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लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन तेंदूखेड़ा गोदाम में हुए करोड़ो के दाल घोटाले के आरोपी 12 साल बाद बरी.. पूर्व में सीबीआई भी कर चुकी थी मामले की पड़ताल.. तत्कालीन बेयर हॉउस प्रबंधक पर थे गबन के आरोप.. पुलिस पेश नहीं कर पाई आरोपियों के खिलाफ सबूत..

तत्कालीन बेयर हॉउस प्रबंधक पर थे गबन के आरोप

दमोह अपर सत्र न्यायाधीश महिमा कछवाहा के न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए करोड़ो रुपये के  वेयर हाउस गबन के आरोपियों को दोषमुक्ति का निर्णय सुनाया है दरसल  वर्ष 2010 में  वेयर हाउस कॉर्पोरेशन तेन्दूखेड़ा के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई थी के तत्कालीन तेंदूखेड़ा वेयर हाउस मैनेजर विष्णु बहादुर सिंह एवम सुरेंद्र ने मिलकर आशीष दाल मिल के मालिक से सांठगांठ कर वेयर हाउस में दलहन के स्थान पर चुनी रखकर करोड़ो के फायनेंस करवाते हुए कॉर्पोरेशन को करीब चार करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

 इस मामले में वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के अतिरिक्त sbi प्रबंधन ने भी बाकायदा एफआईआर दर्ज कराई थी जिस पर सीबीआई ने भी मामले की पड़ताल करते हुए आशीष दाल मिल के मालिक एवम परिजनों पर मामला पंजीबद्घ किया था जो वर्तमान में जबलपुर सीबीआइ अदालत में विचाराधीन है वहीँ वेयर हाउस प्रबन्धको के विरुद्ध दमोह न्यायालय में प्रकरण चल रहा था मामले में वेयर हाउस प्रबंधक की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनीष नगाइच ने बताया के जिस तरह के गबन के आरोप उनके पक्षकारों पर कॉर्पोरेशन की ओर से तेन्दूखेड़ा पुलिस द्वारा लगाए थे उनसे संबंधित एक भी मूल दस्तावेज पुलिस न्यायालय में पेश नहीं कर पाई और सारे आरोप बेबुनियाद निकले ।


मामले में तत्कालीन अखबारों में करोड़ों के गबन की खबर सुर्खियों में लाकर तेंदूखेड़ा पुलिस और कॉर्पोरेशन ने वाह वाही लूटी थी किन्तु न्यायालय में यह गबन का मामला झूठा साबित हुआ है प्रकरण में दोनों आरोपी सुरेंद्र सिंह एवं विष्णु बहादुर की ओर से पैरवी भगवती श्रीवास्तव एवं अधिवक्ता मनीष नगाइच ने की।

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