कांग्रेस की दूसरी सूची मे दमोह से अजय टंडन का नाम
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के 36 घंटे पहले कांग्रेस ने अपने 88 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। जिसमे महिला प्रत्याशियों पर ज्यादा भरोसा जताया गया है। सागर जिले की चारो सीटों पर महिला प्रत्याशियों को नाम घोषित किए गए हैं। इधर दमोह विधान सभा से एक बार फिर उपचुनाव विजेता अजय टण्डन पर भरोसा जताते हुए उनके नाम पर स्वीकृत की मोहर लगा दी गई है। कांग्रेस की पहली सूची में 144 नाम आए थे दूसरी में 88 नाम आए है। जिससे कुल 232 नाम हो गए है जबकि मप्र में कुल 230 विधानसभा क्षेत्र है
दमोह से अजय टंडन को फिर से टिकट की घोषणा के बाद अब भाजपा की ओर से उनके चिर परिचित प्रतिद्वंदी बनाम पारिवारिक मित्र सहयोगी वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मंत्री जयंत मलैया के नाम की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल इसके पूर्व जयंत मलैया और अजय टंडन के बीच में दो बार 1998 एवं 2003 में कांटे का मुकाबला हो चुका है। हालांकि हर बार अंत में बाजी श्री मलैया के पक्ष में रही
वहीं ढाई साल पहले हुए उपचुनाव में श्री मलैया की जगह अजय टंडन के मुकाबले भाजपा ने राहुल सिंह को मैदान में उतारा था। जिनको श्री टंडन ने 17 हजार से अधिक वोटो से पराजित किया था। लेकिन अब बदले हुए हालत में भाजपा के पास अजय टंडन के मुकाबले जयंत मलैया के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। हालांकि श्री मलैया के बेटे सिद्धार्थ का नाम भी भाजपा टिकट के लिए चलता रहा है लेकिन टंडन के मुकाबले वह कमजोर साबित होंगे।
इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी विधायक अजय टण्डन के मुकाबले भाजपा नेतृत्व एक बार फिर से वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को फिर से दमोह से भाजपा का प्रत्याशी घोषित कर दे तो आश्चर्य नहीं होगा। हालांकि अब श्री मलैया के लिए यह चुनाव तथा मुकाबला पहले जैसा आसान नहीं होगा। क्योंकि पिछले 5 साल मैं परिस्थितियों काफी बदल गई है। फिर भी इतना तय है यदि श्री मलैया मैदान में रहेंगे तो टंडन के लिए यह चुनाव वैसा आसान नही होगा जैसा वह राहुल सिंह के मुकाबले जीत गया थे।
भाजपा प्रह्लाद को टिकट देती तो मुकाबला रोचक होता
भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आधा दर्जन से अधिक सांसदों को जिनमे तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल है को इस बार विधानसभा टिकट देकर सभी को हैरत में डाल दिया है। हालांकि इनमें से अधिकांश सांसदों को उनके क्षेत्र की हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी घोषित किया गया है लेकिन दमोह सांसद व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल तथा सीधी सांसद रीति पाठक इसके अपवाद है।
श्री पटेल को उनके भाई जालम सिंह पटेल की विधायक वाली सीट नरसिंहपुर से भाजपा ने टिकट दी है। जबकि यदि श्री पटेल अपने संसदीय क्षेत्र की दमोह विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते तो मुकाबला बेहद रोचक होता तथा उनको लोकसभा चुनाव के पूर्व अपने 9 साल के दमोह के कार्य काल का आकलन करने का अवसर भी प्राप्त होता। भाजपा हाई कमान को अभी भी इस बात पर विचार करना चाहिए की श्री पटेल को दमोह विधानसभा से प्रत्याशी बनाये जिससे इसका फायदा भाजपा को पूरे बुंदेलखंड में मिल सके। वैसे भी नरसिंहपुर से तो उनके भाई जालम सिंह पहले से विधायक है तथा अब भी वह यहा से आसानी से जीत सकते हैं..
जबेरा तथा हटा से भाजपा प्रत्याशियों का इंतजार
दमोह जिले की चार विधानसभा सीटों में से कांग्रेस जहां तीन पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा पहली सूची में कर चुकी है वही दमोह से विधायक अजय टंडन की घोषणा भी कर दी गई है। इधर भाजपा द्वारा पथरिया से पूर्व विधायक लखन पटेल के नाम की घोषणा एक माह पूर्व पहली सूची में कर दी गई थी। वही दमोह की तरह हटा तथा जबेरा से वर्तमान विधायक की टिकट को भाजपा होल्ड पर रखे हुए हैं।
21 अक्टूबर से मध्य प्रदेश में चुनाव नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है ऐसे में जल्द ही भाजपा की पांचवी सूची जारी होने की उम्मीद की जा रही है। जिसमें दमोह के साथ हट्टा तथा जबेरा की प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी तय है। जबेरा से विधायक धर्मेंद्र सिंह के साथ पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री दशरथ सिंह टिकिट की दौड़ में है। वही पिछले चुनाव के बागी प्रत्याशी ऋषि लोधी के अलावा जबेरा जनपद अध्यक्ष प्रति विनोद राय भी टिकट की आस लगाए हुए हैं। इधर हटा से विधायक पीएल तंतुवाय के साथ पूर्व विधायक उमा देवी खटीक तथा दमोह जनपद के पूर्व अध्यक्ष आलोक अहिरवार भाजपा टिकट की दौड़ में बने हुए हैं।
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