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जल गंगा संवर्धन अभियान तहत फुटेरा तालाब में सफाई अभियान.. तालाब भी यहां की प्राकृतिक संपदा है, जिसको सहेजने का काम करने वाले असली जल योद्धा हैं.. कलेक्टर श्री कोचर

 जल गंगा संवर्धन तहत फुटेरा तालाब में सफाईद

मोह।  राज्य शासन का यह अभियान 5 जून से 16 जून तक  दमोह के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन चलाया जा रहा है। यह अभियान सही अर्थों में जनता का अभियान है और जनता अभियान को चला रही है। इसी श्रृंखला में आज स्थानीय फुटेरा तालाब में श्री नित्या प्यासी  और श्री नंदन चक्रवर्ती ने जो कदम उठाया हैए इनके संयोजन में हम सभी जुटे हैं और काम कर रहे हैं।मुझे लगता है कि इसका श्रेय इन लोगों को जाना चाहिए। इस आशय के विचार आज प्रातः कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने राज्य सरकार के जल गंगा संवर्धन अभियान और जल सहेजने का एक बड़ा अभियान के तहत फुटेरा तालाब की सफाई के दौरान व्यक्त किए।

कलेक्टर श्री कोचर ने कहा मुझे बताया गया है कि चक्रवर्ती जी पूरे 365 दिन यहां पर काम करते हैं असली जल योद्धा तो ऐसे ही लोग हैं। यहां प्यासी जी लगातार फुटेरा तालाब संरक्षण के लिए काम करते रहे हैं इनकी पूरी टीम और उनके अलावा संत निरंकारी समाज और जन अभियान परिषद बहुत सारे सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि यहां पर उपस्थित है सभी ने सुबह 7 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक श्रमदान किया है। हमारा प्रयास रहेगा कि लगभग प्रतिदिन इस तरह का अभियान चलाया जाए। कल हम पुरेना तालाब पर काम करेंगे। अभी 16 जून तक यह कार्यक्रम होंगे फिर गंगा दशहरे का आयोजन होगा। कलेक्टर श्री कोचर ने कहा दमोह में जितनी पुरातत्व संपदा है तालाब भी यहां की पुरातात्विक धरोहर है। यदि सही अर्थों में देखा जाए तो मंदिर और मॉन्यूमेंट्स ही नहीं तालाब भी यहां की प्राकृतिक संपदा है जिसको सहेजने का काम समाज के नेतृत्व में करेंगे और हम लोग पीछे से सपोर्ट करेंगे इस पूरे अभियान में।
उन्होंने कहा आप सभी को इसका श्रेय जाता है एसडीएम आरएल बागरी सीएमओ नगर पालिका सुषमा धाकड़ नगर पालिका के इंजीनियर नगर पालिका के सफाई कर्मी और बाकी सभी अधिकारी .कर्मचारी भी यहां पर उपस्थित है इस अभियान में जनता का सहयोग करने के लिए। मुझे पूरा विश्वास है कि यदि हम ऐसे ही काम करते रहेंगे तो कुछ दिनों में ऐसे ही सामाजिक जन चेतना फैलेगी की इन चीजों को साफ रखने के लिए कोई अभियान चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कलेक्टर श्री कोचर ने कहा जब पानी निर्मल होता है तो जलकुंभी नहीं होती है इसका मतलब यह है कि इस पानी में कहीं से गंदा पानी मिलता हैए सबसे पहले हमारा टारगेट है कि गंदा पानी सीवेज का या कोई और पानी इस तालाब में ना मिले। ऐसी स्थिति में सरकार की योजना अमृत.2 है उसके अंतर्गत तीन तालाब लिए गए हैं और हम प्रयास करेंगे कि इस काम के साथ.साथ तलाब में मिलने जो गंदा पानी आ रहा है इसको डायवर्ट कर दें या फिर इसके लिए हम ट्रीटमेंट प्लांट लगा करके पानी को साफ करने का काम करेंगे। साथ में यह भी देखा जा रहा है कि जलकुंभी को स्थाई रूप से खत्म करने के लिए कोई और समाधान हो सकते हैं। यदि कहीं से इसका परमानेंट सॉल्यूशन मिलता है तो उस पर भी काम किया जाएगा।
कलेक्टर श्री कोचर ने जनमानस से कहा पर्यावरण नशा मुक्ति तालाबों. झीलों का संरक्षण अभी तक जो हमारा नॉरेटिव हैए वह यह कहता है की कलेक्टर के नेतृत्व में अभियान चलाओ और समाज साथ में आए। समाज के नेतृत्व में अभियान चलाओ और कलेक्टर पीछे आए। जब तक कलेक्टर आगे रहेंगे जब तक जिला प्रशासन आगे रहेगा तब तक ऐसे अभियानों का लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन नहीं निकल पाएगाए जब समाज आगे आएगा तभी ऐसी समस्याओं का लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन निकल पाएगा। उन्होंने सभी से आवाहन किया कि आप इसका नेतृत्व करिए हम पीछे से साथ में खड़े हैं और जैसे.जैसे आपके हाथ में नेतृत्व जाता जाएगा इनकी दशा और दशा अपने आप बदलने लगेगी।

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