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दबंगों से परेशान विधवा ने रिपोर्ट तथा सुनवाई नहीं होने पर बेटे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर गुहार लगाई.. कार्रवाई का भरोसा नहीं मिलने पर युवक ने कलेक्ट्रेट में किया जहरीले पदार्थ का सेवन.. हटा विधायक पर लगाया दबंगों को संरक्षण का आरोप.. मामले में कलेक्टर एसपी ने बयान जारी किए..

युवक ने कलेक्ट्रेट में किया जहरीले पदार्थ का सेवन

दमोह। लंबे समय से बंद जनसुनवाई मंगलवार से पुनः प्रारंभ कर दी गई है। लेकिन सिस्टम से परेशान लोगों को अधिकारियों की सुहानभूति की जगह उपेक्षा भरे बर्ताव का शिकार होना पड़ रहा है। इधर राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते गरीबों के मामले में बड़े अधिकारी कार्रवाई करने में टाला मटोली करते नजर आते हैं।
ऐसे ही कुछ हालातों के चलते रजपुरा थाने के सेमरा गांव निवासी प्रकाश यादव अपनी विधवा मां ब्रज रानी यादव के साथ मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे।


 जहां प्रकाश यादव तथा उनकी माँ के अनुसार उन्होंने कलेक्टर को अपनी पीड़ा बताने के साथ दबंगों द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा करके गाली गलौज मारपीट की वीडियो भी दिखाई थी लेकिन इसके बावजूद हटा विधायक के पहले से फोन पहुंच जाने की वजह से उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई। जबकि इसके पूर्व उनके साथ मारपीट गाली-गलौज की घटना की रिपोर्ट भी रजपुरा थाने में दर्ज नहीं की गई थी जिसके बाद विधवा ब्रज रानी यादव ने 5 सितंबर 2021 को एसपी के नाम पर लिखित शिकायत भी की थी।

 लेकिन इसके 15 दिन बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई और दबंगों की गुंडई बढ़ती गई तो मजबूरी में उन को जिला मुख्यालय इस कारण से पहुंचना पड़ा। क्यों कि आज से यहां जन सुनवाई शुरू हो रही थी। उनको उम्मीद थी कि आज जरूर उनकी सुनवाई होगी। लेकिन जनसुनवाई में पहुंचने में वह लेट हो गए थे।
ऐसे में कलेक्टर से मुलाकात के बावजूद समस्या का समाधान नहीं निकलते देख कर प्रकाश यादव को कलेक्ट्रेट में जहरीले पदार्थ का सेवन करने को मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद हड़कंप भरे हालात में उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया।

 जिसके बाद उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल से कलेक्ट्रेट कार्यालय मिनी एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत में फिलहाल सुधार है लेकिन उसकी तथा उसकी मां अपनी पीड़ा को बयान करती मीडिया के समक्ष खुलकर परेशानी बयान करती दबंगो के नाम लेकर सिस्टम पर सवाल उठाती नजर आई है। 

उनका यह भी कहना था कि उनकी जमीन पर कब्जे के मामले का केस जबरन तहसील में लगा दिया गया है और कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी। जबकि वो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मजदूर लोग हैं। आज भी यहां पर उनकी जमीन कब्जे मामले को लेकर नापतोल करने के लिए तहसील से लोग पहुंचे थे। लेकिन हटा विधायक के यहा से पीए सुरेश पटेल का फोन आ जाने की वजह से वह नापतोल किये बिना वापस चले गए। इस वजह से उनको जिला मुख्यालय आना पड़ा था। जबकि हटा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि नापतोल में उपरोक्त जमीन दूसरे पक्ष के निकली थी जिस पर यह लोग लड़ने पर आमादा हो गए थे और जिला मुख्यालय चले गए थे।
कलेक्टर एसपी ने मामले में बयान जारी किए..

मंगलवार शाम मीडिया के जरिए उपरोक्त पूरा घटना क्रम सोशल मीडिया व न्यूज़ चैनल पर वायरल होने के बाद कलेक्टर एसपी ने भी अपने बयान जारी करते हुए मामले में अपना पक्ष रखा है उनका इस मामले में क्या कहना है इस वीडियो में आप भी सुन सकते हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने दिए थे साफ निर्देश

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काली प्रदेश के पुलिस अधिकारियों से से वीडियो कांफ्रेंसिंग करके कानून व्यवस्था को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश दिए थे इस दौरान उन्होंने नीमच तथा दमोह के एसपी को फटकार लगाते हुए सिस्टम सुधारने के लिए भी कहा था।

 वही आज यह मामला सामने आने से पुलिस सिस्टम की पोल खुलती नजर आई है। इस पूरे मामले को लेकर अब अधिकारी के स्तर पर अपना पक्ष जारी किए जाने का दौर शुरू हो चुका है ऐसे में देखना होगा जहर खाने वाले गरीब पीड़ित पक्ष को न्याय मिल पाता है अथवा नहीं पिक्चर अभी बाकी है

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1 Comments

  1. जबसे नये कलेक्टर एस पी आये है कानून व्यवस्था ठप्प हो गयी सिर्फ राशन कैसा बट रहा ये देखा जा रहा

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