कमल वालों को फिर सदमे में डाल गए पूर्व सीएम कमल नाथ..
दमोह। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आगमन एक बार फिर कांग्रेसियों के जोश और उत्साह दोगुना कर गया। वही भाजपा समर्थित जिला पंचायत उपाध्यक्ष कौशल्या नेमार के पाला बदलकर कांग्रेस में चले जाने से भाजपा को झटका लगा है। जवाब में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण के नाम राशि एक युवा कांग्रेसी सहित तीन अन्य कांगेस नेताओ को अपने पाले में लाकर तसल्ली करने की कोशिश की है। इधर पूर्व मंत्री पुत्र सिद्धार्थ मलैया के तेवर ठंडे पड़ जाने तथा उनके द्वारा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर देने के बाद भाजपा से अधिक कांग्रेसी खेमे में खुशी देखी जा रही है।
दमोह विधानसभा उप चुनाव की नामांकन बेला में गुरुवार 25 मार्च का दिन कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन तथा कांग्रेस जनों के लिए जोश और उत्साह का संचार करने वाला रहा। हेलीकॉप्टर से दमोह पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ जहां कांग्रेसियों को विशाल मंच पर एकजुट करने के साथ एकता में छिपे जीत का मंत्र वाला पाठ पढ़ाने में सफल रहे।
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कहा कि भाजपा कालकारी से जनतो का मद्दो से भटकाने, महगाई से मुंह चुराने, वोटो से चुनी सरकार नोटो के द्वारा गिराने में महारथ हासिल है। बुंदेलखण्ड की जनता गरीबी सह लेती है भूंखा रह लेती है किंतु अपना सम्मान नहीं बिकने देती। इस चुनाव में अजय टंडन नहीं वह स्वयं प्रत्याशी है। इस चुनाव की जीत हार मप्र के युवाओ का भविष्य तय करेगी। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने कहा कि वह विधायक बने तो अपने वेतन का पूरा पैसा जरूरतमन्दो में खर्च करेगें उनके पिता चंदू चाचा के देहांत के बाद विधायकी के दो वर्ष कार्यकाल के बचे थे वह दमोह की सम्मानीय जनता के सामने झोली फैलाते है कि वह दो वर्ष मेरे पिता के मुझे देकर पूरे करवा लें।
डेजी पटेल का सभा स्थल पर केक काटकर मनाया जन्मदिवस
दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के पक्ष में सभा करने आए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिला प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सभा स्थल पर पथरिया की जनपद अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल की बेटी डेजी सिंह पटेल का जन्मदिवस केक काट कर मनाया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष कौशल्या ने थामा कांग्रेस का हाथ..
इस दौरान जिला पंचायत की उपाध्यक्ष और सांसद तथा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल की समर्थक मानी जाने वाली आदिवासी नेत्री कौशल्या मेंमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है । जिससे पिछले दिनों सिग्रामपुर में आयोजित महामहिम के प्रोग्राम के बाद आदिवासियों की वोट पर नजरें गड़ाए भाजपा की उम्मीदों को झटका लगा है।
रामबाई के इस्तीफे का बाद चुनी गई थी उपाध्यक्ष..
उल्लेखनीय है कि पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राम बाई सिंह ने पथरिया से विधायक चुने जाने के बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था तथा फरवरी 2019 में हुए जिला उपाध्यक्ष चुनाव में सांसद प्रह्लाद पटेल के सपोर्ट और विधायक रामबाई की मदद से जिला पंचायत अध्यक्ष शिव चरण पटेल अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को बचाने मेंं सफल रहे थे वही कोशल्या नेमार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनाने में भी सफल रहे थे
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य ऋषि लोधी से लेकर लता चौरसिया तक अनेक सदस्यों ने अध्यक्ष शिव चरण और उपाध्यक्ष रामबाई की मिलीभगत से पूर्व में हुए भ्रष्टाचार की अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 12 फरवरी 2019 को मीडिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से जमकर कलाई खोली थी।
देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड की ऐसी लिखी गई पटकथा..
उसके कुछ समय बाद एक अन्य जिला पंचायत सदस्य लता चौरसिया के देवर देवेंद्रर चौरसिया ने बसपा का दामन छोड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के दमोह आगमन के दौरान कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। और उसके बाद हटा में देवेंद्रर चौरसिया पर प्राणघातक हमला करके हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद दर्ज एफआइआर में जिला पंचायत अध्यक्ष शिव चरण पटेल केेेे बेटे से लेकर विधायक रामबाई के पति, देवर वा अन्य के भी नाम थे। पंचायत अध्यक्ष सूत्र 2 साल से जेेल की मैं बंद है वह विदाई का पति गोविंद की तलाश में एसटीएफ अभी भी जुटी हुई है।
भाजपा को मिला एक और शिवचरण पटेल का साथ..
कांग्रेश द्रारा जिला पंचायत उपाध्यक्षको अपने पाले में कर लिए जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेसी युवा कार्यकर्ता शिवचरण पटेल के अलावा पांच अन्य नेताओं को कांग्रेस से भाजपा में शामिल करने में सफलता हासिल की है। संभागीय संगठन मंत्री कैशव भदोरिया, संगठन सहयोगी जिला विस्तारक गणेश पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह की उपस्थिति में हुकम पटैल, योगेश पटैल, जानकी पटैल, वीरेंद्र साहू, जितेंद्र पटैल ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता प्राप्त की ।
सिद्धार्थ मलैया ने फिर बदला चुनाव लड़ने का इरादा..
पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने आखिरकार फिर एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर चुनाव नहीं लड़ने की अपनी मंशा को आज साफ कर दिया। जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह की राह फिलहाल छोना के बगावती तेवरों से खाली हो गई है उल्लेखनीय है कि एक माह में करीब 3 बार प्रेस कॉन्फ्स बुलाने वाले सिद्धार्थ के तेवर भाजपा को चिंता में डाले हुए थे परंतु कांग्रेस द्वारा अजय टंडन जैसे मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार दिए जाने के बाद भी यदि छौना मैदान में उतरते तो राहुल विरोधी वोट बटती। लेकिन अब छोना के मैदान से हट जाने से भले ही भाजपा वाले उसे अपने लाभ से जोड़कर देख रहे हो लेकिन इससे अधिक लाभ की उम्मीद कांग्रेसी करते नजर आ रहे हैं। पिक्चर अभी बाकी है..
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