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पथरिया थाना पुलिस का एक ओर कमाल.. बिना जांच के अधिमान्य पत्रकार पर किया SCST एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज.. एसपी ऑफिस पहुचकर पत्रकारों ने एएसपी को ज्ञापन सौप कर निष्पक्ष जांच की मांग की..

बिना जांच के अधिमान्य पत्रकार पर किया मामला दर्ज

दमोह। विभिन्न घटनाक्रमों की रिपोर्ट दर्ज करने में जांच के नाम परहीला  हवाली और लेटलतीफी करने वाली जिले की पथरिया थाना पुलिस ने एक पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने में जल्दबाजी दिखाते हुए कमाल कर दिया बिना जांच-पड़ताल के अधिमान पत्रकार के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किए जाने की जानकारी जिला मुख्यालय तक पहुंचने के बाद पत्रकारों ने एसपी ऑफिस पहुंचकर एडिशनल एसपी को ज्ञापन सोते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करके प्रकरण से पत्रकार साथी का नाम हटाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि पथरिया निवासी एवं मध्यप्रदेश शासन से अधिमान्य पत्रकार राम अवतार पाली के ऊपर पथरिया पुलिस थाना में मारपीट सहित एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि मामला दर्ज करने के पूर्व किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा मामले की जांच नहीं की गई थी। आज पत्रकार साथियों ने एक आवेदन पुलिस अधीक्षक के नाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार सिंह को सौंपा, साथ ही मामले में जांच करने की मांग की। 

दरअसल दो दिन पूर्व रामअवतार पाली के परिजनों का विवाद पड़ोस में ही रहने वाले विक्रम खटीक के साथ हो गया था, शराब के नशे में चूर विक्रम द्वारा बाद में निर्वस्त्र होकर मोहल्ले में हंगामा किया और पुलिस थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज की। जिस समय यह विवाद हुआ उस समय पत्रकार रामअवतार पाली घटना स्थल पर ही नहीं थे। इस के बावजूद इसके थाना प्रभारी द्वारा मुख्य आरोपी के तौर पर रामअवतार का नाम लिख दिया गया, इस बात की सूचना थाना प्रभारी को भी दी गई थी लेकिन उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी से जांच कराए सीधा मुकदमा दर्ज कर दिया। आज सभी पत्रकारों ने सामूहिक रूप से एक आवेदन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपकर इस पूरे प्रकरण की जांच करने एवं पत्रकार रामअवतार पाली व उनके परिवार जनों पर जो झूठा मामला दर्ज किया है उसको खत्म करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है इसके पूर्व पथरिया के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश नामदेव की बाइक चोरी करके अज्ञात बदमाश भाग गए थे जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उपरोक्त वरिष्ठ पत्रकार को थाने के अनेक चक्कर लगाना पड़े थे। तथा चोरी गई बाइक की तलाश करने भी जगह-जगह भटकना पड़ा था अंत में गढ़ाकोटा थाना क्षेत्र से उनकी बाइक बरामद हुई थी लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नहीं लगा था। इसी तरह पिछले दोनों पथरिया थाने में अवैध शराब पकड़वाने के लिए पहुंचे कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं करने पर से मामले की कवरेज कर रहे पत्रकारों के नाम अलग से नोट करने में भी पथरिया थाना पुलिस नहीं चूकी थी।
बताने का आशय यही है कि पत्रकार के साथ होने वाली कोई भी वारदात को लेकर पथरिया थाना पुलिस जहां उदासीन रवैया अपनाने में देर नहीं करती है वही देसी पत्रकार का नाम किसी मामले में जबरन घसीटा जाए तो बिना जांच पड़ताल के किस तरह से एफ आई आर दर्ज की जाती है इसका उदाहरण 2 दिन पहले पत्रकार रामअवतार पाली के चल आप दर्ज की गई f.i.r. से लगाया जा सकता है।

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