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सागर लोकायुक्त की टीम ने.. पटवारी के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर को 18 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा.. तीन लोगों के गरीबी रेखा (BPL) कार्ड बनवाने के एवज में.. उनके अधिवक्ता से 24 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी..

 पटवारी के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर रिश्वत लेते पकड़ा गया

मध्यप्रदेश में लगभग प्रतिदिन भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त कार्रवाई के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद बिना रिश्वत के काम नहीं करने वाले अधिकारी कर्मचारी अपनी आदत से बाज आते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला पन्ना जिले के रैपुरा में सामने आया है जहां सागर लोकायुक्त की टीम ने एक पटवारी के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की है।

पन्ना जिले के रैपुरा में पदस्थ पटवारी रामअवतार वर्मा एवं कंप्यूटर ऑपरेटर भागीरथ सेन को 18 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए बुधवार को सागर से पहुंची लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है। रैपुरा में लोकायुक्त कार्रवाई की खबर लगते ही हड़कंप के हालात निर्मित हो गए तथा लोग यहां पर खुलेआम चल रहा है भ्रष्टाचार के खेल की चर्चाएं करते हुए नजर आए। मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन लोगों के गरीबी रेखा (BPL) कार्ड बनवाने के एवज में उनके अधिवक्ता उमेश कुमार प्रजापति से पटवारी राम अवतार वर्मा के द्वारा आठ हजार के हिसाब से 24 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। बाद में 20 हजार में मामला तय होने के बाद उमेश कुमार प्रजापति एडवोकेट ने दो हजार रुपए देने के बाद सागर लोकायुक्त एसपी कार्यालय पहुंच कर रिश्वत की शिकायत दर्ज कराई थी। 
जिसके बाद 9 अगस्त को एडवोकेट उमेश 18 हजार लेकर पटवारी निवास पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्व चर्चा अनुसार रिश्वत की राशि पटवारी रामअवतार वर्मा को देने के लिए उनकी ओर हाथ बढ़ाया तो पटवारी द्वारा उक्त राशि वहां मौजूद भागीरथ सेन कंप्यूटर ऑपरेटर को देने के लिए कहा गया। भागीरथ सेन ने उमेश प्रजापति से जैसे ही अपने हाथ में रुपए लिए तभी वहां लोकायुक्त पुलिस टीम ने दबिश देकर उसे और पटवारी को रंगे गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेने के आरोप में दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।

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