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कुंडलपुर में संतो ने की संतो की भव्‍य अगवानी.. क्षेत्र के जिम्मेदार पदाधिकारी ही मास्क व डिस्टेंस की अनदेखी करते नजर आए..

देश के विख्यात जैन तीथ कुंडलपुर जी में बड़ेबाबा मंदिर निर्माण के पंच कल्याण गजरथ महोत्सव की तिथि घोषित होने में कोरोना की तीसरी लहर के चलते ब्रेक लगा हुआ है। इधर क्षेत्र में आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज चिशाल संघ के साथ विराजमान है। वहीं देश के विभिन्न क्षेत्रों से मुनि संघों का कुंडलपुर पहुचना जारी है। इधर मुनि संघों की अगवानी के दौरान क्षेत्र कमेटी के जिम्मेदार पदाधिकारी ही मास्क तथा सोशल डिस्टेंस की अनदेखी कर रहे है। जबकि मुनि संघ के साथ बाहर के श्रावकों का आगमन भी जारी है। इधर बाहर से आने वाले लोगों की पूछ परख के बीच इनकी जांच, मास्क आदि की अनेदेखी की जा रही है वहीं आसपास के क्षेत्रों से पहुचने वालों को प्रवेश निषेध का हवाला देकर सुरक्षा गार्ड अपमान करने से नहीं चूकते है। जबकि देश दुनिया के साथ जिले भर में जहां कोरोना केसों में बढ़ोतरी हो रही है ऐसे में कुंडलपुर में जिम्मेंदार पदाधिकारियों की लापरवाही के साथ दोहरे मापदंड भरे हालात चिंता का कारण कहें जा सकते है..


उत्‍साह के साथ उत्‍सुकता नहीं होना चाहिए- आचार्य श्री
 

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 दमोह। जैनियों के द्वारा कई तीर्थ बनाये गये है, उनकी रक्षा भी कर रहे है, भारत में जैन धर्म बडा पवित्र माना जाता है, यहां सब बडे बाबा को पूजते आये है, जब पहली बार यहां आये तो एक वर्ष उपरांत दूसरे वर्ष ही गजरथ हो गये पहली बार गजरथ होता है सुना था, यहां भक्ति श्रद्धा देखने को मिली, सादगी पूर्ण खानपान यहां की विशेषता है, यहां मुनि आ जाते तो उत्‍सव ओर केशलुंचन हुआ तो मेला लग जाता था, यह बात सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ कुण्‍डलपुर में आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने कुण्‍डलपुर में मुनिश्री प्रणम्‍य सागर ससंघ एवं मुनि श्री वीर सागर ससंघ के कुण्‍डलपुर पहुंचने उपरांत अपने आशीष वचन में कही।उन्‍होने कहा विगत 41 वर्ष के इतिहास के बताते हुए की उत्‍साह में उत्‍सुकता नहीं होना चाहिए, बडे बाबा का मंदिर जीर्णशीर्ण हो गया था, भूकम्‍प के प्रभाव से दरार आ गई थी, चिन्‍ता जगत को थी, कार्य था लेकिन अनिवार्य था, सरकार का अनुमान कुछ हट कर था, अल्‍प समय में जो कार्य हुआ वह अब पूरे भारत में दिखने लगा है, इसी वर्ष पंचकल्‍याणक के संकेत पूर्व में ही सभी को दे दिये थे, इस कार्य में सरकार भी सहयोग कर रही है, सडक बना रही आदि कार्य के लिए कमर कस ली है, औपचारिकता अलग बात है, कर्तव्‍य में भी औपचारिकता होती है, आगे कार्य कैसा होगा यह अलग है, हमारे देवता अहिंसा है, अहिंसा की भक्ति पूजा करो, सादगी, पवित्रता, पावनता, शीतलता यहां की परम्‍परा रही है जिसे कायम रखना है।

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कुण्‍डलपुर जी में मुनिश्री प्रणम्‍य सागर जी एवं मुनिश्री वीर सागर जी महाराज की भव्‍य अगवानी आज संत समूह के द्वारा की गई, गाजे बाजे के साथ क्षेत्र में विराजमान समस्‍त मुनिसंघ, आर्यिका संघ के द्वारा अगवानी की गई, वर्षो उपरांत मिले समस्‍त गुरू शिष्‍यों के इस मिलन को अपने कैमरों में कैद किया, भावनाओं के इस पल को हर कोई संजोने का प्रयास करता रहा, कुण्‍डलपुर कमेटी के द्वारा पूरे मार्ग पर रंगोली सजाई गई, मुख्‍य द्वार पर पाद प्रच्‍छालन किया गया, स्‍वागत द्वार सजाये गये, भक्‍त धर्म ध्‍वजा लेकर आगे आगे चल रहे थे।


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