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फर्जी बैंक गारंटी से जल संसाधन विभाग में ठेकेदारी महंगी पड़ी.. दमोह कोर्ट ने दस साल पुराने मामले में यूपी के दो ठेकेदारों को सात सात साल की सजा सुनाई.. इधर विधिक जागरूकता शिविर में महिलाओं के साथ लैगिक भेदभाव को मिटाने का आव्हान..

 बहुचर्चित धोखाधड़ी मामले में 7 वर्ष का सश्रम कारावास

दमोह। न्यायालय श्रीमान चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती रजनी प्रकाश बाथम के द्वारा आरोपी अजय चंदेल और आरोपी जितेंद्र सिंह राजावत को धारा 420, 468,  471 भारतीय दंड विधान के आरोप में सात सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं बीस बीस हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया।
मामले की जानकारी देते हुए अभियोजन अधिकारी अपर लोक अभियोजक श्री गिरीश राठौर ने बताया कि वर्ष 2012 में उन्नाव की जीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा दमोह जिले के माला एवं करारिया जलाशयों के शासकीय निर्माण कार्यों हेतु टेंडर के आधार पर कार्य लिया गया था तथा जल संसाधन संभाग जिला दमोह में उक्त शासकीय निर्माण कार्यों हेतु सुरक्षा निधि के रूप में 27 लाख 50 हजार 38 लाख 38 लाख रुपये और 15 लाख रूपये की कूट रचित फर्जी बैंक गारंटीया प्रस्तुत की गई थी।

 मामले के फरियादी तत्कालीन एसडीओ के द्वारा रिपोर्ट की गई थी कि विभाग के द्वारा आरोपीगण द्वारा जमा कराई गई बैंक गारंटियों का सत्यापन कराया गया। सत्यापन कराने पर प्रस्तुत बैंक गारंटियां फर्जी पाई गई थी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी गण गजेंद्र सिंह चंदेलए अजय सिंह चंदेल एवं जितेंद्र सिंह राजावत सभी निवासी जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश के विरुद्ध धारा 420, 468, 471 का मामला थाना कोतवाली दमोह में दिनांक 22 मार्च 2012 को पंजीबद्ध किया गया था। मामले का विचारण न्यायालय श्रीमान चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती रजनी बाथम के न्यायालय द्वारा किया गया और 5 दिसम्बर 2022 को उक्त मामले में न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त जितेंद्र सिंह राजावत एवं अभियुक्त अजय सिंह चंदेल को धारा 420 468 और 471 भारतीय दंड विधान के आरोप में सात सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं बीस बीस  हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामले में मुख्य अभियुक्त गजेंद्र सिंह चंदेल प्रारंभ से ही फरार है जो कि अभियुक्त अजय सिंह चंदेल का पिता है अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक गिरीश राठौर के द्वारा की गई है।


 पॉलीटेक्निक कॉलेज मेंविधिक जागरूकता शिविर
दमोह। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण  के निर्देशानुसार एवं श्रीमती रेणुका कंचन माननीय प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश अध्यक्ष एवं  अम्बुज पाण्डेय जिला न्यायाधीश सचिवए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में आज पॉलीटेक्निक कॉलेज में महिलाओ के प्रति सभी प्रकार की हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त किये जाने के उद्देश्य से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बालविकास विभाग से संजीव मिश्रा एवं शालीन शर्मा सहायक संचालक ममता यूनीसेफ कार्यक्रम जिला समन्वयक वीरेन्द्र जैन प्राचार्या डॉ लता त्रिपाठी एवं समस्त छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

संजीव मिश्रा ने छात्रध्छात्राओं को सम्बोधित करते हुये बताया कि एक समय था जब हमारी आर्थिक व्यवस्था कृषि पर आधारित थी जहां पुरूषों की भागीदारी थी परंतु अब ज्ञान का समय है जहां पर लड़का लड़की इस ज्ञानी समाज में दोनों समाज है तो किस बात का भेदभाव। अतः आज हमारी सोच होना चाहिए कि हमें यदि तरक्की करना है तो पुरूषों व महिलाओं को एक.साथ आगे बढ़कर एक दूसरे के सहयोग से कार्य करना जरूरी है इसमें किसी प्रकार का लिंग भेदभाव करना जरूरी नहीं है। साथ ही आपने उपस्थित छात्रध्छात्राओं को महिला एवं बाल विकास में बच्चों से संबंधित विभिन्न योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई।
शालीन शर्मा द्वारा लैगिंग भेदभाव के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई साथ ही उनके द्वारा प्राचार्य से अपील की गई कि वह अपने कॉलेज में जेंडर फोरम का भी गठन करें जिससे समय.समय पर जेंडर संवेदीकरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके व आमजन को जागरूक किया जा सके। वीरेन्द्र जैन द्वारा बालकों के विरूद्ध लैंगिक उत्पीड़न पॉक्सो एक्ट के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि आपको शतर्क और सावधान रहने हेतु किसी भी अपरिचित व्यक्ति द्वारा दिये गये लालच में आकर विश्वास न करने तथा परिचित या अपरिचित व्यक्ति द्वारा की जा रही गलत गतिविधियों की जानकारी गुरूजन एवं माता.पिता के संज्ञान में लाने हेतु सलाह दी गई तथा सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श इत्यादि के संबां में जानकारी दी गई। संचालन प्रोफेसर आशीष पाण्डेय ने एवं आभार प्रदर्शन प्राचार्या द्वारा किया गया।

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