पथरिया विधायक परिवार की बड़ी मुश्किलें
जबलपुर उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी चंदू सिंह और फुकलु को पाठक हत्याकांड में मिली जमानतों को निरस्त करने का आदेश पारित किया था दरअसल देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के पीड़ित पुत्र सोमेश द्वारा इन आरोपियों को पूर्व में पाठक हत्याकांड के ट्रिपल मर्डर में हाइकोर्ट से मिली जमानतों को इस आधार पर चुनोती दी थी के इन्हीं आरोपियों ने पाठक हत्याकांड में जमानत पर रहते हुए देवेंद्र चौरसिया की हत्या की थी जिसके चलते इन्होंने अपनी जमानत का दुरुपयोग किया है व वर्तमान चौरसिया हत्याकांड को अंजाम दिया है..
पीड़ित सोमेश की ओर से उच्च
न्यायालय में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने न्यायालय को बताया
के इन्हीं आधारों पर सुप्रीम कोर्ट ने गोविंद सिंह की सारी अपीलों की
जमानतें निरस्त कर दी है और इन आरोपियों का मामला भी समान ही है सुप्रीम
कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने आरोपी चंदू एवम फुकलु
की पूर्व की अपीलों में प्राप्त जमानतों को निरस्त कर दिया है।
पाठक परिवार का कोई आपत्तिकर्ता नही हुआ सुनवाई में मौजूद.. पूरे
मामले में एक रोचक पहलू यह भी रहा के इन आरोपियों की जमानत निरस्तीकरण
आवेदन की सुनवाई के दौरान मृतक पाठक परिवार का न तो कोई आपत्तिकर्ता न ही
उनका कोई अधिवक्ता उच्च न्यायालय में हाजिर हुआ सारी पैरवी सोमेश व उनकी ओर
से हाजिर वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा उच्च न्यायालय में कई गई।
क्या होगा इस फैसले का असर.. मामले
को स्थानीय विचारण न्यायालय में देख रहे अधिवक्ता गजेंद्र चौबे व मनीष
नगाइच ने बताया के निश्चित तौर पर उच्च न्यायालय का यह फैसला पीड़ित परिवार
को राहतकारी है और इस तरह के फैसलों से समाज मे अपराध और उसे करने वालो की
पृवत्ति पर अंकुश लगेगा जिसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
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