दहेज मुक्त शादी करके समाज को दिया संदेश..
दमोह। एमएससी पास वधू अर्चना के साथ HDFC बैंक के असिस्टेंट मैनेजर हेमंत ने बिना दहेज बिना घोड़ी बिना बैंड बाजों के मांग में सिंदूर भर के विवाह करके समाज के समक्ष अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। दहेज के नाम पर वधु पक्ष द्वारा संत रामपाल महाराज जी का धार्मिक ग्रंथ ज्ञान गंगा वर पक्ष को भेंट की गई है। इस अवसर पर सर्व समाज उत्थान एवं मृत्यु भोज कुप्रथा समिति के पदाधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
संत श्री राम पाल महाराज जी के मार्गदर्शन में भगतों (शिष्यों) ने वर पक्ष से पिता इंद्रजीत सिंह रेलवे (गार्ड मेंन) दादा रामेश्वर सिंह ग्वालियर एव वधु पक्ष से पिता राव राजेन्द्र सिंह, दादा राव बहादुर सिंह चीलघाट (आनू) दमोह द्वारा परमात्मा की गुरू वाणी (रमैणी) मंत्रोच्चार के माध्यम से अडम्वर रहित लोभ लालच त्याग कर एक भी पैसे का लेन देन न करते हुए दहेज मुक्त विवाह सम्पन्न कराया गया।
दहेज में वधु पक्ष द्वारा संत रामपाल महराज जी का धार्मिक ग्रंथ ज्ञान गंगा भेंट की। इस ज्ञान गंगा के नियमों का पालन करते हुए सभी भगत (शिष्य) समाज में फैली कुरीतियों अंधविश्वास और पाखंड का त्याग कर सुखमय जीवन का संकल्प लेते और कबीर पंथ रीति के अनुसार शादी में मंत्रोच्चार (रमेणी) या अमृत वाणी के माध्यम से सम्पन्न कराते है। वर वधु को संत रामपाल महराज जी के शिष्य द्वारा कलाई पर धागा बांध कर बंधन में बांधते हैं और रमेणी (मंत्रोच्चार) से किया गया शुद्ध जल वर वधु को पिलाकर उनका शुद्धिकरण करते है और विवाह सम्पन्न हो जाता है इसके बाद बारात घर पहुंचने के बाद बाकी रश्में जैसे लड़की का श्रंगार मांग भराई इत्यादि पूरी की जाती है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्व समाज उत्थान एवं मृत्यु भोज कुप्रथा उन्मूलन समिति दमोह अध्यक्ष राजेंद्र सिंह कैथौरा, पूरनसिंह आचार्य, राघवेंद्र सिंह ऋषि भैया जिला पंचायत सदस्य खमरिया, संयोजक वीर सिंह जेरठ एवं दोनों पक्षों के सभी वरिष्ठजन माताएँ बहनें रिस्तेदार एवं स्नेहीजनो की गरिमामय उपस्थिति रही। सर्व समाज उत्थान एवं मृत्यु भोज कुप्रथा उन्मूलन समिति दमोह इस दहेज मुक्त शादी का समर्थन करती है और लोभ लालच का त्याग करने वाले ऐसे साहसी और वीर परिवारों को रूढ़ि वादी खर्चीली और कष्ट दायी परम्पराओं को छोड़कर सरल अडम्वर मुक्त रीति रिवाजों के साथ मिलकर काम करने के लिए धन्यवाद करती है।
सोने का मंगलसूत्र वापिस करके मिसाल पेश की..
दमोह। कहते हैं हिम्मते मर्दे और मर्दे खुदा ही होता है।
वही ईमानदारी के साथ मेहनत पर विश्वास रखने वालों के लिए सोने और पीतल का अंतर कनक कनक ते सौ गुने के दोहे को चरितार्थ करने जैसा होता है। हटा नगर में एसबीआई के सामने फुटपाथ पर टेलरिंग करने वाले एक युवक दिनेश उर्फ डीके नामदेव पिता अशोक नामदेव सोने के मंगलसूत्र को वापस करके ना सिर्फ दूसरे की खोई हुई खुशियां लौटा दी बल्कि ईमानदारी आज भी जिंदा है उसकी भी मिसाल पेश की है।
दरअसल दिनेश को अपनी सिलाई मशीन के पास एक सोने का मंगल सूत्र जिसमें सोने के गुरिया भी लगे थे मिला था। इसकी जानकारी अपने आसपास वालो को देने पर सभी ने कहा इसे अभी अपने पास रखो जब कोई मांगने आयेगा तो उसकी सत्यता परख कर उसे दे देना। सोमवार की शाम एक साहू समाज की महिला अपनी बेटी व पति के साथ डीके के पास पहुंची तो उसने पहचान बताई व यहां तक कैसे आये थे उसकी भी जानकारी दी। सच्चाई आने पर डीके ने महिला को उसका मंगलसूत्र वापिस करके यह बता दिया कि आज भी ईमानदारी व सच्चाई जिन्दा है।
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