चुनी हुई सरकार को भाजपा से धनबल बाहुबल से गिराया
दमोह। जिला
कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में कांग्रेसजनों ने तिरंगा यात्रा निकालते
हुए भारतीय जनता पार्टी द्वारा धनवल बाहुबल का लालच देकर जनता की चुनी
सरकार को लेकर संविधान बचाओ के नारे लगाते हुए अंबेडकर जी की प्रतिमा पर
गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्पाहार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के
संदेश का वाचन किया गया इसके पूर्व जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक
में महू में आदिवासी बेटी एवं आदिवासी भाई की निर्मया हत्या पर शोक व्यक्त
करते हुए हत्यारों को फॉसी पर चढ़ाने की मांग की गई। विधायक अजय टंडन ने
कहा कि सत्ता लोलुप भाजपा सरकार मदमस्त हाथी की तरह जो मन में आया वह कर
रही है।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रतनचंद जैन ने कहा कि भाजपाई नौजवानो किसानो के साथ अन्याय कर रही है मंहगाई चरम पर है। सतीश जैन, तिलक सींग, वीरेन्द्र दबे, राजेश तिवारी, रजनी ठाकुर, कमलेश उपाध्याय, भगवान दास चौधरी, लालचंद राय, मंजीत यादव, परम यादव, शमीम कुरैशी, वीरेन्द्र राजपूत, नितिन मिश्रा, प्रजु यशोधरन, पवन गुप्ता, दिनेश रैकवार, डब्बू चौबे, केके अग्रवाल, अजय जाटव, केके वर्मा, मुख्तार जाफरी, नौशाद खान ने भी भाजपा की नीतियों को कोसते हुए कहा कि नगरो एवं गांव के विकास हो न हो भाजपाईयों का विकास जरूर हो गया है जो कल तक साईकिल पर चलते थे वह आज स्कार्पियों में चल रहे है। इस अवसर पर हरिराम ठाकुर, पार्षद राजा रौतेला, अमर सिंह, पप्पू कसोटसा, राजू बगीरा, अनिल जैन, आशीष पटेल, गौरव राय, प्रफुल्ल श्रीवास्तव, खिल्लू ठाकुर, अरूण दुबे, बंसत कुशवाहा, अरूण मिश्रा, अंकित आजाद सहित अनेक कांग्रेसजनां की उपस्थिति रहीं।
यह बजट अमृत का नहीं विष काल का.. अजय टंडन
दमोह।
वित्तीय वर्ष 2023 का बजट पेश होने पर अनुदान मांगो की चर्चाओं में दमोह के
लिये बजट में मेडिकल कॉलेज के संबंध में सदन मैं कहा कि माननीय सभापति
महोदय दमोह में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग चल रही थी
जिसके संबंध में 27 फरवरी 2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा दमोह
में एक सार्वजनिक मंच से 325 करोड़ रूपये की लागत से मेडिकल कॉलेज बनाएं
जाने के लिए भूमि पूजन किया गया था जिस के संबंध में मेरे द्वारा बजट सत्र
मैं 14 मार्च 2022 को प्रश्न क्रमांक 547 के द्वारा माननीय मंत्री महोदय
द्वारा जवाव दिया गया था कि मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव
मंत्री परिषद में प्रशासकीय स्वीकृति के लिये लंबित है। लेकिन मुझे अफसोस
है कि हर हफते बैठक होने के बावजूद भी और मेरे प्रश्न लगाने के 1 साल बाद
भी मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में मंत्रिमंडल द्वारा कोई गंभीरता से
मामले को नहीं लिया गया है और न ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है बजट
में शामिल करते हुए शीघ्र निर्माण कार्य करवाएं जाने का अनुरोध किया।
ग्राम रोजगार सहायक वर्तमान में ग्राम पंचायतों की रीड की हड्डी कहे जाने वाले ग्राम रोजगार सहायक जिनके द्वारा शासन की सभी योजनाओं का संचालन कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है जिनमें एसबीएम योजना, पीएम आवास योजना, मनरेगा के कार्य, लाडली बहना योजना आदि अन्य शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायत स्तर पर हमारे इन्ही ग्राम रोजगार सहायको के द्वारा किया जाता है इनके लियें मात्र 9000 का मानदेय दिया जाता है जो कि बहुत कम है इनका मानदेय कम से कम 15000 किये जाने हेतु बजट में प्रावधान किया जाए एवं उनका मानदेय बढ़ाया जाएं। साथ ही ग्राम रोजगार सहायको की नियुक्ति संविदा के आधार पर होती है इनके लिये स्थानांतरण नीति नहीं है यदि इनके द्वारा कोई त्रुटि हो जाती है तो इन्हें सेवा से अलग कर दिया जाता है यह एक अमानवीय प्रावधान है अतः इस प्रावधान में शिधिलता लाते हुए उनके स्थानांतरण किये जाने या सेवा से पृथक ना किये जाने के संबंध में शासन को इनके भविष्य को ध्यान रखते हुए निर्धारित की जानी चाहिए।
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