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लॉक डाउन में ग्रामीण दुकानदार को पुलिस मारपीट की वीडियो वायरल करना महंगा पड़ा.. गुस्साई पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं बच्चियों को भी नहीं बख्सा.. रात भर हवालात में बंद रखा.. एसपी ने चौकी प्रभारी को लाइन अटैच कर एडिशनल को जांच के आदेश दिए..

 पुलिस मारपीट की वीडियो वायरल करना महंगा पड़ा-
दमोह। लाक डाउन के दौरान पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा दिन रात मेहनत करके लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए घरों में रहने की हिदायत देते हुए ड्यूटी की जा रही है। वहीं जगह-जगह पुलिस कर्मियों का समाज सेवियों द्वारा सम्मान किया जा रहा है। जिले के नोहटा थाना अंतर्गत बनवार में कुछ दिन पूर्व भाजपा नेताओं और समाजसेवियों द्वारा स्थानीय पुलिस का जोरदार सम्मान किया गया था। इसी बनवार गांव में एक छोटे दुकानदार की सपरिवार बेइज्जती और पिटाई के बाद फर्जी केस में पकड़ कर रात भर लॉकअप में रखने तथा वायरल किए वीडियो को गलत साबित करने के लिए जबरन पुलिस प्रशंसा का वीडियो बनवाए जाने का चौंकाने वाला घटनाक्रम भी अब सामने आया है।
पुलिस की गुंडागर्दी दबंगई की दिल दहला देने वाली इस दास्तान की खबर साहू समाज के प्रदेश और राष्ट्रीय पदाधिकारियों तक पहुंचने और फिर उसकी शिकायत प्रदेश के डीजीपी, संभाग के आईजी और जिले के एसपी तक पहुंचने के बाद आज पीड़ित परिवार ने एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस पिटाई और प्रताड़ना के निशान दिखाते हुए जब दर्द भरी दास्तान एसपी हेमंत चौहान को सुनाई तो वह भी हतप्रद रह गए। एसपी श्री चौहान मामले की जांच के आदेश एडिशनल एसपी विवेक लाल को देते हुए तत्काल प्रभाव से बनवार चौकी प्रभारी संजय सिंह को लाइन अटैच कर दिया है।
जबलपुर से साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे दमोह-
जबलपुर से दमोह पहुंचे साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष रवि करण साहू ने पिछड़ा वर्ग के एक छोटे दुकानदार के साथ पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक घर मे घुसकर पिटाई के मामले में एसपी से मुलाकात करते हुए न्याय की गुहार लगाई है तथा पीड़ित परिवार के महिलाओं बच्चों को  पुलिस डंडा  की पड़े चोट के निशान दिखाते हुए उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में दर्ज किए गए फर्जी प्रकरण को समाप्त कराए जाने तथा आरोपित पुलिसकर्मी चौकी व थाना प्रभारी को निलंबित करते हुए हटाए जाने की मांग की है।
वहीं पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए एसपी हेमंत चौहान ने एडिशनल एसपी विवेक लाल को घटना की जांच के आदेश देते हुए बनवार चौकी प्रभारी संजय सिंह को लाइन अटैच कर दिया। वही पीड़ित साहू परिवार के लोगों को मुलाहजे के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। जहां जांच के बाद शुक्रवार को एक्सरा आदि के लिए पुनः बुलाया गया है। शाम को पीड़ित परिजनों ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के आवास पर पहुंचकर उनके सुपुत्र युवा समाज सेवी सिद्धार्थ मलैया को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी तथा अपने चोटों के निशान दिखाते हुए पुलिस बर्बरता के हालात से अवगत कराया। 
13 अप्रैल को पुलिस बर्बरता की वीडियो वायरल-
नोहटा थाना अंतर्गत बनवार गांव में फुटवियर की दुकान चलाने वाले बिहारी साहू के घर तथा दुकान के बीच एक दरवाजे का अंतर है। एक तरफ इनकी दुकान है और दूसरी तरफ घर का किचन और रसोई का सामान है। जिस वजह से घर में रहने के बावजूद अंदर से इनकी दुकान खुली बनी रहती है। बताया जा रहा है कि लॉक डाउन में बनवार जैसे छोटे से गांव में दुकान खुले रखने के एवज में चौकी के मुंशी जी एक पुलिसकर्मी के साथ 13 अप्रैल को बिहारी साहू को समझाइस देने के साथ दुकान खुले रखने के एवज में 5000 रु. की डिमांड करने के लिए गए थे। 
इसी दौरान बिहारी साहू के नाबालिग लड़के को वीडियो बनाते देखकर मुंशी जी बिफर पड़े। तथा वीडियो को डिलीट कराने को लेकर तकरार हो गया। बात बढ़ती देख कर चौकी प्रभारी संजय सिंह को मोबाइल पर सूचना दी गई। और कुछ ही देर में गुस्से में पहुंचे दबंग चौकी प्रभारी ने पुलिसकर्मियों के साथ जबरजस्ती बिहारी साहू के घर में घुसकर दबंगई दिखाने में कोई देरी नहीं की। इस दौरान उन्हें साहू परिवार की महिलाओं तथा बेटियों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। वही उनकी दबंगई का वीडियो भी साहू के नाबालिग बेटे ने बना लिया। 
इधर इस घटनाक्रम की जानकारी लगने पर घन्टे भर बाद नोहटा थाना प्रभारी सुधीर बेगी भी पुलिस बल के साथ बनवार पहुंच गए। जहां उन्होंने बिहारी साहू को चौकी में बुलाने के लिए पुलिस को घर भेजा। लेकिन साहू ने डर के कारण चौकी पहुंचने से मना कर दिया तथा घर के दरवाजे बंद करके परिवार के साथ अंदर छुप गया। इसी दौरान उस ने घटना की जानकारी अपनी समाज के प्रदेश पदाधिकारी सत्येंद्र साहू को देते हुए मदद की गुहार लगाई तथा उपरोक्त वीडियो उन्हें व्हाट्सएप कर दिए। जिसके बाद सत्येंद्र साहू ने राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री प्रहलाद मोदी सहित समाज के प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी हालात से अवगत कराया। लेकिन लाक डाउन के चलते सभी शांति बरतने की सलाह देते रहे।
इधर बिहारी साहू के थाना प्रभारी के बुलाने पर भी चौकी नहीं आने पर गुस्साए थाना प्रभारी ने पुलिस बल के साथ उनके मकान को पहुंचकर घेराबंदी करा दी तथा पुलिस ने दीवार फांद कर उनके घर में पीछे से घुसकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ बेरहमी से मारपीट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाद में जब उन्हें पूर्व की घटना की वीडियो वायरल किए जाने का पता लगा तो साहू परिवार के बड़े छोटे महिला बच्ची नाबालिक सदस्यों के खिलाफ करीब दर्जनभर धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध करके नोहटा थाने ले जाया गया जहां रात भर उन्हें हवालात में बंद रखें जमकर प्रताड़ना देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई।  घटना के बाद तेंदूखेड़ा एसडीओपी अशोक चौरसिया भी बनवार पहुंचे लेकिन थाना चौकी प्रभारी ने उन्हें अपने सपोर्टरओं के जरिए गुमराह कराते हुए वस्तु स्थिति से अवगत ही नहीं होने दिया।
 इधर इस मामले को साहू समाज द्वारा प्रदेश स्तर पर उठाते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाए जाने की भनक लगते ही नोहटा थाना पुलिस ने जमानत पर छूटे साहू परिवार के लोगों को फिर से धौस दिखाने के साथ पुटयाते हुए अपने पक्ष के बयानों वाली वीडियो रिकॉर्डिंग कराते हुए समाज के लोगों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं किए जाने जैसे बयान भी रिकॉर्ड कराकर बायरल करा दिए। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। 
3 दिन बाद भी पुलिस पिटाई की चोट के निशान और दर्द से कराह रहे साहू परिवार के सदस्यों को एसपी द्वारा दिए गए जांच के आश्वासन से जहां न्याय की उम्मीद दिख रही है वही चौकी थाना प्रभारी और उनके चमचों का भय भी समाया हुआ है। लाक डाउन के दौरान पुलिस बर्बरता के पूरे देश में सामने आए इस इकलौते मामले ने पुलिस की सेवाभावी छवि को जहां धूमिल करने का प्रयास किया है वहीं अब थाना प्रभारी सत्तारूढ़ दल के नेताओं से संपर्क करके अपनी कुर्सी बचाने की कोशिशों में जुटे बताए जा रहे हैं। पिक्चर अभी बाकी है.. अभिषेक जैन के साथ अटल राजेंद्र जैन की रिपोर्ट

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