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जमीन जायजाद के साथ बीमा की रकम बनी शराबी भाई की जान की दुश्मन.. जंगल में गोली मारकर हत्या करने वाला छोटा भाई निकला.. पुलिस विवेचना के बाद एसपी ने किया बटियागढ़ थाना अंतर्गत अंधे हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा..

 जंगल में छोटे भाई ने ही की थी बड़े भाई की हत्या..

दमोह। जिले के बटियागढ़ थाना क्षेत्र के जंगल मे गोली मारकर हुई अंधी  हत्या का पुलिस ने 3 दिन की सघन जांच पड़ताल के बाद खुलासा कर दिया है। हत्या करने वाला और कोई नहीं बल्कि मृतक का छोटा भाई भी निकला है जिसके द्वारा बीमा की राशि एवं पैतृक जमीन हडपने के लालच में अपने ही बड़े भाई की हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच के बाद इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा एसपी राकेश कुमार सिंह ने गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया।

दमोह जिले के बटियागढ़ थाना अंर्तगत 24 अप्रैल को बड़ी चिराई के पास स्थित जंगल में एक व्यक्ति का शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी। उक्त शव की पहिचान सुरेंद्र सिंह पिता मुकुन्द सिंह निवासी ग्राम अगारा की टपरिया के रूप में हुई। पुलिस एवं एफएसएल टीम द्वारा मौके पर पहुँचकर घटना स्थल एवं शव का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण पर प्रथम दृष्टया मृतक की आर्म्स फायर से गोली मारकर हत्या करना पाया गया। जिससे मृतक के चचेरे भाई साहब सिंह निवासी अगारा की टपरिया की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूध्द थाना बटियागढ़ में अपराध क्रमांक 132/ 23 धारा 302 भा0द0वि० पंजीबध्द किया जाकर विवेचना में लिया गया। श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय के द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये अज्ञात आरोपी के विरुध्द ईनाम उदघोषित किया गया ।

प्रकरण की विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्य मृतक के मोबाईल नंबर की कॉल रिकार्ड्स परिस्थितिजन्य साक्ष्य आदि के आधार पर मृतक के छोटे भाई वीरेंद्र सिंह पर संदेह होना पाया गया। जिससे मृतक के भाई वीरेंद्र सिंह से हितमातमली से सघन पूछताछ की गई जिसके द्वारा अपने साथी भान सींग निवासी धौराज के साथ मिलकर अपने बड़े भाई सुरेंद्र सिंह की हत्या करना स्वीकार किया गया। आरोपी वीरेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया कि, " मेरा बड़ा भाई सुरेंद्र सिंह शराब एवं गाँजा पीने का आदि था जिससे वह घर पर अनावश्यक वाद-विवाद करता रहता था तथा उसके कारण में कर्जे में दूब गया था। 


जिसको लेकर करीब छह-सात महीने पहले योजना बनाई थी जिसके चलते मैने अपने बड़े भाई सुरेंद्र सिंह एवं भाभी का बीमा करा दिया था। जिसकी में किश्त भर रहा था मैंने सोचा कि भाई की चुपचाप हत्या कर दूंगा तो बीमा की लाखो रूपये की राशि एवं पैतृक जमीन मुझे मिल जायेगी और भाई की शराबखोरी से भी छुटकारा मिल जायेगा। इसी के चलते मैने दिनांक 22.04.23 को अपने साथी भान सींग के साथ मिलकर बड़ी चराई के पास स्थित जंगल में अपने भाई सुरेद्र सिंह, साथी भान सींग के साथ शराब पी और मौका देखकर भाई सुरेंद्र सिंह को अपने साथ मे लिये बारह बोर के कट्टे से गोली मार दी और फिर पुष्टि के लिये मैने और भान सींग ने सुरेंद्र का तौलिया से गला दबा दिया। किसी को मुझ पर संदेह नहीं हो तो फिर मैंने और भान सींग ने सुरेंद्र का मोबाईल फेक दिया एवं देशी कट्टा छुपा दिये और चुपचाप अपने- अपने घर चले गये थे। फिर अगले दिन अपनी माँ को भेजकर अपनी भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना में करवा दी थी "

प्रकरण में आरोपी वीरेंद्र सिंह पिता मुकुंद सिंह लोधी उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम अगारा की टपरिया एवं आरोपी भान उर्फ चंद्रभान सिंह पिता चंदन सिंह लोधी उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम धौराज थाना बटियागढ़ की निशादेही पर घटना में प्रयुक्त बारह बोर का देशी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, घटना स्थल तक आने जाने मे प्रयुक्त एक मोटरसाईकिल को एवं अपने भाई-भाभी के कराई गई बीमा पालिसी एवं रसीद को जप्त किया गया है तथा आरोपियो को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय मे न्यायिक अभिरक्षा हेतु पेश किया गया है।


एसपी राकेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन एवं श्रीमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय श्री शिवकुमार सिंह तथा श्रीमान एसडीओपी महोदय पथरिया श्री आर. पी. रावत के नेतृत्व में निम्न पुलिस अधिकारी / कर्मचारीयो के द्वारा उक्त अंधेहत्याकाण्ड के आरोपियों को पकड़ने में उत्कृष्ट एवं प्रशंसनीय कार्य किया गया:- उप निरीक्षक सोनाली जैन थाना प्रभारी बटियागढ़, उप निरीक्षक पी डी दुबे, उप निरी. पूरन सिंह, प्र. आर. नर्मदा पटैल, प्र. आर. सौरभ टण्डन, प्र. आर. राकेश अठ्या आर. अक्षय मिश्रा, आर पवन तिवारी, आर. संकेत तिवारी, आर पवन यादव, आर हरिसिंह की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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