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रात के अंधेरे में सागर लोकायुक्त की दस्तक से हड़कंप.. मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री के गृह क्षेत्र की सबसे नजदीकी नगर पालिका के उपयंत्री.. ठेकेदार के जरिए 25000 रु की रिश्वत लेते पकड़े गए.. सहायक यंत्री पर भी भ्रष्टाचार अधिनियम में मामला दर्ज..

 मकरोनिया नपा के उपयंत्री व ठेकेदार पर कसा शिकंजा

मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री के गृह जिले में भी उनके विभाग के उपयंत्री सहायक यंत्री रिश्वतखोरी का खेल बेखोफ जारी रखे हुए है। ऊपर वाले अधिकारियों का भी इनको संरक्षण प्राप्त रहता है ऐसे में ईमानदारी से काम कराने वाले परेशान ठेकेदारों को अपने बिल पास कराने के लिए लोकायुक्त की शरण में जाना पड़ता है और लोकायुक्त को भी रात के अंधेरे में कार्रवाई करने को आना पड़ता है।
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के गृह जिले और गृह क्षेत्र की सबसे नजदीकी नगरपालिका मैं चल रहे भ्रष्टाचार के खुले खेल की वह दास्तान है जिस पर सागर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार रात पहुंचकर ट्रेप कार्रवाई की मोहर लगाई है। 
दरअसल एक ठेकेदार के मकरोनिया नगर पालिका में सड़क निर्माण के पांच लाख रुपए के बिल को पास कराने के लिए उपयंत्री और सहायक यंत्री महीनों से चक्कर लग वा रहे थे। अंत में जब वह बिल पास करने को तैयार हुए तो ₹32000 रिश्वत की मांग की जाने लगी। जिसकी शिकायत ठेकेदार मनीष स्वामी ने सागर लोकायुक्त से कर दी।

 शिकायत की पुष्टि करने के बाद शुक्रवार रात मकरोनिया नगर पालिका पहुंची सागर लोकायुक्त की टीम ने निरीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए सागर नपा के उपयंत्री आकाश राठौड़ के इशारे पर ठेकेदार मनी स्वामी से रिश्वत की 25 हजार की रकम लेते हुए ठेकेदार हेमंत बोद्ध को भी पकड़ने में देर नहीं की। मामले में सहायक यंत्री देवेंद्र घाकड जो मौके पर मौजूद नहीं थे लेकिन बिल पास कराने की रिश्वत खोरी के खेल में शामिल थे इनको भी भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत आरोपी बनाया गया है। 
रात में हुई लोकायुक्त की कार्यवाही की खबर से संभाग की उन नगर पालिकाओं के उपयंत्री, सहायक यंत्री व अन्य कर्मचारियों के होश उड़ते नजर आए जो रात के अंधेरे में दफ्तर में बैठकर बेफिक्र होकर रिश्वत लेते हुए फाइलों को आगे बढ़ाने और बिलों को पास कराने के गुणा भाग में लगे रहने में विश्वास रखते आये है।
 

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