फिल्म फेस्टिवल में फिल्म ये गांव मेरा की भव्य स्क्रीनिंग
उज्जैन/दमोह।
ग्राम पड़रिया थोबन के सामान्य गांव से स्मार्ट गांव बनने तक के सफर पर
बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ये गाॅव मेरा लगातार सुर्खियां बटोर रही है ओम शिव
शक्ति फिल्म्स इंटरनेशनल के बैनर तले दमोह के युवा निर्देशक और बॉलीवुड
सिनेमैटोग्राफर हरीश पटेल द्वारा बनाई गई इस फिल्म ने हाल ही में देवगिरी
फिल्म फेस्टिवल जलगांव महाराष्ट्र में सर्वोत्कृष्ट प्रथम पुरस्कार प्राप्त
किया था इस फिल्म की प्रथम स्क्रीनिंग महाकौशल फिल्म फेस्टिवल जबलपुर से
हुई थी जहां से फिल्म को अवार्ड और पुरस्कार प्राप्त हुए थे उसके बाद फिल्म
को यूट्यूब रिलीज किया गया था और साथ ही देश के चुनिंदा फिल्म फेस्टिवल
में स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया था..
उज्जैनी फिल्म फेस्टिवल में 220 फिल्में
स्क्रीनिंग के लिए अलग अलग शहरों के फिल्मकारों द्वारा भेजी गई थी जिनमें
से सिर्फ 45 फिल्मों का ही चयन किया गया था जिनमें दमोह की निर्मित फिल्म
ये गांव मेरा भी शामिल थी उज्जैनी फिल्म फेस्टिवल मध्य भारत का बड़ा
फेस्टिवल है जिसमें तमाम बड़ी फिल्म हस्तियों के साथ भारी दर्शकों की
मौजूदगी के बीच फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है कालिदास अकैडमी परिसर में
आयोजित इस दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में अतिथि बॉलीवुड अभिनेता संजय
मिश्रा फिल्म निर्देशक राजेश राठी फिल्म लेखक राज शांडिल्य अभिनेत्री
हिमानी शिवपुरी फिल्म एक्टर समर सिंह राजेश कुमार आदि की मौजूदगी में फिल्म
ये गांव मेरा की स्क्रीनिंग के बाद पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज
उठा..
हर कोई फिल्म में दिखाए गए स्मार्ट गांव पडरिया थोबन और गांव के
आइडियल अनुज बाजपेई के बारे में और विस्तार से जानना चाहते थे जिनके बारे
में निर्देशक हरीश पटेल ने उन्हें गांव आने और गांव को करीब से देखने का
आमंत्रण दिया हरीश पटेल ने कहा कि हमारे भारत की आत्मा गांवों में बसती है
गांव से हमारी संस्कृति परंपरा संस्कार जीवित है हर किसी की शुरुआत किसी ना
किसी पीढ़ी के रूप में गांव से ही हुई है गांव को विकास की ओर ले जाने पर
ही हम समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने बताया कि
बुंदेलखंड में प्रसिद्ध हमारे दमोह में विराजमान बांदकपुर के स्वयंभू श्री
जागेश्वर नाथ के पर भी हमारी आगामी डॉक्यूमेंट्री फिल्म का कार्य चल रहा
है जिसमें मुंबई से बुलाए गए फिल्म कैमरा के साथ अच्छे सेटअप पर कार्य किया
जा रहा है इस फिल्म के माध्यम से श्री जागेश्वर नाथ का इतिहास देश-विदेश
में बैठे जन-जन तक पहुंचेगा हरीश पटेल के साथ इंदौर में कार्यरत गांव के
युवा अनुराग बाजपाई भी फिल्म फेस्टिवल में शामिल रहे..
अनुराग ने बताया कि
हमारा गांव आज फिल्म के माध्यम से अलग-अलग राज्यों के फिल्म फेस्टिवल के
मंच से लोगों तक पहुंच कर उनका ध्यान आकर्षण कर रहा है ये हमारे गांव के
लिए गर्व का विषय है साथ ही इस फिल्म को देखकर कई युवा अपने गांव पर कार्य
करने की सोच बना रहे हैं स्क्रीनिंग के बाद से गांव पडरिया थोबन के लोगों
में हर्ष की लहर व्याप्त है गांव के आइडियल युवा अनुज बाजपेई ने कहा कि इसी
वर्ष बनकर तैयार हुई हमारे गांव पर आधारित फिल्म अभी तक तीन बड़े फिल्म
फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है साथ ही ओम शिव शक्ति फिल्म्स के द्वारा आगे
भी देश के चुनिंदा फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए फिल्म भेजी गई है
जिसके माध्यम से विश्व पटल पर गांव को अंकित कराने का हमारा सपना अब पूरा
हो रहा है यह हमारे दमोह के लिए और हमारे गाॅव के लिए गर्व का विषय है।
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