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कटनी आरटीओ ऑफिस में जबलपुर लोकायुक्त की रेड से हड़कंप.. 96000 की रिश्वत लेते बाबू सहित तीन गिरफ्तार.. ट्रैक्टर कार कंपनी एजेंसी के एजेंट से 46 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के बदले में मांगी थी एक लाख की रिश्वत..

 96000 की रिश्वत लेते बाबू सहित तीन गिरफ्तार

जबलपुर/ कटनी। मप्र में रिश्वतखोरी के मामले में ऑडियो कार्यालय का जवाब नहीं है यहां पर दलालों के जरिए बाबू से लेकर अधिकारी तक धड़ल्ले से रिश्वत लेने से परहेज नहीं करते हैं लेकिन सौ सुनार की और एक लोहार की कहावत ऐसे ही नहीं बनी है। ऐसे ही कुछ हालातों में जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने कटनी पहुंचकर परिवहन विभाग के एक लिपिक के साथ दो दलालों को ₹96000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की है।


जबलपुर लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े के नेतृत्व में कटनी पहुंची लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को दोपहर में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में ट्रेप कार्यवाही करते हुए विभाग के यूडीसी दो जितेंद्र सिंह बघेल के साथ परिवहन विभाग में दलाली करने वाले सुखेंद्र तिवारी और राघवेंद्र सिंह को कटनी निवासी शैलेंद्र द्विवेदी से 96000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद कार्रवाई की है। दरअसल एक ट्रैक्टर बाइक एजेंसी में कार्यरत कंपनी के एजेंट शैलेंद्र द्ववेदी द्वारा कुछ दिन पूर्व जबलपुर लोकायुक्त एसपी को लिखित में दी गई शिकायत में आरटीओ विभाग में रिश्वतखोरी के खेल से अवगत कराते हुए उनके कार एवं ट्रैक्टर के नए रजिस्ट्रेशन 46 फाइल पास कराने के एवज में एक लाख रुपए रिश्वत की मांग किए जाने की जानकारी दी थी।

जिसके बाद शुक्रवार को कटनी पहुंची लोकायुक्त टीम ने अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में जितेंद्र सिंह , सुखेंद्र तिवारी, रावेंद्र सिंह, को 96000 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्यवाही की है। लोकायुक्त की ट्रैप टीम में डीएसपी  दिलीप, झरबड़े निरीक्षक स्वप्निल दास, मंजू किरण एवं भूपेंद्र कुमार दीवान के साथ अन्य सदस्य शामिल रहे।  या उल्लेखनीय है कि इस तरह के हालात अकेले कटनी आरटीओ ऑफिस में नहीं है बल्कि प्रदेश के लगभग सभी परिवहन कार्यालयों में इसी तरह की स्थिति बनी हुई है लेकिन रिश्वतखोरी की शिकायत के झंझट में पढ़ने से बचने के चक्कर में लोग उल्टे सीधे रुपए देकर अपना काम कराने को मजबूर रहते है। प्रदेश के परिवहन मंत्री से अपेक्षा है कि इस तरह के हालात को स्वयं संज्ञान में लेकर कड़ी कार्यवाही कराएं।

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