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लाक डाउन में वाहन परमीशन पास के नाम पर फर्जीवाड़ा.. अपर कलेक्टर कार्यालय से लेकर डिजिटल कम्प्यूटर सेंटर तक जुड़े है तार.. भाजपा नेता ने की ADM से शिकायत.. जांच में संबंधित बाबू और कंप्यूटर संचालक की मिली भगत भी उजागर होने की उम्मीद..

 भाजपा नेता ने की अपर कलेक्टर से शिकायत.. 
दमोह। लाक डाउन में वाहन से बाहर जाने आने के परमीशन पास जारी करने के नाम पर फर्जीवाड़े की चर्चाओं के बीच अब ऐसे ही एक मामले की शिकायत अपर कलेक्टर से की गई है। जिसमें एक चर्चित कंप्यूटर सेंटर के संचालक द्वारा लेनदेन करके ई पास जारी कराए जाने की बात कहीं गई है। वहीं सूत्रों का कहना है कि एडीएम कार्यालय में पदस्थ संबंधित कर्मचारी और उपरोक्त चर्चित कंप्यूटर सेंटर संचालक की मिलीभगत से वाहन परमीशन के नाम पर लेनदेन का खेल पिछले अनेक दिनों से चल रहा है। तथा आवेदकों से बाकायदा अपर कलेक्टर से साईन कराने के नाम पर दो से पांच हजार तक की बसूली की जा रही थी।
लाक डाउन के दौरान इमरजेंसी में एक जिले से दूसरे जिले जाने आने के लिए शासन द्वारा ई पास के जरिए संबंधितों को आने जाने की परमीशन व्यवस्था की गई है। तत्संदर्भ में आन लाईन आवेदन करके वाहनों की परमीशन जारी किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को भाजपा नेता मोंटी रैकवार ने अपर कलेक्टर आनंद कोपरिया को एक लिखित आवेदन देकर ई पास परमीशन के नाम पर डिजिटल कम्प्यूटर सेंटर के संचालक सचिन जैन के द्वारा दो से पांच हजार रूपए तक की अवैध बसूली किए जाने के आरोप लगाए है। यह रकम अपर कलेक्टर के नाम पर उनके बंगले पर रात में भी साइन कराकर परमीशन दिलाने के नाम पर मांगे जाती थी। जिसकी एक आडियों रिकांर्डिंग भी वायरल की गई है। 

शिकायतकर्ता भाजपा नेता मोन्टी रैकवार का कहना है कि 11 मई को रात आठ बजे ई-पास हेतु सचिन जैन से इन्दौर जाने का आन लाईन आवेदन किया गया था। और उसी दिन रात्री मे दो घंटे बाद इंदौर जाने के लिए जिले जाने के लिए पास जारी कर दिया गया। जिससे संदेह होने पर अपर कलेक्टर कार्यालय मे शिकायत की गई। जिसके बाद बताया गया कि जारी परमीशन अपर कलेक्टर कार्यालय की आईडी और सत्यापित डिजिटल हस्ताक्षर के बजाए किसी अन्य आईडी से किया गया है। मामले की शिकायत के बाद अपर कलेक्टर आनंद कोपरिहा द्वारा एसपी को जांच कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन भेजने की जानकारी सामने आई है।
जबकि इस पूरे मामले में सूत्रों का कहना है कि एडीएम आफिस के महेश अग्रवाल बाबू और कंप्यूटर सेंटर संचालक सचिन जैन की मिलीभगत से अनेक दिनों से इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है। जिन वाहन मालिकों से इनकी सेटिंग होने उनकों तत्काल परमीशन जारी करा दिए जाने तथा अंजान वाहन संचालकों या निजी वाहन धारकों से सेटिंग नहीं बनने पर परेशान किए जाने की जानकारी भी सामने आई है। इसी तरह अन्य कंप्यूटर सेंटरों से आने वाले आन लाईन आवेदनों की अनदेखी या इनके नहीं खुलने जैसे बहाने बनाकर संबंधितों को अकारण परेशान किए जाने जैसी जानकारी भी सामने आई है। 
वहीं कंप्यूटर सेंटर संचालक व इंदौर जाने के लिए ई पास बनावाने वाले के बीच लेनदेन की बातचीत की जो आडियो रिकार्डिंग वायरल हुई है उससे भी यह साफ होता है कि कंप्यूटर सेंटर संचालक बाबू की मिलीभगत से ही एडीएम के घर पर जाकर साईन कराने के नाम पर अवैध वूसली कर रहा था। एसपी महोदय यदि इस मामले में साइवर सेल की मदद से जांच कराते है तो अपर कलेक्ट कार्यालय में लंबे समय से जारी भ्रष्टाचार की परते उधड़ने में देर नहीं लगेगी। पिक्चर अभी बाकी है..

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