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चार दिनों के बीच 3 घंटे के लिए दुकानें खुलते ही बने "मंगला हाट" जैसे हालात.. सोशल डिस्टेंस का पालन कराने.. एसपी-एडिशनल एसपी को मोर्चा संभालना पड़ा.. सब्जी मसाले वालों पर चली लाठिया.. दो दुकानदार सहित दर्जन भर पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई से हड़कंप..

 तीन घंटे की छूट में बने अफरा तफरी के हालात
दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जारी लॉक डाउन में आवश्यक वस्तुओं की खरीदी हेतु मिलने वाली 3 घंटे की छूट एक दिन के अंतराल के बाद अब 3 दिन के अंतराल पर पहुंच गई है। जिसके पहले मंगलवार को 3 घंटे की छूट मिलते ही आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए उमड़ी भीड़ की वजह से कोलकाता के "मंगला हाट" जैसे हालात निर्मित होते नजर आए इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराने तथा व्यवस्था बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्वयं मोर्चा संभालना पड़ा।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कौराना संक्रमण के पॉजिटिव केस सामने आने के बाद प्रशासन ने नवरात्र समाप्त होते ही आवश्यक सामग्री खरीदी की 3 घंटे की  प्रतिदिन की छूट को घटाकर एक दिन के अंतराल से कर दिया था।  सोमवार को पूरी तरह से लाक डाउन के हालात बने रहे थे। वही मंगलवार को 3 घंटे की छूट मिलने के साथ आगामी 3 दिनों तक लॉक डाउन बिना छूट के जारी रहने के आदेश सोमवार रात जिला प्रशासन द्वारा जारी कर दिए गए थे। जिससे मंगलवार को 12 बजते ही बाजार में खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ उमड़ देते चारों तरफ अफरा तफरी भरे हालात बनते देर नहीं लगी।
इस दौरान विभिन्न पॉइंट ऑफर लगातार ड्यूटी कर रही पुलिस की मौजूदगी बनी रहने की वजह से सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए एसपी हेमंत चौहान तथा एडिशनल एसपी विवेक लाल को स्वयं मोर्चा संभालना पड़ा। उल्लेखनीय है कि 4 दिन के अंतराल में 3 घंटे की छूट मिलने के दौरान सबसे अधिक भीड़ किराना खाद्यान्न सामग्री की दुकानों पर रही। वहीं सब्जी फल की चलती फिरती दुकानों पर भी लोग खरीदारी करने के लिए उमड़ते रहे। जिससे खराब सब्जी फल की बिक्री भी मनमाने दामों पर होती नजर आई। 
इधर प्रधानमंत्री जनधन योजना की राशि बैंक खातों में आने के बाद इसे निकालने के लिए बैंक तथा कियोस्क सेंटरों के बाहर भी जमकर भीड़ एकत्रित हो जाने की वजह से पुलिस अधिकारियों को सोशल डिस्टेंस का पालन कराते हुए लाइन लगवाना पड़ी वही पैसे निकलवाने वाले लोग तेज धूप और भीषण गर्मी में परेशान होते रहे।
उल्लेखनीय है कि दमोह जिले में 23 मार्च से लगातार जारी लाक डाउन के दौरान नवरात्र पर्व के चलते लोगों को आवश्यक खाद्यान्न किराना फल आदि सामग्री खरीदने के लिए प्रतिदिन 3 घंटे की छूट दी जा रही थी। जिससे लोग अपनी जरूरत के मुताबिक इन 3 घंटों के बीच घरों से बाजार में आकर  खरीददारी करके वापस घर पहुंच जाते थे। प्रशासन द्वारा लोगों को सुविधा के लिए दी गई इस छूट का फायदा उठाकर अनेक आवारा तत्व बाइकों से शहर में घूम कर जहां लाक डाउन का मजाक उड़ा रहे थे वही अनेक लोग बाजार में खरीददारी के दौरान सोशल डिस्टेंस की अनदेखी भी कर रहे थे। 
सब्जी दुकानों डंडे चले, 12 की कोतवाली में परेड
मंगलवार को शक्ति भंडार के पास सड़क किनारे सब्जी तथा मसाले की दुकान लगाने वाली गरीब महिलाओं के सामान पर पुलिस की लाठिया चलने के साथ सब्जी के सड़क पर फेंके जाने के नजारे को देखकर लोग सहमते हुए नजर आए। इधर किराना व अन्य दुकानों के बाहर भीड़ के मामले में समझाईस के बाद भी अनदेखी के मामले में द्वारा सबक सिखाते हुए 2 दुकानदार तथा दस ग्राहक युवको को कोतवाली लाकर सबक सिखाते हुए प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
लगातार 72 घंटे का लॉक डाउन समझ के परे
दमोह जिले में लगातार पुलिस प्रशासनिक सजगता और चिकित्सकों की दिन रात की ड्यूटी मेहनत की वजह से कोरोनावायरस के संक्रमण को कंट्रोल में करने मैं लगभग पूरी तरह से सफलता प्राप्त हुई है वहीं अभी तक की जांचों में एक भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आना राहत भरी बात है। इसके बावजूद अचानक लगातार तीन दिन के लिए आवश्यक सामग्री की दुकाने बंद रखे जाने के आदेश ने गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों के उन लोगों को चिंता में डाल दिया है जो रोज खरीदी करके अपना काम चला रहे थे। ऐसे लोग लगातार 72 घंटे तक खरीदी हेतु छूट नहीं मिलने के निर्णय पर उंगलियां उठाते जिले के मुखिया को इसकी सलाह देने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों की सोच को लानत देते लगातार तीन दिनों का इंतजाम नहीं कर पाने की वजह से चिंतित हैं। 
ऐसे में अब उन सभी समाजसेवियों की जिम्मेदारी बन गई है, जो  जरा सी सामग्री बांटकर बड़ी बड़ी फोटो बीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने से नहीं थक रहे थे। सभी समाजसेवी वं सेवाभावी संस्थान 72 घंटे के लगातार लाक डाउन में गरीब मजदूर वर्ग के अलावा उन मध्यम वर्गीय मेहनत का स्वाभिमानी परिवारों का भी ध्यान रखें जो ना हाथ फैलाते हैं और ना झोली फैलाने के लिए सामने आते हैं। अजीतसिंह राजपूत के साथ अभिजीत जैन की रिपोर्ट

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