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रंगीन रोशनी से जगमगाया मराठा कालीन संतोषी माता का गजानन टेकरी पर स्थित मंदिर.. इस बार जनवरी के अंतिम दिन तिल गणेश पूजन से शुरू होगा दो दिवसीय मेले का भव्य आयोजन.. कोरोना काल को ध्यान में रखकर दूरी बनाकर रखने की भक्तो से अपील..

 गणेश जी एवं माता संतोषी की प्राचीन प्रतिमा है विराजमान

दमोह। नगर में सर्व दिशाओं से आने वाले मार्ग से गजानन टेकरी पर स्थित संतोषी माता का मंदिर काफी दूर से नजर आने लगता है। दमोह शहर को आने वाले जबलपुर सागर छतरपुर टीकमगढ हटा कटनी सड़क मार्ग की बात हो या फिर बीना कटनी रेलखंड की। दूर से ही संतोषी माता पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर के दर्शन सभी को होने लगते हैं। वही बाहरी लोगों के मन में यह उत्सुकता भी जाग उठती है कि आखिर पहाड़ी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर किस देवी देवता का है ?

दमोह नगर में प्रवेश के कई किलोमीटर दूर से ही नजर आने लगने वाली इस पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर इन दिनों रंगीन रोशनी से सजा हुआ है जिस वजह से दूर से ही मन्दिर के साथ आकर्षक रोशनी की छटा बिखरती हुई सभी का ध्यान आकर्षित कर रही है।

 गजानन टेकरी तथा संतोषी माता की पहाड़ी के नाम सुप्रसिद्ध इस स्थल पर अत्यंत प्राचीन मराठा कालीन बुद्धि विनायक प्रभु श्री गणेश का मंदिर स्थित है। यहां पर मनवांछित फल दाता प्रथम पूज्य श्री गणेश की अत्यंत मनोहरी मनभावन प्रतिमा के समीप ही सबके संकटों को हरने वाली और दर्शन के साथ मन को संतोष देने वाली मां संतोषी की भी प्राचीन प्रतिमा स्थित है।

 हर साल यहाँ पर तिल गणेश के अवसर पर विशेष पूजन अनुष्ठान के साथ तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस बार यह आयोजन जनवरी के आखिरी दिन अर्थात 31 जनवरी को होने जा रहा है। हालांकि कोरोना काल के चलते प्रशासन के द्वारा मेला आयोजन की परमिशन नहीं दी गई है लेकिन तिल गणेश पूजन का भव्य आयोजन परंपरा अनुसार किया जाएगा।

कार्यक्रम आयोजक दिलीप चौरसिया ने सभी भक्तों से पूजन अर्चन में शामिल होने और सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखने की अपील की है। यदि आपने अभी तक प्राचीन मंदिर में स्थित मनवांछित फल दाई मां संतोषी और प्रभु गणेश की प्रतिमा के दर्शन पूजन अर्चन नहीं किए हैं तो तिल गणेश के मौके पर यहां पहुंचकर धर्म लाभ अर्जित करने से नहीं चूके। अभिजीत जैन की रिपोर्ट


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