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नौरादेही अभ्यारण्य में एक और बाघ की दस्तक.. नया बाघ किस टाइगर रिजर्व से आया.. इसका पता नहीं चल पाया..! नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 7 से बढ़कर 8 हुई

 प्रदेश के सबसे बड़े नौरादेही अभ्यारण्य जो कि सागर दमोह व नरसिंहपुर जिले की सीमा में फैला हुआ है नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ आसपास के टाइगर रिजर्व से भी बाघ यहां आकर रमने लगे हैं राधा किशन के कुनबे से अलग दूसरे टाइगर रिजर्व से आया युवा बाघ पिछले एक साल से नौरादेही अभ्यारण्य में रह रहा था लेकिन वन विभाग का अमला इसे यही जन्मे शावकों से एक मानकर चल रहा था जब ट्रैकर कैमरों से लगातार इसकी तस्वीरे सामने आई तब इसकी अलग होने का संदेश हुआ बाघ की तस्वीरों के जरिए वाइल्ड लाइफ की एक्सपर्ट टीम ने धारियों के पैटर्न के आधार पर इसकी पहचान की है यह किस टाइगर रिजर्व से आया है इसके लिए आईडी के आधार पर जांच चल रही है..

नौरादेही के इस नए मेहमान की आयु 5 साल बताई जा रही है इसने यहां अपनी अलग टैरिटरी बना ली है इस तरह नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 7 से बढ़कर 8 हो गई है नौरादेही अभ्यारण्य चारों तरफ से 3टाइगर रिजर्व व एक अभ्यारण्य से घिरा हुआ है इनमें पन्ना टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ अभ्यारण्य सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अलावा रातापानी अभ्यारण्य शामिल हैं जंगल के रास्ते यहां से नौरादेही आने जाने के लिए बाघों का कॉरिडोर है पन्ना से कई बार बाघ आते जाते रहे हैं यह बाघ किस टाइगर रिजर्व से आया इसका पता नहीं चल पाया है 15 मार्च 2021 में यह पहली बार कैमरे में कैद हुआ था उस समय निगरानी दल को यह पता नहीं था कि यह बाघ बाहर से आया है नौरादेही अभ्यारण्य के एसडीओ सेवाराम मलिक ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए)और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास हर बाघ का रिकॉर्ड है हर बाघ की एक अलग आईडी रहती है शरीर व पंजों की धारियों के पैटर्न के आधार पर आईडी तैयार होती है इसी से इनकी पहचान होती है बाघ 400किमी से भी ज्यादा चलकर एक से दूसरे स्थान पर मूवमेंट कर सकता है यह आसपास के किसी टाइगर रिजर्व से आया है..

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..नौरादेही अभ्यारण्य में एक वर्ष पूर्व में ग्रामीणों ने एक बाघ होने की आशंका जताई थी लेकिन उस समय वन विभाग के  अधिकारियों का कहना है कि बाघिन राधा के तीन शावक अब पूर्ण रूप से वयस्क हो चुके हैं जो भारी भरकम देखने लगे हैं और खुद ही जंगल में घूम रहे लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि वह बाघिन राधा के शावक नहीं है यहां पर एक और बाघ जंगल में घूम रहा है लेकिन उस समय वन विभाग मनाने के लिए तैयार नहीं था वहीं वर्ष 2018 में भी अभ्यारण्य में पन्ना टाइगर रिजर्व से जंगल के रास्ते एक बाघ नौरादेही पहुंचा और एक महीने तक अभ्यारण्य में घूमता रहा वहीं उस समय वन अधिकारियों ने बाघ के साथ एक बाघिन होने का अनुमान भी जताया था अब नौरादेही अभ्यारण्य एक साल से रह रहेआठवां बाघ होने से वन विभाग में खुशियां देखी जा रही है वन विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि एक साल से ही बाघ की मौजूदगी है लेकिन आज तक किसी को भनक नहीं लगी आपको बता दें कि नौरादेही अभ्यारण्य पहले भी बाघों का विचरण क्षेत्र रहा है..

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नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा बढाने का प्रशासन का प्रयास सफल हो रहा है विगत वर्ष राधा ने तीन व दो शावकों को जन्म दिया था वह अब गर्भवती है जल्दी ही नौरादेही अभ्यारण्य में एक बार फिर से बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है जानकारी के अनुसार नौरादेही अभ्यारण्य की बाघिन राधा ने 9 मई 2019 में अभ्यारण्य में सबसे पहले दो बाघिन व एक नर बाघ को जन्म दिया था जो अब तीन साल के हो चुके हैं अब दोनों बाघिन से नौरादेही अभ्यारण्य उम्मीद जताई जा रही है हालांकि इसकी अभी तक कोई अधिकारी द्वारा पुष्टि नहीं हुई है लेकिन ऐसी स्थिति में अभ्यारण्य में फिर से बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद की जा रही है वे घने जंगलों में ही अपना डेरा जमाएं हुई है..

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इसलिए बाघों को भा रहा नौरादेही..नौरादेही अभ्यारण्य 1197 वर्ग किमी में फैला है यहां नदी पहाड़ गुफाएं पोखर कही घास के मैदान तो कहीं घना जंगल जैसी विविध प्राकृतिक संरचनाएं है यही वजह है कि इस अभ्यारण्य में बाघों की वंशवृद्धि के अलावा दूसरे स्थानो से भी यहां बाघ आकर बस रहे हैं नौरादेही अभ्यारण्य में 19 अप्रैल2018 में राधा नाम की बाघिन शिफ्ट हुई थी उसके बाद 2 मई 2018 में किशन नाम का बाघ यहां लाया गया था 9 मई 2019 में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया था इसके बाद 6 नंवबर2021 में दो और शावकों का जन्म हुआ था नौरादेही में तीन साल पहले जन्मे तीन शावकों में दो मादा है।
नौरादेही अभ्यारण्य में बड़े वन्यजीव अभ्यारण्य में जहां सभी वन्यजीवों की संख्याओं में बढोत्तरी हुई है तो इसी तरह भेड़ियों की संख्या में सबसे ज्यादा बताई जाती है ऐसा माना जाता है कि प्राकृतिक और भौगोलिक कारणों से भेड़ियों का प्राकृतिक आवास है एक समय था इस इलाके में भेड़ियों की सबसे बड़ी संख्या मौजूद थी इसी कारण अभ्यारण्य को भेड़ियों का आवास का दर्जा दिया गया है अमित दुबे सीसीएफ सागर ने बताया कि नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों के बसेरे के साथ इनकी निगरानी बढ़ा दी गई है अभ्यारण्य में 200 ट्रैकर कैमरे और लगाए जा रहे हैं जिससे बिना किसी दखल के इनकी सतत मॉनिटरिंग की जा सके एक और बाघ यहां आकर बस गया है पन्ना के अलावा रातापानी से भी यहां बाघों को मूवमेंट रहा है..विशाल रजक की रिपोर्ट
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