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दमोह जिले में नामांकन के दौरान किंग मेकर बनकर उभरा बसपा गोंगपा गठबंधन.. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद पूर्व जनपद अध्यक्ष ने भी भाजपा छोड़ी, BSP का करेंगे सपोर्ट !.. इधर जबेरा में BJP के बागी GGP की आरी चलाने को आतुर..

पूर्व जनपद अध्यक्ष आलोक अहिरवार ने भाजपा छोड़ी

दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दमोह आगमन के पूर्व जिस तरह से हटा विधानसभा क्षेत्र मैं अपना असर रखने वाले दो भाजपा नेताओं ने पार्टी संगठन पर उपेक्षा का आरोप लगाकर भाजपा को अलविदा किया है उसका उसका संदेश दूर तक जाता नजर आ रहा है। 
नवंबर के शुरुआती 3 दिनों में भाजपा के दो बड़े नेता पार्टी संगठन पर उपेक्षा का आरोप लगाकर अपना इस्तीफा दे चुके हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बाद दमोह के पूर्व जनपद अध्यक्ष और हटा से भाजपा टिकट के दावेदार रहे डॉ आलोक अहिरवार ने भी भाजपा संगठन पर उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी की प्राथमिकता से इस्तीफा दिया है। 

यहां उल्लेखनीय की पिछले दो विधानसभा चुनाव से हटा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट मांग रहे आलोक इस बार विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान हटा से बसपा प्रत्याशी भगवान दास चौधरी के साथ मै नजर आए थे। इसके बावजूद पार्टी संगठन ने उनकी नाराजगी को समझने और दूर करने की कोई कोशिश नहीं की। नतीजन मुख्यमंत्री के हटा आगमन के दिन ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री की सभा से अपनी दूरी बना ली और अपना इस्तीफा भाजपा जिला अध्यक्ष को भेज दिया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नवंबर के तीसरे दिन दमोह जिले के पथरिया विधानसभा के बटियागढ़ मैं भाजपा प्रत्याशी लखन पटेल तथा हटा विधानसभा से बात तो प्रत्याशी उमा देवी खटीक के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लाडली लक्ष्मी से लेकर अन्य योजनाओं को जमकर बखान किया लेकिन पार्टी के पुराने नेता रूठ कर क्यों दूर हो रहे हैं इसको लेकर कोई बात नहीं की।

 उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के बटियागढ़ आगमन के पूर्व ही पथरिया से भाजपा प्रत्याशी के सजाती बंधु कुर्मी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल पार्टी भी संगठन पर उपेक्षा का आरोप लगाकर भाजपा से इस्तीफा दे चुके थे। पिछली बार उन्होंने पथरिया से भाजपा टिकट की मांग भी की थी तथा निर्दलिय फॉर्म भी भरा था। बाद में सांसद प्रहलाद पटेल के कहने पर यह मान गए थे। इस बार सांसद को केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल दमोह के चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं ऐसे में उनके समर्थक नेता भी अब पार्टी से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।

वर्तमान में भाजपा के कर्ताधर्ता बने नेता भले ही बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने के निर्णय को हल्के में ले रहे हो लेकिन जिन वर्गों से यह नेता आते हैं उन समाज के अनेक लोगों ने भी उनके निर्णय सही बताना शुरू कर दिया है। जबकि भाजपा संगठन से जुड़े लोग इन सब हालातो से बेफिक्र दूसरी पार्टी नेताओं की भाजपा में एंट्री से खुश नजर आ रहे हैं। उल्लेखनीय की बटियागढ़ में भाजपा की सभा के दौरान कांग्रेस तथा बसपा के कुछ नेताओं द्वारा भाजपा में शामिल होने की घोषणा की गई है जिससे भाजपा के नेता काफी खुश नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर पार्टी छोड़ने वाले नेता यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि भाजपा में अब पुराने जमीन से जुड़े नेताओं की नहीं बल्कि चुनाव के समय आने वाले मौसमी नेताओं की जरूरत ही रह गई है..

नामांकन के दौरान किंगमेकर बन उभरी बसपा गोंगपा

दमोहः जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में नामांकन प्रक्रिया के दौरान बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठजोड़ किंग मेकर जैसा उभरता हुआ नजर आया है। भाजपा कांग्रेस की विधानसभा टिकट से बंचित नेताओं की पहली पसंद बहुजन समाज पार्टी तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी रही है। कांग्रेस छोड़ने वाले भगवानदास चौधरी और प्रताप रोहित को बसपा ने हटा तथा दमोह विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि जबेरा से पहले विनोद राय और फिर रजनी ठाकुर को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था।

जबकि पथरिया से बसपा विधायक श्रीमती रामबाई सिंह पहले से ही पार्टी प्रत्याशी रही है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जबेरा में बसपा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भाजपा से बगावत करने वाले जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि विनोद राय को प्रत्याशी बनाया है। यहां से कांग्रेस नेत्री रजनी ठाकुर भी गोंगपा टिकट के लिए आतुर थी। बसपा इनको प्रत्याशी बना भी चुकी थी लेकिन गोंगपा द्वारा विनोद राय को प्रत्याशी घोषित कर दी जाने के बाद उन्होंने अपना फार्म वापस ले लिया।

कांग्रेस बीजेपी से बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़ रहे तीनों नेता अपने-अपने क्षेत्र में अपने सामाजिक वोट बैंक पर व्यापक पकड़ रखते है। ऐसे में पथरिया के बाद हटा दमोह में बसपा के हाथी पर सवार हो क्योंकि अहीरवाल चौधरी समाज के नेता चुनाव में दोनों दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने को आतुर है वही जबेरा क्षेत्र से नेता गोंडवाना पार्टी के प्रत्याशी भी भाजपा के बड़े वोट बैंक में आरी चलाने की तैयारी में है। जबकि पथरिया से बसपा विधायक श्रीमती रामबाई सिंह पहले से अपने विरोधी दलों की नींद उड़ाए हुए हैं। पिक्चर अभी बाकी है

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