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13 दिन पूर्व जिला जेल भेजे गए रैप के आरोपी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ा.. ! डाक्टर की एडवाईज के बाद भी अस्पताल में एडमिट कराने उपलब्ध नहीं कराई गई गार्ड.. अन्यथा बच सकती थी युवा आरोपी की जान..

 जिला जेल में बलात्कार के आरोपी ने जेल में दम तोड़ा.. 

दमोह। जिला जेल में 13 दिन पूर्व आज एक विचाराधीन बंदी की इलाज के अभाव में मौत हो जाने का दुखद घटनाक्रम सामने आया है। दमोह जिले के धनगौर निवासी दुर्गेश राठोर 23 वर्ष को   नाबालिग को अगवा कर बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद 8 फरवरी को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। आज उसकी मौत की खबर सामने आने के बाद जेल के अंदरूनी हालातों पर एक बार फिर सवाल उठाए जाने लगे हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जेल बंदी दुर्गेश राठौर को मेडिकल चेकअप के लिए अन्य बंदियों के साथ जिला अस्पताल लाया गया था जहां उसकी हालत नाजुक होने की वजह से ड्यूटी डॉक्टर ने उसे हॉस्पिटल में एडमिट करने अनुशंसा की थी। लेकिन उसे अस्पताल में एडमिट किए बिना ही वापस जेल ले जाया गया। जहा उसकी हालत खराब होने पर दोबारा उसे जब तक अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम किया गया तब तक उसकी सांसे थम चुकी थी। बीमार बंदी को डॉक्टर की एडवाइज के बाद भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराये जाने की वजह गार्ड उपलब्ध नहीं हो पाना बताया जा रहा है। युवा जेल बन्दी की मौत को लेकर अब तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। फिलहाल शव को जिला अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया गया है परिजनों को भी सूचना भेज दी गई है। परिजनों के अस्पताल पहुंचने के बाद दुर्गेश राठौर की मौत की बजह को लेकर  कुछ और खुलासे की उम्मीद की जा सकती है। 

 जेल बंदी की मौत के संदर्भ में जेल अधीक्षक विकास कुमार सिंह का कहना है कि दुर्गेश को पहले से गले में कोई गंभीर बीमारी थी 13 फरवरी को ही जेल डाक्टर ने उसे एडमिट कराने लिख दिया था तभी से जेल प्रबंधन पुलिस गार्ड की मांग कर रहा था। लेकिन पुलिस गार्ड उपलब्ध नहीं कराई गई। आज जब गार्ड उपलब्ध कराई तो उसको सुबह अस्पताल भेजा गया था जहां से वह वापिस आ गया था वहीं बाद में उसकी हालत बिगड़ने पर जेल गार्ड उसे लेकर अस्पताल गई थी जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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