Ticker

6/recent/ticker-posts
1 / 1

नरक चौदस के दिन नगरपालिका का सहायक राजस्व निरीक्षक ₹10000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया.. दीपावली के पूर्व सादर लोकायुक्त के दूसरे धमाके से भृष्ट तंत्र में हड़कंप..

सहा राजस्व निरीक्षक ₹10000 की रिश्वत लेते पकड़ा

दमोह। दीपावली के पूर्व नरक चौदस की बेला में सागर से पहुंची लोकायुक्त टीम ने नगर पालिका के एक सहायक राजस्व निरीक्षक को ₹10000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की है। बीच बाजार में रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद हड़कंप के हालात बने रहे वही रिश्वत लेने वाला बाबू खुद को निर्दोष भी बताता रहा।


सागर से पहुंची लोकायुक्त निरीक्षक मंजू सिंह के साथ रोशनी जैन एवं टीम ने बुधवार दोपहर दमोह नगर पालिका कार्यालय में पदस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक श्रम शाखा मनोज तंतुबाय को बाजार 4 के निवासी हेमेंद्र राज से ₹10000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के बाद कार्यवाही की है। हेमेन्द्र राज के पिता की मृत्यु हो जाने की दशा मैं अनुग्रह सहायता योजना में स्वीकृत राहत राशि के भुगतान पर कमीशन के रूप में 10,000 रुपये की मांग की गई थी। जिसके बाद आज मछली मार्केट से लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए मनोज तंतु बाए को धर दबोचा जिसके बाद कोतवाली जाकर कार्यवाही की गई।

नगर पालिका में इस कार्रवाई की खबर पहुचते ही  हड़कंप के हालात बने रहे। क्योंकि लोग अपने कामों को लेकर वैसे भी नगरपालिका के चक्कर लगा लगा कर परेशान होते रहते हैं। और बिना लेनदेन के कोई भी काम करने यहां कर्मचारी तैयार होते नजर नहीं आते। 2 दिन पूर्व भी सागर लोकायुक्त की टीम ने दमोह जनपद पंचायत कार्यालय में सहायक उपयंत्री जीडी अहिरवार को ₹ 50000 की रिश्वत लेते पकड़ा था।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में कमीशन खोरी से लेकर बिना लेनदेन के कोई काम नहीं होने की जहां लगातार शिकायतें आती रही हैं वही वर्तमान में सड़क में थीगड़े लगाने से लेकर नाली, सीसी सहित अन्य निर्माण कार्यों में भी गुणवत्ता की अनदेखी करके ठेकेदार अधिकारी मिलकर वारे न्यारे करने में जुटे हुए हैं। वही एक उपयंत्री के द्वारा कलेक्टर के नाम पर भी कमीशन मांगे जाने की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। लोगों को उम्मीद थी कि प्रभारी सीएमओ से प्रभावी सीएमओ के आने पर नगर पालिका के हालात में बदलाव आएंगे। लेकिन ढाक के तीन पात जैसे हालात बने रहने से निर्माण कार्यों की स्थिति आगे पाट पीछे सपाट जैसी बनी हुई है।

Post a Comment

0 Comments