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गजरथ फेरी के साथ वनांचल के गांव सादपुर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सेव संपंन.. जब‍ 6 दिन के धार्मिक अनुष्ठाषन में पत्थर भगवान बन सकता तो इंसान क्यो नहीं.. उपाध्यांय मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज

गजरथ फेरी के साथ पंचकल्याणक महोत्सेव का समापन
दमोह। जिले के हटा अनुविभाग व बटियागढ़ जनपद के सुदूर गांव सादपुर में जैन समाज द्वारा प्रथम बार आयोजत पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य गजरथ फुरी के साथ धूमधाम से समापन हो गया। इस अवसर पर पूज्य गणाचार्य श्री विरागसागर जी महारज के सुयोग्य शिष्य उपाध्याय मुनिश्री विरंजन सागर जी महाराज का ससंघ सानिध्य पूरे आयोजन के दौरान प्राप्त हुआ।
आयोजन में निरंतर सहयोग करने वाले कार्यकर्ता स्वयंसेवियों का सम्मान आयोजक समिति के द्वारा किया गया। मंगल देशना के उपरांत आयोजन स्थल पर गजरथ फेरी प्रारंभ हुई, सप्तम अश्व पर धर्मध्वोजा लेकर युवा चल रहे थे, गाजे बाजे के साथ मुनि संघ, रथ पर श्रीजी को लेकर सारे पात्र इन्द्र इन्द्राणी चल रहे थे, कुबेर इन्द्र द्वारा रत्नों की वर्षा की जा रही थी, बडी संख्याे में भक्त भी गजरथ फेरी में चल रहे थे, त्रय गजरथ के अतिरिक्त बग्गी में महोत्स्व के पात्र बैठे हुए थे। आयोजन में आज आसपास के करीब २५ से अधिक गांवों के हजारों लोग पहुंचे, गजरथ फेरी के मनोरम क्षणों को सभी अपने अपने मोबाईल में कैद करने लगे हुए थे, गजरथ फेरी उपरांत संत निवास का भूमि पूजन भी किया गया।
पंचकल्याणक महा महोत्सव के समापन अवसर पर अपनी दिव्य देशना में विशाल जन समूह को संबोधित करते गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परमशिष्य् उपाध्यांय मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज ने कहा कि हुए कुछ दिन पूर्व जिस पाषाण पर कारीगर अपनी छैनी हथोडी से प्रहार करते हुए उसे प्रतिमा का रूप दे रहा था, वह पत्थर जब मूर्ति का आकार लेती है और उसे छै दिन के धार्मिक अनुष्ठान से भगवान बना दिया जाता है तो इंसान जिसे सोचने समझने एवं कुछ करने सबका ज्ञान है वह भगवान क्यों नहीं बन पा रहा है..
मुनिश्री ने कहा कि जिस सूर्यमंत्र से पाषाण भगवान बन जाता है, वैसा की सूर्यमंत्र इंसानो के लिए भी जरूरी है, वह सूर्यमंत्र जो आत्मा को परमात्मा से मिला दे, इसी से इंसान भी भगवान बन सकता है, देश की आजादी जब अहिंसा परमो धर्मः जिया और जीने के आधार पर मिल सकती है तो इसे जीवन में अपनाकर तो देखा, जिन्दगी निखर जायेगी, यदि विजय हासिल करनी है तो अहिंसा धर्म का पालन करना होगा, अहिंसा आज हर देश की आवश्यकता है, मुनिश्री ने वनांचल वासियों से अपने जीवन में शाकाहार अपनाने का आव्हा्न किया और नशा व्यसन से दूर रहने को कहा। इस अवसर पर मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया, हटा विधायक उमादेवी खटीक सहित अनेक जनप्रतिनिधियों, भाजपा कांग्रेस नेताओं सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी रही। संजय/सूरज जैन की खबर
 

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