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गेहूं खरीदी केंद्रों पर बारदाने की कमी के बीच सुरक्षा इंतजामों की खुली पोल.. अचानक हुई बारिश में किसानों का सैकड़ों बोरी अनाज भीगा.. 15 जून के बजाए 15 मई से ही प्री मानसून की दस्तक जैसे हालात ने किसानों की चिंता बड़ाई..

तेज पानी से भीग गया किसानों का हजारो बोरी गेहू 
दमोह। लॉकडाउन में कटाई तथा कृषि कार्य करने में विलंब की वजह से परेशान किसानों को एक वार फिर बेमोसम बारिस की मार झेलनी पड़ रही है। इस बार 15 जून की बजाए 15 मई को ही बटियागढ़ खडेरी सहित अनेक क्षेत्रों में प्री मानसून की दस्तक जैसी तेज बारिश के साथ तेज हवाओं तथा आसमान पर बिजली की चमक भरे हालात देर तक बने रहे।
जिससे खुले में रखी किसानों की उपज को गीला होने में देर नहीं लगी। वही खडेरी सहित अन्य खरीदी केंद्रों पर किसानों की फसल के लिए प्रशासन द्वारा कराए गए सुरक्षा इंतजामों की पोल खुलती नजर आई है। शुक्रवार शाम हुई तेज बारिश सबसे ज्यादा असर बटियागढ़ के खडेरी केंद्र पर पड़ता नजर आया है। जहां खुले में रखा किसानों का गेहूं भीग गया। वही समिति प्रबन्धक बिष्णु पटेल सहित अन्य जिम्मेदार गेहूं को ढकवाने के बजाय बारिश रुकने का इंतजार करते नजर आए।
बारदाने की कमी की बजह से भीगा खुले में रखा अनाज
केंद्र पर तुलाई कराने आए किसानों ने बताया कि यहां पर दो दिन से बारदाना नही है। जिस बजह से हमारे अनाज की ढेरी खुले में रखी हुई थी। तेज बारिश से सब भीग गई, अब हम इस अनाज को कैसे सुखाएं ओर कैसे पास कराए। हालांकि जो किसान बरसाती का इंतजाम करके लाए थे उन्होंने अपने गेहूं को ढकने की कोशिश जरूर की। लेकिन वह भी उसे पूरी तरह से बारिश से सुरक्षित नहीं बचा पाए।
इसी तरह जिन किसानों को गेहूं तुलाई हो जाने के बाद बोरियों में पैक हो चुका था उसे भी ढकने के लिए बरसाती आदि की खरीदी केंद्र पर कोई इंतजाम नहीं थे। जिससे सैकड़ों बोरी गेहूं टोल के बाद परिवहन के इंतजार में रखा रखा अचानक हुई बारिश से गीला हो गया। इस सम्बध में समिति प्रबंधक बिष्णु पटेल का कहना है कि अचानक आई बारिश में हम क्या कर सकते है। किसानों को खुद त्रिपाल लेकर आनि चाहिये बारदाना खत्म हो गया था जो जल्द आ जाएगा। बटियागढ़ से राजेंद्र ठाकुर की रिपोर्ट

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