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पूर्व मंत्री पुत्र भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया वर्सेस विधायक रामबाई का "बयान वॉर" क्या गुल खिलाएगा.. सिद्धार्थ मलैया ने कहा वो विधायक भी नहीं रहेंगी और जेल भी जाएगी.. राम बाई ने कहा ग्वालियर में कराए पागलपन का इलाज..

 सिद्धार्थ मलैया वर्सेस विधायक रामबाई का बयान वॉर
दमोह। देश में कोरोना संक्रमण काल और बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात के बीच दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे और बसपा विधायक रामबाई के बीच जारी बयान वॉर आने वाले दिनों में क्या ग्रुप मिलाएगा इसको लेकर लोगों के बीच में अभी से चर्चाएं होने लगी है। वही दोनों नेताओं के समर्थक अपने अपने नेता की बात को सही ठहराते आपस में सोशल मीडिया पर उलझते नजर आने लगे हैं। दरअसल इस बयान वॉर के पीछे 2 दिन पूर्व फतेहपुर चौकी में कांग्रेस नेता सोमेश चौरसिया के परिजनों पर दर्ज कराया गया हत्या के प्रयास का एक मामला है। जिसके विरोध में आज हटा बंद का आवाहन किया गया था।
बसपा के रास्ते कांग्रेस में आए दिवंगत नेता देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश चौरसिया और भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया राजनीतिक हिसाब से एक दूसरे के घोर विरोधी दलों में है। लेकिन व्यवसायिक तौर पर दोनों की कंपनियों का सड़क निर्माण ठेकेदारी से जुड़ा होना पेशे की समानता दर्शाता है। 15 मार्च 2019 को कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बसपा विधायक रामबाई के परिजन व भाजपा नेता जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे सहित कुछ अन्य आरोपी जेल में है। फतेहपुर चौकी में 2 दिन पूर्व चौरसिया परिवार के सदस्यों पर दर्ज किए गए हरिजन एक्ट और 307 के मामले को पूर्व में हुए चौरसिया हत्याकांड से जोड़कर देखा जा रहा है। 
इस मामले के फर्जी होने तथा इसकी जांच की मांग का ज्ञापन देने गुरुवार शाम सोमेश चौरसिया, प्रदीप खटीक सहित अन्य कांग्रेस नेता दमोह एसपी ऑफिस पहुंचे थे। जहां ज्ञापन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सोमेश चौरसिया ने पत्रकारों के समक्ष अपनी बात रखी थी। होटल मंगलम में आयोजित कांग्रेस नेताओं की पत्रकार वार्ता के दौरान अचानक भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया का पदार्पण होता है तथा वह मीडिया के समक्ष ही सोमेश चौरसिया के गले लग कर फफक फफक कर रो पड़ते हैं। बाद में बसपा विधायक श्रीमती रामबाई के जेल में बंद परिजनों की अपराधिक पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए दमोह जेल में उनके गुंडाराज तथा जेलर राणा द्वारा इनको शराब शबाब जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के आरोप लगाने से भी नहीं चूकते हैं।  
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुर्खियां बन चुकी इस बयान बाजी के तत्काल बाद न्यूज़ 18 चैनल सिद्धार्थ मलैया और राम बाई को सीधे जोड़कर उनसे बात करता है। परंतु रामबाई के लाइन पर आने के पहले ही सिद्धार्थ मलैया व्यस्तता का हवाला देकर विदा ले लेते है वही इन आरोपों को लेकर विधायक रामबाई आरोप लगाने वाले सिद्धार्थ मलैया को पहचानने से ही इनकार कर देती है।
इधर शुक्रवार को हटा में सर्वदलीय बंद के आयोजन में शामिल होने के लिए दमोह से सिद्धार्थ मलैया अपनी टीम के साथ पहुंचते हैं धुआंधार भाषण बाजी के बाद और ज्ञापन देने के लिए हटा टीआई राजेश बंजारा के पास भी पहुंचते हैं। इस दौरान उनका टी आई से चर्चा करने का अंदाज व व्यवहार अजीबोग़रीब दिखता है। महीने भर पूर्व हटा में पदस्थ हुए टीआई से वह कहते है 2008 का बकाया है, गिन गिन कर हिसाब लूंगा तथा वह विधायक नहीं रहेगी यदि वह विधायक रहेंगी तो प्रदेश के बाहर जाना होगा जैसी बात करते नजर आए। 
 हटा के पत्रकारो से चर्चा के दौरान सिद्धार्थ मलैया यह स्वीकार करने से नहीं चूकते हैं कि कांग्रेस में भी अच्छे लोग हैं। हम दमोह की बात कर रहे हैं इसमें भाजपा कांग्रेस कहां है। यह मामला इसलिए कायम किया गया है ताकि चौरसिया परिवार के लोगों को उनको जेल जाना पड़े और जेल में पहले से बंद रामबाई के परिजन प्रताड़ित करके बदला ले सके। 
विधायक रामबाई का नाम लिए बिना सिद्धार्थ मलैया का कहना था वह भी जेल जाएंगे और वह भी जेल जाएगी। इधर कल तक पूर्व मंत्री पुत्र सिद्धार्थ मलैया के बारे में "न्यूज़ 18" पर अनजान बनने वाली विधायक रामबाई आज मलैया परिवार और उनके कारोबार को लेकर आरोप लगाने के मामले में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ती नजर आई। इस दौरान वह ओजस्विनी कॉलेज में पूर्व में हुई दो खुदकुशी सहित अन्य मामलों का हवाला देने से भी नही चुकी। वही सिद्धार्थ मलैया द्वारा जेल में सुविधाओं तथा जेलर पर आरोप मामलों में सफाई देते हुए यह तक कह डाला कि कुछ लोग पागल हो गए हैं उन को ग्वालियर में जाकर इलाज कराना चाहिए।
 कुल मिलाकर बसपा कांग्रेस नेता चौरसिया परिवार के साथ सिद्धार्थ मलैया के खुलकर खड़े हो जाने पर भाजपा नेता पूर्व विधायक विजय सिंह राजपूत, कांग्रेस नेता जिला पंचायत सदस्य राव बृजेंद्र सिंह, राघवेंद्र सिंह ऋषि, प्रदीप खटीक, मोनू पटेरिया सहित अन्य नेता भी हटा बंद और ज्ञापन अवसर पर सहभागिता दर्ज कराते नजर आए। इधर भाजपा के अन्य नेता वा जिला पंचायत के अध्यक्ष शिव चरण पटेल व पूर्व मंत्री वर्तमान कांग्रेस नेता रामकृष्ण कुसमरिया सहित अन्य नेताओं की अनुपस्थिति, उनके विधायक रामबाई के संग होने का संकेत देता नजर आया। कुल मिलाकर रामबाई वर्सेस चौरसिया परिवार की लड़ाई में सिद्धार्थ मलैया के भी उतर आने के बाद भाजपा के अन्य नेताओं का क्या रुख रहेगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के हर कदम पर साथ रहने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल सहित अन्य भाजपा नेता इसे सिद्धार्थ मलैया का व्यक्तिगत निर्णय बताए तो इसमें आश्चर्य की बात नही होगी। वैसे भी आज हटा के अनेक भाजपा नेताओ का सामने नहीं आना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। पिक्चर अभी बाकी है.. अटल राजेंद्र जैन

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