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शनि के राशि परिवर्तन गोचर का सभी राशियों पर पड़ेगा शुभ अशुभ प्रभाव.. ढैय्या, पनौती और साढ़ेसाती के चरण के प्रभाव से 7 राशियां मुक्त हुई वही 7 दूसरी राशियों पर ढैय्या, पनौती, साढ़ेसाती शुरू.. सभी 12 राशियों पर शनि परिवर्तन का प्रभाव बता रहे है दिल्ली से रविन्द्र शास्त्री महाराज..

शनि गोचर का सभी राशियों पर पड़ेगा शुभ अशुभ फल

सूर्यपुत्र शनिदेव अपनी ऐश्वर्य देने वाली राशि मकर से भ्रमण पूर्ण करके अपनी मोक्षदायिनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में 17 जनवरी 2023 के शाम 5 बजे के बाद प्रवेश कर चुके है। करीब ढाई वर्ष तक एक राशि में रहने वाले शनि देव नवग्रहों में सबसे धीमी गति से भ्रमण करने वाली ऐसे ग्रह है जिनका दूरगामी प्रभाव प्रत्येक के मनुष्य के साथ-सथ अन्य जीव जंतु यहां तक कि पौधे वनस्पति तक पर देखा जाता है। 

इनके राशि परिवर्तन के साथ शनि की ढैय्या तथा साढ़े साती के साथ पनोती के प्रभाव में चल रही 7 राशियों वाले जातको को जहां राहत मिलना शुरू हो गई है वही नई 7 राशियों पर इसका प्रभाव भी प्रारंभ हो गया है। राशि के हिसाब से देखें तो प्रत्येक राशि पर शनि के परिवर्तन का कुछ ना कुछ असर अवश्य देखने को मिलेगा। कोई भी जातक इससे अछूता नहीं रहेगा।

 मेष राशिफल मेष राशि में शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी होकर राशि से एकादश भाव में ही गोचर करेंगे। एकादश भाव आय का भाव माना गया है और शनि देव का गोचर एकादश भाव में सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है। शनि गोचर के अनुसार आपको यह वर्ष बहुत कुछ प्रदान करने वाला है। आपकी आमदनी में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे और आमदनी प्राप्ति का कोई ना कोई पक्का जरिया भी इस साल आपको प्राप्त हो जाएगा। अब तक आपने जितना भी कष्ट सहा और जितनी कठिन मेहनत की, अब एक ही बार में उसका पूरा फल आपके हाथों में होगा। आपके मन की इच्छाएं पूरी होंगी और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी। आपकी जो योजनाएं लंबित थीं, वे भी अब पूर्ण होने लगेंगी और आपका आत्मविश्वास लौट आएगा। प्रेम संबंधों में यह समय योजनाबद्ध तरीके से ईमानदारी से अपना पक्ष निभाने का होगा। अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति थोड़ी सावधानी रखनी होगी। अचानक से धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे। ससुराल में किसी काम के लिए आप की आवश्यकता महसूस होगी और आप उनकी मदद करेंगे तो बड़ा अच्छा महसूस करते हुए आपके संबंध ससुराल पक्ष से बढ़िया हो जाएंगे।

वृषभ राशि में शनि नवम और दशम भाव के स्वामी होकर वृषभ राशि से दशम भाव में ही गोचर करेंगे। शनि आपके भाग्य भाव से निकलकर आपके कर्म भाव में आ जाएंगे। आपके भाग्य और कर्म दोनों ही भाव के स्वामी होकर शनि आपके लिए प्रबल योगकारक ग्रह हैं और दशम भाव में शनि देव जी का यह गोचर आपको अप्रत्याशित विजय दिलाएगा। आप अपने कर्म के माहिर बनेंगे। आप चाहे व्यापार करते हों अथवा नौकरी करते हों, दोनों ही क्षेत्रों में असीम सफलता के योग बनेंगे। आपके करियर में स्थायित्व आने का समय रहेगा। नौकरी में पदोन्नति और प्रमोशन होने की स्थिति मिलेगी तथा व्यापार भी नई-नई योजनाओं के साथ आगे बढ़ेगा और व्यापार में बढ़ोतरी होने के भी योग बनेंगे। काम के सिलसिले में विदेश यात्रा की संभावनाएं प्रबल होंगी और आप विदेश जाकर काम को और ज्यादा बढ़ा पाएंगे। पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव रहेगा क्योंकि परिवार के लिए समय कम निकल पाएंगे। काम में अति व्यस्तता रहेगी। हालांकि दांपत्य जीवन में जो परेशानियां हैं, उन पर आपका ध्यान जाएगा और आप उन्हें दूर करने की कोशिश करते नजर आएंगे। जीवन साथी के लिए कुछ करने का समय होगा।

मिथुन राशि शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी होकर मिथुन राशि से नवम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। शनि गोचर के  अनुसार इस वर्ष आपको शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी और आप चैन की सांस लेंगे। भाग्य भाव में शनि का यह गोचर सुदूर यात्राओं के योग बनाएगा। लंबी-लंबी यात्राएं आपके जीवन में सफलता के योग बनाएंगी। हालांकि इन यात्राओं से आपको थकान और असुविधा भी होगी लेकिन आपको एक सामंजस्य स्थापित करना होगा ताकि आप ज्यादा थकान के शिकार ना हो जाएं। पिताजी से संबंधों पर असर पड़ेगा और उनके स्वास्थ्य के लिए यह समय कमजोर रहेगा। आपको अपनी मेहनत से भाग्य बनाने का मौका मिलेगा इसलिए जितनी मेहनत आप कर लेंगे, उतना फल इस समय में आप प्राप्त कर पाएंगे। नौकरी में तबादले का योग बन सकता है। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन उसके लिए आपको कठिन प्रयास करने होंगे। व्यापार में जोखिम लेने के लिए यह अच्छा समय होगा। कर्ज में कमी आएगी। उसे उतारने की दिशा में काफी प्रयास करेंगे और सफल भी रहेंगे। विरोधियों पर आपको जीत हासिल होगी।

 कर्क राशि शनि सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी होकर कर्क राशि से अष्टम भाव में ही गोचर करेंगे। इस वर्ष आपको कंटक शनि की ढैया का प्रभाव प्राप्त होगा। आपको अपने ससुराल पक्ष की मदद करने का मौका मिलेगा। कार्यों में कुछ व्यवधान जरूर आएंगे लेकिन यदि आप अपनी ओर से पूर्ण प्रयास करेंगे तो सफलता प्राप्त कर ही जाएंगे। थोड़ा मानसिक तनाव रहेगा और काम को लेकर थोड़ा दबाव भी होगा लेकिन आप अपनी मेहनत और चतुराई से हर समस्या से बाहर निकलने में कामयाब भी हो जाएंगे। अचानक से धन प्राप्ति के योग बनेंगे। ससुराल से धन लाभ या किसी तरह के सुख की प्राप्ति हो सकती है। संतान को लेकर कुछ चिंता महसूस करेंगे। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव महसूस होगा। विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा को लेकर कठिन मेहनत करने की आवश्यकता होगी। आप गंभीरता से अपने कुछ मुद्दों पर विचार करेंगे और उनके लिए कोई बड़ा निर्णय लेकर उनसे बाहर निकलने में कामयाब होंगे। वर्तमान नौकरी में बदलाव के योग भी बन सकते हैं और एक अच्छी नौकरी की प्राप्ति हो सकती है।

सिंह राशि शनि षष्टम और सप्तम के भाव स्वामी होकर सिंह राशि से सप्तम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। शनि गोचर के अनुसार अपने दांपत्य जीवन को लेकर आप बहुत ज्यादा अनुशासित महसूस करेंगे लेकिन आपको किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती या तानाशाही रवैया अपनाने से बचना चाहिए, नहीं तो दांपत्य जीवन बिगाड़ सकता है। जीवनसाथी का सहयोग आपको प्राप्त होगा और आप दोनों साथ मिलकर कोई नया कार्य शुरू कर सकते हैं। व्यापार में अच्छी सफलता मिलने के योग बनेंगे और आपकी कार्यकुशलता आपको सफलता दिलाएगी। काम को लेकर लंबी यात्राएं करेंगे। जीवनसाथी के साथ भी कुछ अच्छी यात्राएं करने का मौका मिलेगा और घूमने-फिरने भी जाएंगे। अति व्यस्तता और लापरवाही से बचना आपके लिए बेहद आवश्यक होगा नहीं तो स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है। आप अपने बारे में सोचेंगे और अच्छा व्यक्तित्व बनाने के लिए काफी प्रयास करते नजर आएंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव जरूर रहेगा लेकिन आपको अपने घर वालों के लिए और उनकी खुशी के लिए कुछ करना होगा। घरेलू खर्च जोर पकड़ सकते हैं। घर में कंस्ट्रक्शन करा सकते हैं।

कन्या राशि शनि पंचम और षष्टम भाव के स्वामी होकर कन्या राशि से षष्ठम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। यह समय आपके विरोधियों पर भारी पड़ने वाला है क्योंकि यहां स्थित शनि आप को मजबूत बनाएंगे। आप अपने विरोधियों के छक्के छुड़ा देंगे और वे चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, आपके ऊपर विजय प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इस दौरान आपको अपने कर्ज पर ध्यान देना होगा क्योंकि यहां पर स्थित शनि आपको यही सिखाएंगे कि जब तक आवश्यक न हो और हद से ज्यादा परेशानी न हो, आपको कर्ज नहीं लेना है और इस समय में आपको कर्ज उतारने पर ध्यान देना चाहिए। नौकरी के लिए शनि की यह स्थिति आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी। आप अपने काम में माहिर हो जाएंगे और नौकरी में आप की स्थिति मजबूत बनेगी। इस दौरान आप अच्छी आर्थिक स्थिति प्राप्त करने के लिए जरूरत से ज्यादा मेहनत करते भी नजर आएंगे, जिसके प्रभाव से शारीरिक समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। शनि गोचर के अनुसार आपके लिए विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं। खर्चों में बढ़ोतरी दिखाई देगी, जो आपको थोड़ा मानसिक रूप से स्थिर बनाएगी। आपको अपने भाई बहनों के साथ संबंधों को अनुकूल बनाए रखने का प्रयास करना होगा। छोटी-मोटी यात्राएं आपकी परीक्षा लेंगी। दोस्तों से कहासुनी न हो, इसका ध्यान रखें।

तुला राशि शनि चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी होकर तुला राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। शनि गोचर के अनुसार इस वर्ष आपकी शनि की ढैया का प्रभाव पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा और आप तनाव मुक्त महसूस करेंगे। पंचम भाव में शनि का गोचर करना प्रेम संबंधों के लिए परीक्षा की घड़ी होगा। यदि आप अपने रिश्ते में सच्चे और वफादार हैं तो आपका रिश्ता बहुत खूबसूरत हो जाएगा और आपको अपने प्रियतम की बाहों में बाहें डालने का मौका मिलेगा, अन्यथा रिश्ते में तनाव बढ़ेगा। विद्यार्थियों को पढ़ाई में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन यदि वे नियमबद्ध होकर एक टाइम-टेबल बनाकर पढ़ाई करेंगे तो बहुत ज्यादा अच्छी सफलता प्राप्त कर पाएंगे। इस दौरान आप अपनी संतान को अनुशासित बनाने के लिए हर प्रयास करते हुए नजर आएंगे। दांपत्य जीवन के लिए यह समय अच्छा रहेगा। यदि आप किसी को पसंद करते हैं और उनसे ही शादी करना चाहते हैं तो इस दौरान आपको सफलता मिल सकती है और प्रेम विवाह हो सकता है। जीवनसाथी से प्रेम भी बढ़ेगा और जीवनसाथी के माध्यम से धन लाभ की स्थिति भी उत्पन्न होगी। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे और मन की इच्छाएं पूरी होने के कारण मन में खुशी होगी।

वृश्चिक राशि शनि तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी होकर वृश्चिक राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे। इस वर्ष शनि के कुंभ राशि में गोचर के साथ ही आपकी ढैया का समय शुरू हो जाएगा। आपके चौथे भाव में शनि का प्रभाव होने से परिवार से दूरी बढ़ सकती है। आपका स्थान परिवर्तन होगा और आप वर्तमान निवास से दूर जा सकते हैं। परिवार से दूर जाने का समय हो सकता है इसलिए आप मानसिक रूप से थोड़ा भावुक भी महसूस करेंगे। परिवार की चिंता फिर भी सताएगी और आप घर-परिवार वालों की हर जरूरत को पूरा करते नजर आएंगे। आप घर बनाने के लिए किसी बैंक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और उसमें सफल भी हो सकते हैं। शनि गोचर के अनुसार इस दौरान कोई भी संपत्ति खरीदने से पूर्व उसकी अच्छी तरह से कानूनी जांच-पड़ताल अवश्य कर लें। माता जी के स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना रहेगी इसलिए उनकी सेवा का ध्यान रखें। करियर में यह समय अच्छी सफलता देगा। आप बहुत मेहनत करेंगे और वर्कोहोलिक भी हो सकते हैं। इससे ज्यादा शारीरिक थकान और कमजोरी की शिकायत हो सकती है लेकिन आप अपने काम में पक्के होंगे और इसका आपको लाभ मिलेगा।

धनु राशि शनि दूसरे और तृतीय भाव के स्वामी होकर धनु राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे। आपकी साढ़ेसाती पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी, जिससे आप आनंद का अनुभव करेंगे। तीसरे भाव में शनि का गोचर, वह भी अपनी राशि में, आपके लिए सोने पर सुहागा का काम करेगा। शनि गोचर के अनुसार आप जिस काम को करना चाहेंगे, पूरे दृढ़ निश्चय के साथ करेंगे और उसमें अच्छी सफलता भी अर्जित कर पाएंगे। चाहे आपके मित्र हों, आपके पड़ोसी हों, आपके रिश्तेदार हों अथवा आपके भाई बहन हों, सभी आपके कामों में आपकी मदद करते हुए नजर आएंगे। यदि आप नौकरी करते हैं तो ऑफिस में आपके सहकर्मी भी आपको पूरा सहयोग देंगे और उनकी वजह से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी स्थिति प्राप्त कर पाएंगे। आप का साहस और पराक्रम बढ़ेगा। व्यापार में भी जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ाकर आप अपने व्यापार की आशातीत बढ़ोतरी करने में सफल हो सकते हैं। प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी। आप अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार मिलेंगे और उनसे शिद्दत से प्यार करेंगे। आपकी संतान के लिए यह समय उन्नति का रहेगा। विद्यार्थियों को भी शिक्षा में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी और उनकी मेहनत सार्थक होगी। लंबी यात्राएं और छोटी दूरी की यात्राएं लगातार वर्ष पर्यंत होती रहेंगी और इसका आपको लाभ मिलेगा। विदेश जाने के योग भी बन सकते हैं।

मकर राशि शनि मकर राशि और दूसरे भाव के स्वामी होकर मकर राशि से दूसरे भाव में ही गोचर कर रहे हैं। आपकी शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण समाप्त हो रहा है और तीसरा और अंतिम चरण प्रारंभ हो रहा है। शनि का आपके दूसरे भाव में जाना आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। शनि गोचर के अनुसार आपके पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव रहेगा और कुटुंब के लोग आपस में थोड़ी अव्यवस्था महसूस करेंगे लेकिन यदि आप कठिन प्रयास करेंगे तो सब परिस्थितियों को संभालने में कामयाब भी हो सकते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगेगी। आपने पूर्व में जितनी भी मेहनत की है, उसका उत्तम फल आपको इस दौरान प्राप्त होगा और आपका बैंक बैलेंस बढ़ने लगेगा। आप धन को संचित कर पाने में सफल होंगे। संपत्ति के क्रय और विक्रय से भी आपको उत्तम लाभ होने के योग बनेंगे। पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में आप पीछे नहीं हटेंगे और इसलिए परिवार वालों की नजरों में आपका स्थान ऊंचा होगा। आप न केवल अपने परिवार बल्कि अपने जीवनसाथी के परिवार अर्थात् अपने ससुराल पक्ष से भी अच्छे संबंध स्थापित कर पाएंगे और उनकी भी आवश्यकतानुसार मदद करेंगे। इस दौरान आपका सामाजिक स्तर भी ऊंचा होगा। व्यापार में सोच-समझकर निवेश करना होगा। नौकरी में अच्छी स्थिति प्राप्त होगी।

कुंभ राशि शनि बारहवें और प्रथम भाव के स्वामी होकर कुंभ राशि में ही गोचर करेंगे। कुंभ राशि वालों की शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण समाप्त होकर दूसरे चरण की शुरुआत होगी। आपकी ही राशि में शनि का प्रभाव होने से आपको अपने कर्मों को सही दिशा में आगे बढ़ाना होगा। शनि गोचर के अनुसार, यदि आप अपने कार्यक्षेत्र में जमकर मेहनत करेंगे और किसी भी फल की आस छोड़कर केवल और केवल अच्छा कार्य करने पर ध्यान देंगे तो आपको हर सफलता प्राप्त होगी। जितनी मेहनत आप करते जाएंगे, उसी के अनुपात में आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होती रहेगी। करियर के लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा। आप व्यापार करेंगे तो वह सुदूर क्षेत्रों तक जाएगा। आपको विदेशी व्यापार करने में भी सफलता मिल सकती है। नौकरी में भी आपकी स्थिति प्रबल होगी। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। आप एक मजबूत व्यक्तित्व के स्वामी बनेंगे और आप जो कार्य करेंगे, उसमें स्थायित्व होगा। इससे आपको बड़ा अनुकूल महसूस होगा। भाई-बहनों का सहयोग आपके साथ रहेगा लेकिन उन्हें किसी तरह की शारीरिक समस्या परेशान कर सकती है। दांपत्य जीवन के लिए यह बहुत ज्यादा बढ़िया समय तो नहीं होगा और काम के कारण हो सकता है कि आप अपने जीवनसाथी से कुछ समय के लिए दूर हो जाएं लेकिन आपसी सामंजस्य बिठाकर आप इस समय का पूरा लाभ उठा पाएंगे।

मीन राशि शनि एकादश और बारहवें भाव के स्वामी होकर मीन राशि से द्वादश भाव में ही गोचर करेंगे। मीन राशि के लोगों की साढ़ेसाती के प्रथम चरण की शुरुआत हो जाएगी। द्वादश भाव में शनि का गोचर होने की वजह से आपको अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान देना होगा। इस शनि के गोचर काल में आपके पैरों में दर्द की शिकायत, एड़ियों में दर्द या फिर पैर में किसी तरह की चोट लगने या मोच आने की समस्या हो सकती है। इसके अतिरिक्त आंखों से पानी बहना, आंखों में दर्द होना या आंखों की रोशनी में कमी आना जैसी शिकायत भी आपको हो सकती है। इसका थोड़ा ध्यान रखें। इस दौरान आपके अंदर आलस्य बढ़ेगा और नींद ज्यादा आएगी लेकिन आपको उससे बाहर निकलकर अपने काम पर ध्यान देना होगा। यदि आप विदेश जाना चाहते हैं तो उसके लिए सर्वोत्तम समय है। शनि गोचर के अनुसार, आप विदेश जाकर अच्छी स्थिति प्राप्त कर सकते हैं। धन के खर्च में अत्यंत बढ़ोतरी होगी और किसी निकटवर्ती व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी अच्छा खर्च करना पड़ सकता है। विदेशी व्यापार से और विदेशी मुद्रा प्राप्त होने के योग बन सकते हैं। विरोधियों और कोर्ट-कचहरी से संबंधित मामलों के लिए आपको खर्च करना पड़ेगा, तभी विजय प्राप्त हो पाएगी। यह समय आपसे लंबी यात्राएं कराएगा और कई यात्राएं आपकी इच्छा के विरुद्ध होंगी और मानसिक तनाव देंगी। इस दौरान सही रास्ते पर चलना आपके लिए बेहद आवश्यक होगा।

हम आशा करते हैं कि शनि गोचर  आपके जीवन में खुशहाली और तरक्की लेकर आए और आप जीवन में कभी भी निराश न हों। हमसे संपर्क करें और आपका बहुत-बहुत धन्यवादपं. रविन्द्र शास्त्री

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