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वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का जीवन संघर्ष हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत- प्रहलाद सिंह पटेल.. जिला लोधी क्षत्रिय समाज ने वीरांगना महारानी अवंती बाई जन्म जयंती समारोह आयोजित किया.. राहुल सिंह ने यात्रा के साथ मनकोडी पहुचकर वीरांगना को श्रद्धा सुमन अर्पित किए..

 वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का जीवन संघर्ष हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत- प्रहलाद सिंह पटेल

दिल्ली रानी अवंतीबाई लोधी की जयंती पर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रानी अवंतीबाई लोधी सन 1857 क्रांति की महानायिका थीं, आजादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वो अदम्य साहस व शौर्य की प्रतीक थीं।  उनका जीवन संघर्ष सिर्फ नारी शक्ति के लिए ही नहीं बल्कि हर देशवासी के लिए प्रेरणा स्रोत है। आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से सीख लेंगी।

वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी का जन्म 16 अगस्त 1831 को ग्राम मनकेहणी, जिला सिवनी के जमींदार राव जुझार सिंह के यहां हुआ था। वीरांगना अवंतीबाई लोधी की शिक्षा-दीक्षा मनकेहणी ग्राम में ही हुई। अपने बचपन में ही इस कन्या ने तलवारबाजी और घुड़सवारी करना सीख लिया था। लोग इस बाल कन्या की तलवार बाजी और घुड़सवारी को देखकर आश्चर्यचकित होते थे। वीरांगना अवंतीबाई बाल्यकाल से ही बड़ी वीर और साहसी थी। जैसे-जैसे वीरांगना अवंतीबाई बड़ी होती गईं, वैसे-वैसे उनकी वीरता के किस्से आसपास के क्षेत्र में फैलने लगे। पिता जुझार सिंह ने अपनी कन्या अवंतीबाई लोधी का विवाह सजातीय लोधी राजपूतों की रामगढ़ रियासत जिला मंडला के राजकुमार से करने का निश्चय किया। जुझार सिंह की इस साहसी बेटी का रिश्ता रामगढ़ के राजा लक्ष्मण सिंह ने अपने पुत्र राजकुमार विक्रमादित्य सिंह के लिए स्वीकार कर लिया। इसके बाद जुझार सिंह की यह साहसी कन्या रामगढ़ रियासत की कुलवधू बनी। 


 सन् 1850 में रामगढ़ रियासत के राजा और वीरांगना अवंतीबाई लोधी के ससुर लक्ष्मण सिंह की मृत्यु हो गई और राजकुमार विक्रमादित्य सिंह का रामगढ़ रियासत के राजा के रूप में राजतिलक किया गया। लेकिन कुछ सालों बाद राजा विक्रमादित्य सिंह अस्वस्थ रहने लगे। उनके दोनों पुत्र अमान सिंह और शेर सिंह अभी छोटे थे, अत: राज्य का सारा भार रानी अवंतीबाई लोधी के कंधों पर आ गया। वीरांगना अवंतीबाई लोधी ने वीरांगना झांसी की रानी की तरह ही अपने पति विक्रमादित्य के अस्वस्थ होने पर ऐसी दशा में राज्य कार्य संभालकर अपनी सुयोग्यता का परिचय दिया और अंग्रेजी हुकूमत को झकझौर दिया।
वीरांगना अवंती बाई जयंती समारोह आयोजित
दमोह। जिला लोधी क्षत्रिय समाज के द्वारा आज दिनांक 16अगस्त, 2021 को जटाशंकर  धाम, दमोह में वीरांगना महारानी अबंति बाई प्रतिमा स्थल पर 190 वी जयंती समारोह  कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि राहुल सिंह लोधी केबिनेट दर्जा प्राप्त म.प्र.वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पारेशन अध्यक्ष विशिष्ठ अतिथि प्रीतम सिंह जिला अध्यक्ष (भाजापा) एवं धर्मेंद्र सिंह (विधायक जबेरा) व शिवचरण पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष विद्या सागर पांडे पूर्व जिला अध्यक्ष एवं अध्यक्षता हाकम सिंह लोधी अध्यक्ष जिला लोधी क्षत्रिय समाज दमोह की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
जिसमें सर्वप्रथम महारानी अवंति बाई प्रतिमा पर दीपप्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके पुष्पांजली अर्पित कर याद कर रानी अवंति बाई अमर रहे के नारे आसमान में गूँजे सामूहिक पुष्पांजली अर्पित की गई जिसमें दादा उमराव सिंह खमरिया ने अपने उद्बोधन में बताया कि  वीरांगना महारानी अवंतीबाई की वीरगाथा एवं उनके जीवन के कठिन संघर्ष का विवरण विस्तार से बताया कि 1857की क्रांति में वीरांगना महारानी अवंती बाई जी की अहम भूमिका रही एवं देश को आजाद कराने में अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। श्री राहुल सिंह ने समाज में शिक्षा पर अपनी चर्चा की जिसमें उन्होंने कहा की शिक्षाशेरनी का दूध है जो पिएगा बो दहाडेगा इसलिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करे, ताकि शिक्षित समाज हो सके, शिवचरण पटेल ने समाज को संगठित रहकर एकजुट होकर समाज के हित में संकल्प लेकर कार्य करने एवं समाज में व्याप्त अनेक प्रकार की कुरीर्तियों को खत्म करने की जरूरत है।

 जिला अध्यक्ष हाकम सिंह जी ने समाज के पिछङे होने का मुख्य कारण मृत्यु भोज है जिसको बंद करना आवश्यक है जिनमें विधवा विवाह, मृत्यु भोज बंद कर  श्रद्धांजलि सभा करने, दहेज ना लेना न देने की बात रखी।जिला अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने वीरांगना महारानी अवंती बाई के जीवन परिचय  पर संक्षिप्त प्रकाश डाला एवं समाज को शराब बंद करने एवं व्यापार धंधे से जुड़कर रोजगार  स्वरोजगार कर समाज के युवाओं को प्रेरणा दी एवं समाज उत्थान के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथियों की उपस्थिति में वीरांगना रानी अवंति बाई के नाम से शाला भवन हेतु 1 एकड़ जमीन दमोह शहर में स्थित है, जिसमें शाला भवन निर्माण कार्य हेतु समाज के लोगों एवं जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की।

 जिसमें शाला भवन निर्माण में जिला पंचायत सदस्य अवधेश प्रताप सिंह ने 10 डम्फर रेता,  हाकम सिंह जिला अध्यक्ष नेअपनी माता स्व.गुलाब बाई जी की स्मृति एवं पिता स्व. पदम सिंह जीकी स्मृति में 1 लाख 2 हजार रुपय की घोषणा की, श्री पदम सिंह इटवा हीरा लाल ने 51 हजार रु की घोषणा की, मुकेश सिंह लोधी खमरिया ने 21000 हजार रु, युवा अध्यक्ष दयालु सिंह ने 11000 रु, एवं श्री जागेश्वर सिंह लोधी बिकलांग उत्थान समिति अध्यक्ष ने 2100रु एवं  श्री राजकुमार सिंह हरदुआ सरपंच ने अपने पिता स्व. जवाहर सिंह की स्मृति में गेट निर्माण की घोषणा की मंच संचालन पदम् सिंह द्वारा किया गया एवंकेन्द्रीय राज्य मंत्री व दमोह सांसद के सहायकनिज सचिव राजकुमार सिंह नेआभार प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में पंडित मनु मिश्रा, यशपाल ठाकुर] दीवान चंद्रभान सिंह,पूर्व प्रचार्य श्री हाकम सिंह, भाव सिंह, पूर्व प्राचार्य हुकुम सिंह,माधव सिंह,  हीरा सिंह,  के .एस. ठाकुर, गोपाल सिंह,  प्रेम सिंह, मुलाम सिंह, कल्याण सिंह, अर्जुन सिंह,अवधेश प्रताप सिंह, एड. राकेश सिंह,ए ड. उम्मेद सिंह, खिलान सिंह, गीता सिंह, कु. ज्या ठाकुर,  भारत सिंह,  जागेश्वर सिंह,एड. राघवेंद्र सिंह, जितेन्द्र सिंह, राजा भैया, सतपाल सिंह, भारत सिंह, राकेश सिंह,  गजराज सिंह, रूप सिंह, सुरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, मुकेश सिंह, मनीष सिंह, सरवन सिंह, तरवर सिंह, राहुल सिंह, शिवम सिंह, विवेक सिंह, हिम्मत सिंह, मनोज सिंह, भूपेंद्र सिंह, राघवेंद्र सिंह, निर्भय सिंह, धर्मेंद्र सिंह, भारत सिंह, देवेंद्र सिंह, पदम सिंह, प्रकाश सिंह, परम यादव, वीरेंद्र सोनी, त्रिपाल सिंह, नीरज सिंह, रवि सिंह, बृजेश सिंह, परम सिंह, भारत सिंह, राणा सिंह, पंकज सेन, जित्तु ठाकुर आदि युवाओं की उपस्थित सराहनीय रही।
राहुल सिंह ने यात्रा के साथ।मनकोड़ी पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए..

आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव पर अमर शहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी जी की जन्म जयंती के अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री श्री राहुल सिंह जी (भैया) MPWLC अध्यक्ष जी आज भोपाल से बालपुर ( डिंडोरी ) तक "शहीद अवंती यात्रा" के दौरान जन्मस्थली ग्राम - मनकेडी़ पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की एवं आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए ।

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