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श्री बागेश्‍वर धाम सरकार सुनार नदी किनारे भूतेश्‍वर मंदिर में संचालित सुरभि गौशाला पहुंचे.. निजी स्‍तर पर हो रही गौ माता की सेवा की सराहना करके पौधा रोपित किया.. माथे पर तिलक, सिर पर चोटी और मुख पर हरि नाम धारण करने का युवाओं से किया आव्‍हान..

 गायों की सेवा को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की..

हटा, दमोह। श्री बागेश्वसर धाम सरकार सोमवार को दोपहर में सुनार नदी किनारे भूतेश्‍वर मंदिर में संचालित सुरभि गौशाला पहुंचे जहा उनकी बुंदेली परम्‍परानुसार अगवानी की गई। मंगल कलश, गाजे बाजे के साथ गौशाला से जुडे सभी युवाओं ने मंगल अगवानी की, निजी स्‍तर से चलाई जा रही गौ शाला के बारे में अंशुल तिवारी, एड अमिताभ चतुर्वेदी, पवन राजपूत ने गौशाला की गतिविधियों की जानकारी दी।

श्री सरकार ने गौ सेवा कार्यो की सराहना की उन्होंने सुरभि गौ हॉस्पिटल में इलाजरत गायों के बीच कुछ समय बिताया, परिसर में शमी का पौधा मंत्रोपचार के साथ रोपित किया, भूतेश्वर महादेव का पूजन किया, सुरभि गौ सेवा समिति के अंशुल तिवारी को पुष्प माला पहनाकर गौ सेवा की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गौ भक्त शिवभक्त सभी अद्भुत कार्य कर रहे है असहाय बीमार गौ बंश का उपचार और उनकी सेवा से बड़ा और कोई कर्म नहीं, उन्होंने अपील की कि राष्ट्र को बचाना है तो गौमाता को बचाइए, गौ माता को राष्ट्रीय धन घोषित करने की जरूरत बताई।

आपने कहा कि यह मांग हटा के सुरभि गौ शाला से प्रारंभ हुई है जो गर्व और गौरव की बात है बास्तव में यह बृन्दावन का ही रूप है जहां बृन्दावन वहां गोपाल और जहां गोपाल वहां पूरा संसार, उन्होंने युवाओं से अपील की कि निःस्‍वार्थ सेवा में लगे गौ सेवको की मदद करें इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं। इस अवसर पर बबलु राय, अनुराग वर्धन हज़ारी, रिक्‍की असाटी, मिक्‍की बाजाज, पप्पू साहू, राजा तंतवाय, नितिन साहू, नीलेश यादव, मोनू यादव आदि अनेक गौ सेवक उपस्थित रहे।

उसके पश्चात श्री सरकार सर्ब ब्राह्मण धर्मशाला में पहुचे जहां उन्‍होने भगवान श्री परशुराम जी की पूजा अर्चना आरती की, श्री बागेश्वर धाम सरकार ने मंच के मध्यम से समस्त ब्राह्मणो को अपनो कर्म के साथ समाज के उत्थान की बात कही, संसार की दिशा व दशा सुधारने का दायित्‍व ब्राम्‍हण के पास है, आप सभी को अपनी दिशा सही रखना आप उस वंश से है जिसका उल्‍लेख रामायण में मिलता है, युवाओं से आव्‍हान है कि माथे पर तिलक, सिर पर चोटी और मुख पर हरि का नाम हो, यही आपकी पहचान बने।

संत की अगवानी मंत्रोपचार के साथ की गई, सर्व ब्राम्‍हण समाज अध्‍यक्ष हरिराम पांडे ने श्री सरकार की अगवानी पुष्‍पमाला से की, इस अवसर पर कन्‍हैया लाल गौतम, मथुरा प्रसाद पटेरिया, जितेन्‍द्र प्‍यासी, राम नजर मिश्रा, शशिकांत दुबे, राकेश चतुर्वेदी, अतुल पन्‍या, मनीष पलया, नीलू पटेरिया, मनोज तिवारी, अजीत अवस्‍थी, प्रवीण पाठक आदि उपस्थित रहे।

भगवान अवस्‍था नहीं व्‍यवस्‍था देख प्रकट होते – श्री बागेश्‍वर धाम सरकार

हटा, दमोह। जीवन में यदि तनाव मुक्‍त रहना चाहते हो तो कुछ क्षण ही भगवत चर्चा के लिए निकाल लिया करो, जीवन की व्‍यस्‍तता में भी राम जी चर्चा करोडों अपराध के पाप को दूर करता है, भागवत कथा प्रभु चर्चा में बिताया समय कभी व्‍यर्थ नहीं जाता है, जहां कही भी भागवत कथा राम चर्चा सुनने में तो कुछ पल जरूर ठहरो न जाने इस ठहराव से न जाने कौन सी बडी घटना टल जाये, आज लोग भगवान के दर्शन इतनी जल्‍दबाजी करते है, मूर्ति को अच्‍छे देखते तक नहीं है,भागवत चर्चा ऐसा महोत्‍सव है, जो जीवन को सुधारता  है, जीवन जीने की राह दिखाता है।


यह बात श्री बागेश्‍वर धाम सरकार ने देवश्री गौरीशंकर मंदिर परिसर में दद्दा कला मंच से श्रीमद भागवत महा पुराण कथा के चौथे दिन की कथा सुनाते हुए कही, श्री सरकार ने कहा कि जीवन में कभी भी किसी को न तो छोटा समझना चाहिए न ही किसी का हास परिहास करना चाहिए, ज्ञान, धन, बल ही सदैव बडे नहीं होते, उन्‍होने मोबाईल संस्‍कृति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज मोबाइल में ऐसे चित्रों को लगाते है कि जिन्‍हे परिवार के साथ देखने में भी शर्म आती है, यदि चित्र लगाना ही हो तो ऐसे संत महात्‍माओं के चित्र लगाओ जिनका चरित्र हमारे जीवन में शिक्षा प्रदान कर सके, राह दिखा सके।

श्री सरकार ने भक्‍त ध्रुव प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा कि व्‍यक्ति की श्रद्धा यदि प्रबल हो तो भगवान कब किस रूप में प्रकट हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है, भगवान अवस्‍था नहीं व्‍यवस्‍था देखते है,श्री सरकार ने कहा कि सुकदेव ने जब परीक्षित को नरक की व्‍याख्‍या सुनाई तो परीक्षित कांप गये, उन्‍होने कहा कि इंसान के कर्म ही उसकी गति तय करते है, भक्‍त प्रहलाद ने बचपन से ही नारायण की भक्ति की तो उनके प्राणों की रक्षा करने भगवान स्‍वयं आये।

श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव का वर्णन करते हुए उन्‍होने बताया कि कंस के अत्‍याचार बढ गये अपने पिता को ही बंदी बना लिया, अत्‍याचारी कंस अपने प्रभाव से प्रजा को बस में करना चाह रहा था लेकिन किसी को अपने पक्ष में करने के लिए स्‍वाभाव में सरलता महत्‍वपूर्ण होना चाहिए, कंस ने अपनी बहिन को भी बंदी बना लिया लेकिन अन्‍याय का अंत तो तय था, देवकी की कोख से भगवान का अवतार हुआ।

भगवान के अवतार लेते ही पंडाल में बधाई होने लगी, सभी लोग झूम उठे, कथा का श्रवण करने अनेक प्राशासनिक अधिकारी, जन प्रतिनिधि सहित बडी संख्‍या में लोग उपस्थित रहे।

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