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केन्द्रीय विद्यालय में पचासवीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का कलेक्टर ने किया शुभारंभ्र.. जबलपुर संभाग के सागर ढाना छतरपुर हटा दमोह के विद्यार्थीयों ने नवाचार प्रादर्श बनाए.. सिग्रामपुर में निशुल्क आयुष मेगा शिविर का आयोजन..

 केन्द्रीय विद्यालय में 50 वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 

दमोह। जब बच्चे छोटे होते हैं तो बहुत ही प्यारा प्रश्न पूछते हैं क्यों और कैसे आप सबसे पहले क्या करते हैं कि कैसे हुआ और क्यों हुआ लेकिन अपना जो शिक्षा का सिस्टम है हम पढ़ने जाते हैं या कहीं जाते हैं तो समाज होता है जो कहता है कि आपको ऐसा ही करना चाहिए ऐसा करना अच्छी बात है तो हम कई बार ऐसा करते.करते कैसे और क्यों पूछना भूल जाते हैं। यही एक बेसिक वैज्ञानिक स्वभाव है। यह बात आज कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने केन्द्रीय विद्यालय में 50 वीं जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय गणित विज्ञान एवं पर्यावरण प्रदर्शनी  एवं तकनीकी एवं खिलौने विषय वस्तु पर आधारित पचासवीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का संकुल स्तर पर आयोजन के दौरान कही। प्रदर्शनी का उद्घाटन विद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष कलेक्टर मयंक अग्रवाल द्वारा किया गया। इस मौके पर प्राचार्य धर्मेन्द्र सिंह मौजूद थे।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा वैज्ञानिक स्वभाव आगे बढ़ने के लिए इसलिए बहुत जरूरी है कि जब आप नये प्रोजेक्ट करते हैं तब आप पूछते हैं कैसे और क्यों हुआए यह तो सही बात है की लाइट स्ट्रेट लाइन में ट्रेवल करती है सभी को पता है लेकिन कैसे और क्योंए जब आप हाथ लगाते हैं तो परछाई आ जाती है। पहले भी इतने सारे साइंटिस्ट हुए हैं किसी की भी स्कूल की कोई एजुकेशन नहीं हुई थी। आपने बहुत बड़े.बड़े वैज्ञानिको के नाम सुने होंगे लेकिन उनको कभी यह सब स्कूल में तो पढ़ाया नही गया। हम आज बहुत सौभाग्यशाली है कि यह सारी एजुकेशन आप लोगों को पढ़ा दी जाती है लेकिन आप उन लोगों के समय में देखिए उन्होंने केवल अवलोकन किया कि यह तारा बार.बार चमक रहा है जब यह यहां से गिरता है तो इसमें इतना समय लगता है तो यह जो अवलोकन की ताकत है और यह प्रयोग हम भूलते जा रहे हैं। हमारे लिये किताब इसलिए लिखी गई थी कि जो चीजें हो चुकी हैं उनको फिर से न करनी पड़े जो चीज हम समझ चुके हैं उसको बार.बार ना निकालना पड़े इसको और आगे से चालू करें। लेकिन उसके होते.होते यह हुआ कि हम कैसे और क्यों पूछना ही भूल गए हैं।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा अभी आपके प्रोजेक्ट देखे जाएंगे जब आप यह पूछना चालू करेंगे कि कैसे हो रहा है और क्यों हो रहा है इसका जवाब ढूंढने के लिए जब आप सोचेंगे तब अपने से सुझाव निकलेगा। हो सकता है वह सुझाव काम करे या यह हो सकता सुझाव काम नहीं करे लेकिन यदि सुझाव काम नहीं करता तो वह नयी खोज हो जाएगी और सुझाव काम करता हो तो आपके समझ में आ जाएगा। उन्होंने कहा चाहे आप किसी भी ब्रांच के हो आगे कोई भी पैशन परसीव करना चाहते हैं उसमे कैसे और क्यों कहना ना छोड़े हो सकता है लोग आपको थोड़ा डांट दे या टीचर्स और पेरेंट्स भी आपको डांट दे या आपको मना करें लेकिन आप यदि पूछते रहेंगे तो मुझे लगता है कि आप लोग आगे बढ़ते रहेंगे। यही साइंस है और साइंस कुछ नहीं है।  

प्राचार्य धर्मेन्द्र सिंह ने कहा विद्यालय दमोह को इस बार एक अवसर मिला है की क्लस्टर लेवल पर जवाहरलाल नेहरू नेशनल साइंस मैथमेटिक्स एण्ड एनवायरमेंटल एग्जीबिशन साथ ही साथ राष्ट्रीय विज्ञान बाल वैज्ञानिक एग्जीबिशन जो 50 वीं है इनका क्लस्टर लेवल पर आयोजन करवाया गया है। इसके तहत 8 स्कूलों के 56 बच्चे पार्टिसिपेट कर रहे हैं। जैसा आप सभी को मालूम है आज के युवाओं में ढेर सारा जोश हैए उनके अंदर ढेर सारे रचनात्मक आईडियाज होते हैं और उन आइडिया को मूर्त रूप हम प्रोजेक्ट के माध्यम से दे सकते हैं और यही प्रोजेक्ट आगे जाकर स्टार्टअप का रूप ले लेते हैं। इस आयोजन में केंद्रीय विद्यालय संगठन के जबलपुर संभाग के सागर संकुल के चार शहरों सागर ढाना छतरपुर हटा और दमोह के आठ केन्द्रीय विद्यालयों के 71 विद्यार्थीयों ने आठ उप विषयों सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में उन्नति पर्यावरण अनुकूल सामग्री स्वास्थ्य और स्वच्छता परिवहन और नवाचार पर्यावरण सम्बन्धी चिंताएं वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास हमारे लिए गणित पर आधारित चलित स्थिर तात्कालिक एवं नवाचार प्रादर्श बनाए।

बाल वैज्ञानिकों ने अपने शिक्षकों के निर्देशन में चोरी.रोधी अलार्म सिस्टम बेट प्रोजेक्टर रोबोट धुआं अवशोषित करने वाला यंत्र प्लास्टिक के विकल्प हरित प्लास्टिक खाने योग्य मोटे अनाज से बने कटोरे वैदिक प्लास्टरए पर्यावरण अनुकूल घर वर्षा चलित वाइपर हेलमेट यू.टर्न दुर्घटना रोधी प्रादर्श ई.गाडियों को चार्ज करने हेतु तार.रहित स्टेशन कोहरे के समय रेलगाड़ी में लगाने हेतु सुरक्षा यंत्र परिवहन हेतु जल.उर्जा का उपयोग स्मार्ट डस्टबिन दूषित जल उपचार संयंत्र और पानी के स्त्रोतों को साफ करने हेतु रोबोट स्वस्थ रहने के तरीके प्रदर्शित करता हुआ यन्त्रए भूकंप.सूचक यन्त्र विज्ञान.आधारित खिलौनेए सौर और वायु.उर्जा का स्मार्ट उपयोग करने वाले यन्त्र तेल एकत्रित करने वाला जहाज़ सिचाई संयंत्र स्मार्ट शहर और गाँव दीर्घवृत का उपयोग चिकित्सीय क्षेत्र में हमारे दैनिक जीवन में गणित की भूमिका से सम्बंधित प्रादर्श बनाए।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक हटा मनोज अहिरवाल प्रोफ़ेसर पीजी कॉलेज डॉ आलोक जैन और डॉ नेहा जैन निर्णायक मण्डल के सदस्य थे। इन्होने बाल वैज्ञानिकों हेतु आयोजित सेमिनार में एवं कृषि में विज्ञान की भूमिका और आधुनिक संयंत्रों पर चर्चा की एवं विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। विभिन्न उपविषयों के अन्तर्गत केंद्रीय विद्यालय क्रमांक.4 सागर से तनिश नंदनवार केंद्रीय विद्यालय सागर क्रमांक.2 से मधुर इन्दुर्खुया एवं सानिध्य तिवारी केंद्रीय विद्यालय छतरपुर से आस्था पाण्डेय केंद्रीय विद्यालय दमोह से देशान्त कसोटिया अरहम लहरी आशी दुबे एवं पूजा पाण्डेय ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया।
सिग्रामपुर में निशुल्क आयुष मेगा शिविर का आयोजन
दमोह। आयुष पद्धति को बढ़ावा देने एवं प्रचार प्रसार हेतु मध्य प्रदेश शासन के आयुष मंत्री श्री रामकिशोर कावरे के नेतृत्व में आयुष विभाग निरंतर ग्रामीण स्तर पर निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर का आयोजन कर रहा है। इसी तारतम्य में दमोह जिले के कलेक्टर मयंक अग्रवाल के निर्देश पर जिला आयुष अधिकारी डॉ राजकुमार पटेल के मार्गदर्शन में आयुष विभाग दमोह के द्वारा जबेरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिग्रामपुर में निशुल्क आयुष मेगा शिविर का आयोजन किया गया। 

जिसमें जनप्रतिनिधि भाव सिंह एवं सरपंच श्रीमति गुड़िया अजय सोनकर तथा अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में धन्वंतरी पूजन कर शिविर आरंभ किया गया। जिला आयुष अधिकारी डॉ राजकुमार पटेल ने शिविर के उद्देश्य एवं विभागीय गतिविधि की जानकारी दी तथा भाव सिंह ने लोगों को आयुष पद्धति अपनाने का आग्रह किया। शिविर में ब्लड प्रेशर शुगर आदि की निरूशुल्क जांच की गई। वात रोग ह्रदय रोग चर्म रोग श्वास रोग नेत्र रोग सर्दी खांसी बुखार आदि के मरीजों को निशुल्क आयुष औषधि वितरित की गई।

 शिविर में डॉ वैदेही चोरसिया, नोडलअधिकारी डॉ बृजेश कुलपरिया डॉ अनंतराम पटेल  डॉ शिरीष जैन डॉ दशरथ डॉ देवेंद्र एवं पैरामेडिकल स्टाफ का सहयोग रहा। शिविर मे सभी लोगों को योग परामर्श प्रदान किया गया जिसमे 488 लाभार्थी रहे। डॉ वैदेही के द्वारा आभार एवं मुलायम चंद जैन के द्वारा मंच का संचालन किया गया।

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