प्रेस क्लब में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
दमोह।
जिला अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा मामूली बात पर शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं
का प्रकरण एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराए जाने की जानकारी लगने पर सोमवार
को प्रेस क्लब के बैनर तले पत्रकारों ने कलेक्टर मयंक अग्रवाल से मुलाकात
करके मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सोपते हुए जांच की मांग की है।
ज्ञापन
में जानकारी दी गई है कि जिला अस्पताल में अनियमितता और भ्रष्टाचार की
खबरें आए दिन प्रकाशित और प्रसारित हो रहीं हैं जिनसे दुर्भावना रखकर 17
जून को पत्रकार लवी दुबे के खिलाफ कवरेज के दौरान जिला अस्पताल में पदस्थ
मेडिकल ऑफिसर द्वारा गंभीर धाराओं में एक एफआईआर कोतवाली दमोह में दर्ज
कराई गई है। एफआईआर पढ़कर साफ जाहिर है कि पत्रकारों पर दवाब बनाने और जिला
अस्पताल की कारगुजारियो के प्रकाशन और प्रसारण को रोकने के मकसद से ये
पूरी तरह मनगढ़ंत और झूठा मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखित
है कि जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे की सतत निगरानी और
मुख्य द्वार पर गार्डों की तैनाती होने का दावा किया जाता है। ऐसे में बगैर
सीसीटीवी फुटेज से मामले की पुष्टि किए बिना किसी भी व्यक्ति पर गंभीर
धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना न्याय संगत नहीं है। यह की शिकायतकर्ता
ने अपनी रिपोर्ट में पत्रकार द्वारा मरीज का इलाज किए जाने की बात कहना भी
दर्शित किया है, जो किसी भी स्तर पर असंवैधानिक नहीं है।
यह
की जिला अस्पताल में लगातार मरीजों के साथ अभद्रता किए जाने उनसे पैसे
मांगे जाने की शिकायतें हैं, और परिसर में शराब की बोतलें स्टाफ रूम के
समीप पाया जाना सहित कई गंभीर स्थितियां लगातार सामने आ रही हैं। जिसे शासन
प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों के सामने लाया जाना पत्रकारिता से जुड़े
लोगों का दायित्व है। ऐसे में इन स्थितियों को शासन प्रशासन से छिपाने और
पत्रकारिता के दायित्व से विमुख करने के लिए उक्त फर्जी शिकायतें दबाव
लगातार बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो अनुचित है।
इस झूठी FIR से आहत
हैं,और आप से निवेदन करते हैं कि इस मामले में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक
लगाकर उच्च स्तरीय जांच कराकर मामले का खात्मा लगवाए जाने का आदेश देने का
कष्ट करें! निवेदन है कि इस मामले पर दबाब बनाने और अन्य पत्रकारों पर नई
झूठी FIR के लिए, डॉक्टर और स्टाफ सड़कों पर आकर काम बंद हड़ताल भी कर सकता
है जिसके लिए आप जिला प्रशासन को भी निर्देश दें कि दमोह की गरीब जनता को
स्वास्थ्य लाभ मिलने में कोई बाधा न आ सके।
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