दमोह की चारों सीटों पर भाजपा का परचम लहराया..
दमोह। जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र से इस बार भारतीय जनता पार्टी का जबरदस्त तरीके से परचम लहराया है। दमोह तथा हटा से भाजपा प्रत्याशीयो ने पचास हजार से अधिक मतों से विशाल जीत दर्ज की है जबकि जबेरा तथा पथरिया से भाजपा प्रत्याशियों ने शानदार जीत दर्ज करके अपने विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया है। दमोह जिले में भाजपा की जीत का शानदार परचम लहराने की वजह मोदी मैजिक के साथ लाडली बहनों का भाजपा के प्रति प्यार उमड़ना माना जा रहा है
इसका अंदाजा अब चुनाव नतीजे से सामने आ रहा है। क्योंकि मोदी की सभा में मौजूद यह सभी 7 प्रत्याशी भारी बातों से जीत दर्ज कर चुके है। जबकि प्रदुम सिंह को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ-साथ महिलाओं के सिर पर लाडली बहन योजना का जादू सर चढ़कर बोलता नजर आया है वही पुरानी पेंशन को लेकर कांग्रेस द्वारा बनाया गया माहौल हवा हवाई साबित हुआ है क्योंकि कर्मचारियों के पोस्टल बैलट में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है।
दमोह हटा से भाजपा प्रत्याशियों की ऐतिहासिक जीत
दमोह विधानसभा क्षेत्र से पूर्व वित्त मंत्री भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया ने 51 हजार 628 वोट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन को एक तरफा मुकाबले में हराया है जबकि बसपा सपा आप पार्टी के प्रत्याशी सहित 17 प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई है।
हटा विधान सभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी उमा देवी खटीक ने कांग्रेस के प्रदीप खटीक को एक तरफा मुकावले में 57 हजार 363 मतों से मात दी है। यहां पर बसपा सहित सात प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई है।
जबेरा पथरिया से भी भाजपा प्रत्याशियों की शानउार जीत
जबेरा से भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह लोधी ने त्रिकोणी मुकाबले में कांग्रेस के प्रताप सिंह को 15 हजार 7450 वोट से शानदार जीत दर्ज की है।
हराया है। यहा पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विनोद राय तीसरे नंबर पर रहे है। यहां से चुनाव मैदान में मौजूद 12 में से 9 प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई है।
इधर पथरिया से भाजपा प्रत्याशी लखन पटेल ने भी त्रिकोणी मुकाबले में कांग्रेस के राव बृजेंद्र सिंह को आठ हजार से अधिक वोट से मात दी है। यहां पर बहुजन समाज पार्टी की श्रीमती रामबाई सिंह तीसरे नंबर पर रही है। यहां चुनाव मैदान में खड़े 17 में से 14 प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई है।
पिछले चुनाव में करीब आठ सौ वोट से हार गए थे मलैया.. पिछले विधानसभा चुनाव में आठसौ से कम वोटो से पीछे रह गए श्री जयंत मलैया की जगह उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राहुल सिंह को प्रत्याशी बनाया था। जिससे गुस्साए मतदाताओं ने कांग्रेस के अजय टंडन को 17 हजार से अधिक वोटो से जिता दिया था। भाजपा प्रत्याशी के प्रति जनता की नाराजगी को अजय टंडन अपनी भारी जीत समझते आ रहे थे। और इसी का नतीजा था कि इस बार श्री मलैया से चुनाव में सीधा मुकाबला होने पर उन्होंने सैकड़ो लोगों के बीच में ताल ठोक कर भाजपा तथा मलैया को चुनौती दे डाली थी। इस चुनौती का जवाब भी श्री मलैया ने सहजता से दिया था।
लेकिन जनता ने इसका जवाब ईवीएम की बटन दबाकर ऐसा दिया जो शायद श्री टंडन जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे। इसके 33 साल पहले श्री मलैया को सबसे बड़ी जीत 1990 में अजय टंडन के चचेरे भाई अनिल टंडन के खिलाफ उपचुनाव में मिली थी। उसके बाद से श्री मलैया की जीत का अंतर कम होता गया था। लेकिन उन्होंने अजय टंडन से हुए दोनों मुकाबले में उनको मात दी थी। दोनों के बीच में तीसरा मुकाबला था जिसके कांटे के होने का अनुमान लगाया जा रहा था।
लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दमोह में हुई ऐतिहासिक सभा और श्री मोदी की भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया से आत्मीय मुलाकात ने वोटरों में ऐसा जोश भरा कि उन्होंने कांग्रेस के होश को ही ठिकाने लगा दिया। हालांकि भाजपा की जीत में लाडली बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता।
लेकिन जिस तरह से शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में इस बार श्री मलैया को वोट मिली है उसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता को पिछले 5 साल के खोखले विकास के दावों की प्रति इतना गुस्सा था कि उसने 51 हजार से अधिक वोटो से जयंत मलैया को जिताकर उनके फिर से मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री बनने की आसान कर दी है..
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