.अलग विभागों केआधिकारी कलेक्टर कार्यालय में आकर बैठते थे लेकिन अब शासन के निर्देशों के अनुरूप यह व्यवस्था करने के आदेश जारी कर दिए हैं कि जिला कलेक्टर कार्यालय के अलावा अधिकारी कार्यालय प्रमुख जिला कार्यालय और विकासखंड कार्यालय में अनिवार्य रूप से जन सुनवाई करेंगे वे वहीं रहेंगे वहीं पर बैठकर जनसुनवाई करेंगे। कलेक्टर कार्यालय में जिला कलेक्टर और जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में अपर कलेक्टर या डिप्टी कलेक्टर जो ऑथराइज्ड होगेंए वे जनसुनवाई करेंगे। इस प्रकार यह एक बड़ा परिवर्तन है जिसमें जिले के अधिकारियों को यहां पर नहीं बैठना होगाए वे अपने कार्यालय में बैठेंगे और वहीं पर लोगों की समस्याओं को सुनेंगेए इससे शासन के निर्देशों के अनुरूप विकासखंड स्तर तक लोगों की जनसुनवाई हो सकेगी और उनको जिले में अपनी समस्याओं को लेकर नहीं आना पड़ेगा।
कलेक्टर ने कहा एक दूसरा फायदा यह होगा कि जो लोग जिले में अपनी समस्या लेकर  आते हैं उनके समाधान के लिए विकासखंड स्तर पर या दूसरे कार्यालय में तत्काल चर्चा की जा सकेगी और अधिकारी उनका समाधान करने की स्थिति में रहेंगे। यदि आवश्यकता पड़ेगी तो संबंधित आवेदकों को तुरंत उन अधिकारियों के ऑफिस भेजा जा सकेगाए जिससे उनका समाधान वे ऑफिस में रहकर कर सकेंगे।
कलेक्टर श्री कोचर ने कहा कुछ ऐसे विभाग है जिनके दफ्तर जिले में सभी जगह फैले हुए हैंए ग्रामीण विकासए राजस्व विभागए नगरीय विकास और पुलिस इनके दफ्तर अलग.अलग जगह पर भी हैंए इन विभागों के एक.एक व्यक्ति को नोडल बनाया गया है और यह जो चार नोडल रहेंगेए यह यहां आएंगे उनके विभागों से संबंधित जो विषय हैंए वह कंसोलिडेटेड करके अपने पास से उनके पेपर को ले जाएंगे और कोऑर्डिनेटर करेंगे कि इन समस्याओं का समाधान जितना जल्दी हो सके वे करेंगे। उन्होंने कहा पुलिस विभाग नगरीय विकास राजस्व विभाग और ग्रामीण विकास के एक.एक व्यक्ति रहेंगे।  एसडीएम जनसुनवाई का एक लॉगइन होता है और प्रतिदिन एसडीएम लॉगइन पर जो.जो उनके विकासखंड या अनुविभाग तहसील स्तर पर जन सुनवाई में शिकायतें आयेंगी एसडीएम का यह दायित्व होगा कि वह अपनी लॉगइन से इन सभी की एंट्री करायें।
जनसुनवाई में जितने भी शिकायतें आती हैं वह ऑटोमेटेकली सीएम हेल्पलाइन में जुड़ जाएंगी इस प्रकार के स्ट्रक्चर पर हम काम करेंगे। सभी संबंधितों को निर्देशित कर दिया गया है की जनसुनवाई में जितने लोग भी आते हैं विकासखंड कार्यालय और जिला के अन्य कार्यालय में प्रातरू 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक जनसुनवाई होगीए कलेक्टर कार्यालय में जितने हितग्राही आएंगे उनके हिसाब से जनसुनवाई और लंबी भी चल सकती है।  यदि किसी मंगलवार के दिन अवकाश होता है तो अगले दिन जन सुनवाई की जायेगी इसके लिए समय पर लोगों को अवगत कराया जाएगा और सभी कार्यालय को निर्देशित किया गया है कि जो भी आवेदक आयेंगे उन्हें सम्मानपूर्वक बैठने पीने के पानी की और अन्य बुनियादी सुविधाओं सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। प्रयास होगा की समस्याओं का निराकरण जितना जल्दी हो सके और पात्रता के अनुसार यदि मौके पर ही हो सके तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। जनसुनवाई को सुशासन का एक बहुत बड़े उपकरण के रूप में जिले में एस्टेब्लिश कर पाए और बेहतर से बेहतर लोगों को सुविधा दे पाए।
उन्होंने कहा प्रयास है एक व्यक्ति यदि एक बार जनसुनवाई में आता है तो उसको दोबारा जनसुनवाई में लौटकर न आना पड़े हम उसका समाधान इस जनसुनवाई में ही निकालें यदि उसका समाधान संभव है तोए इसलिए यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कलेक्टर कार्यालय में ग्राउंड फ्लोर पर जनसुनवाई रूम में जिला कलेक्टर सुबह से जनसुनवाई के लिए बैठेंगे। अभी तक यह होता था कि कॉरिडोर में लोग बैठते थे अब कॉरिडोर की बजाय जहां जनसुनवाई हो रही है वहीं पर चेयर्स लगाई जाएगी उसी कक्ष में सभी आवेदक बैठेंगे वहां पर उनके लिए पेयजल शौचालय और सारी मूलभूत व्यवस्थाएं हैं वह माकूल की जाएंगे और कोशिश की जाएगी एक.एक आवेदन को ध्यान से सुना जाए और उनको पर्याप्त समय दिया जाए इसलिए टोकन आधारित व्यवस्था रहेगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टोकन मिलेगा सभी लोग अपनी सीट पर धैर्य से बैठेंगे अपनी बारी आने का इंतजार करेंगे जैसे ही उनके टोकन की पुकार लगेगी वह आकर कलेक्टर के सामने अपनी बात रख सकते हैं इसके लिए कलेक्टर की कुर्सी के सामने उनकी कुर्सी लगाई जाएगी और वह अपनी बात कलेक्टर के समक्ष रख सकेंगे

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