Ticker

6/recent/ticker-posts

बुंदेली दमोह महोत्सव का आयोजन 28 अप्रैल से 7 मई 2023 तक, बुंदेली गौरव न्यास की बृहद बैठक संपंन.. जिला अस्पताल के डॉ जलज बजाज ने किया रक्तदान.. पेयजल योजना के पाइपों से कॉपर बायर चोरी करने वाले बदमाशों को ग्रामीणों ने पकड़ा..

बुंदेली गौरव न्यास की बृहद बैठक का हुआ आयोजन
दमोह। बुंदेली गौरव न्यास द्वारा आयोजित होने वाला बुंदेली दमोह महोत्सव एक बार फिर आयोजित होगा इसके संबंध में एक बृहद बैठक का आयोजन मलैया मिल परिसर सभागार में किया गया। जिसमें बुंदेली गौरव न्यास के अध्यक्ष अंबालाल पटेल, उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मलैया, केप्टन वाधवा, सचिव प्रभात सेठ, कोषाध्यक्ष कैलाश शेलार, राजेंद्र सिंघई, अखिलेश हजारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

 सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि बुंदेली गौरव न्यास द्वारा 2018 तक 7 वर्षों तक बुंदेली दमोह महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष भी यह आयोजन 28 अप्रैल से 7 मई तक दस दिवसीय आयोजन किया जा रहा है। विगत वर्षों में हम सभी ने महोत्सव का पूर्ण आनंद लिया है। महोत्सव के दौरान हम सभी ने विभिन्न कलाकारों, स्थानीय कलाकारों को देखा है, विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से स्थानीय युवाओं ने प्रतिस्पर्धा में भाग लिया है। आशा है कि इस वर्ष भी आप सभी बुंदेली दमोह महोत्सव का आनंद उठाएंगे।
प्रभात सेठ ने कहा कि बुंदेली गौरव न्यास का गठन 2012 में किया गया था तथा 2012 से 2018 तक बुंदेली दमोह महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य रूप से दमोह की जनता विशेष रूप से बुंदेली दमोह महोत्सव की सफलता के लिए बधाई की पात्र है, केवल दमोह ही नहीं संपूर्ण प्रदेश में बुंदेली दमोह महोत्सव की ख्याति है। इस वर्ष भी बुंदेली दमोह महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, और जिस तरह पूर्व के वर्षों में दमोह की जनता का स्नेह और सहयोग मिला है आशा है इस वर्ष भी वही स्नेह और सहयोग मिलेगा।
कैप्टन वाधवा ने कहा कि विगत वर्षों में बुंदेली दमोह महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है कोरोना काल और कुछ विशेष कारणों से बीच के कुछ वर्षों में आयोजन नहीं हो पाया। परंतु इस वर्ष  एक नई शुरुआत के साथ इसका आयोजन किया जा रहा है, जिस तरह पूर्व के वर्षों में एक टीम की तरह आयोजन किया गया, इस वर्ष भी हम सभी एक टीम की तरह महोत्सव का आयोजन करेंगे।
बैठक में मुख्य रूप से मुकेश जैन, प्रेमलता नीलम, पार्षद कविता राय, बीडी बाबरा, पत्रकार आजम खान, पत्रकार लक्ष्मीकांत तिवारी, संजय मौर्य, दिनेश प्यासी, इम्तियाज चिश्ती, राजीव अयाची, महेंद्र दुबे, मनीष तिवारी, अजय सिंह, अभिलाष हजारी, देवेंद्र राजपूत, संतोष रोहित, पप्पू मलाई, विकास मिश्रा, श्री राम पटेल, जयपाल यादव,  गोविंद सिंह तोमर, गिरजा साहू, गायत्री वंशवर्ती, सुधा झारिया, श्याम उरैती, रितु पांडे,  विशाल शिवहरे, विनय असाटी, बृजेश गर्ग, विकल्प जैन, कृष्णा तिवारी, लालू जैन, राजू नामदेव, हरी रजक, शेरा सेठ, पंकज सेन, नीलेश सिंघाई, मयंक वाधवा, मनीष जैन, संजू यादव, जयपाल राजपूत, पवन बिदौल्या, प्रमोद विश्वकर्मा, अभिषेक राय, देवी प्रसाद पांडे, मोनू राजपूत, टोनी राय, विवेक अग्रवाल, श्याम विश्वकर्मा, पंकज जड़िया, गिरीश राठौर, अनुज रतले, शिवराज चौधरी, विजय सिंह, सत्यनारायण तिवारी, हरीश नामदेव, नीरज तिवारी, डीके रोहित, सुबोध राही सैकड़ों प्रबुद्ध जनों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
जिला अस्पताल के डॉ जलज बजाज ने किया रक्तदान
दमोह। जन्मजात थैलेसेमिया मेजर पीड़ित मरीज को वैसे तो हर महीने या कई बार महीने में 2 बार तक ब्लड लगना होता है। अब हर बार डोनर की व्यवस्था करना मरीज के परिजनों के बस का नही है। वैसे तो जांच में लगने वाले 1050 रूपये का शुल्क तब भी देना होता है जब कि मरीज का परिजन स्वयं डोनर की व्यवस्था करे क्योंकि ब्लड तो एक्सचेंज में ही मिलता हैएलेकिन शासन की ओर से थैलेसेमिया पीड़ित मरीज को ये शुल्क भी नही देना होता है ।लेकिन जब कई बार ब्लड लगाने की जरूरत हो तो डोनर कहाँ से लाएं।
ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जलज बजाज के सामने आया जब बच्चे श्रीराम लोधी उम्र 5वर्ष जो कि थेलेसेमिया मेजर से पीड़ित है एवम उसका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव हैएतथा जांच में हीमोग्लोबिन 2 4 प्रति 100 ब्लड आया और डोनर न होने से मरीज का पिता उसे घर ले जाने लगा ऐसे में बच्चों के डॉक्टर जलज बजाज का दिल पसीज गया और उन्होंने स्वयं रक्तदान कर बच्चे को खून दे दिया।तथा एक मिसाल कायम कर दी। सिविल सर्जन डॉ राजेश नामदेव ने भी डॉ जलज बजाज को उनके इस कृत्य के लिये शाबाशी दी और पूरे रक्तदान के समय वो उनके सिरहाने खड़े रहे। आर एम ओ डॉ विशाल शुक्ला का कहना है कि ऐसे बच्चों के लिये सामाजिक संस्थाओंए रक्तदान समितियों को एक डोनर लिस्ट तैयार कर नियमित रक्तदान का पुण्य लेना चाहिये।थैलेसेमिया.मेजर एक लाइलाज जन्मजात बीमारी हैएबार बार रक्ताधान से ही मरीज का जीवन चलता रहा हैएडॉ जलज की जितनी तारीफ की जायेएकम ही होगी।सच्चे अर्थों में यही उत्कृष्ट मानवता है।
 पाइपों से कॉपर बायर चोरी करने बाले को पकड़ा..
 दमोह। पेयजल योजना के तहत बिछाई जा रही पाइपों के कॉपर बायर चोरी करने वाले लोगों को भाट खमरिया के ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ा है पेयजल पाइप लाइन में जीपीएस सिस्टम लोकेशन ट्रेस के लिए डाले गए कॉपर वायर को यह चोर पाइपों से निकालकर महंगे दामों में ब्लैक मार्केट में बेंच देते है ऐसा ही मामला जनपद जबेरा की ग्राम पंचायत भाट खमरिया से सामने आया है जहां पर पाइपों से कॉपर वायर निकालते हुए 2 लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ा है भाट खमरिया ग्राम के अमर शहीद मुन्ना पटेल घनश्याम सिंह दरोगी पटेल रम्मू सींग जिंदल कंपनी के द्वारा घर घर पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना पाइप पेयजल योजना में पाइप लाइन के साथ जीपीएस लोकेशन के लिए कॉपर के वायर तार लगाया जाता है ताकि लाइन खराब होने पर उसकी लोकेशन प्राप्त की जा सके और समय पर ठीक किया जा सके लेकिन पाइपलाइन डालने के पहले जिंदल कंपनी के सुपरवाइजर कॉपर वायर की चोरी करवा कर बेचने में लगे हैं।
 जबेरा जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ सुजान सिंह ने बताया कि जिंदल कंपनी के ठेकेदारों के एवं सुपरवाइजर सुनील पटेल द्वारा पाइपलाइन से कॉपर वायर निकालकर चोरी छुपे मार्केट में महंगे दामों में बेचे जा रहे हैं पाइप लाइन से कॉपर वायर निकालते हुए ग्रामीणों ने पकड़ा तो सुपरवाइजर कर्मचारी ने कहा कि हम लोग तार निकालेंगे आपको जो करना कर लेना हमारी कंपनी के द्वारा पाइपलाइन डालने के पहले कॉपर वायर निकालने के लिए बोला है बता दें लंबे समय से गांव गांव में पेयजल योजना के तहत डाली जा रही पाइप लाइन के कॉपर वायर चोरी करने के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन जिंदल कंपनी के द्वारा कॉपर वायर चोरी पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है जिसका खामियाजा पेयजल पाइप लाइन योजना कंप्लीट होने पर कहीं भी कोई मिस्टेक पेयजल आपूर्ति में आती है तो इन कॉपर बायरो के निकालने की वजह से लोकेशन का पता नहीं चल पाएगा और मिस्टेक सुधारने में काफी वक्त लग जाएगा जिससे ग्रामों में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई और पेयजल संकट से ग्रामीण बेहाल हो जाएंगे जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ सुजान सिंह ने शासन-प्रशासन से मांग की है गांव-गांव में डाली जा रही पेयजल पाइपलाइन से कॉपर बायर चोरी के मामले की जांच कर कार्यवाही करते हुए अंकुश लगाए जाए नही तो पेयजल पाइपलाइन मैं आई खराबी का पता नहीं लग पाएगा और इसका खामियाजा पेयजल आपूर्ति पर पड़ेगा और गांव गांव में इतनी बड़ी पेयजल योजना के बाद भी तेजी से संकट जैसे हालात निर्मित होंगे।

Post a Comment

0 Comments