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कोरोना संक्रमण काल में बड़ी चूक.. अवैध परिवहन करते पकड़े गए आधा दर्जन ट्रकों के दर्जन भर बाहरी चालक क्लीनरों की नही कराई स्क्रीनिंग.. गेंहू के सैंपल चैक करने वाले एसडीएम का भी नहीं गया ध्यान.. खुलेआम घूम रहे हैं ट्रकों के कर्मचारी..

 ट्रकों के बाहरी चालक क्लीनरों की नही कराई स्क्रीनिंग.. 
दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण काल मे दमोह जिले से जांच के लिए भेजे गए 10 नमूनों की रिपोर्ट भले ही नेगेटिव आई हो लेकिन बाहरी वाहन चालकों की मौजूदगी के बावजूद उनकी स्क्रीनिंग कराने के मामले में बड़ी चूक किए जाने की स्थिति सामने आई है। हम बात कर रहे हैं पिछले दिनों गेहूं का अवैध परिवहन करते पकड़े गए आधा दर्जन ट्रकों के चालक और क्लीनरो की। जो यूपी, मुरैना, जबलपुर सहित अन्य क्षेत्रों से ट्रकों को लेकर दमोह आए थे तथा छत्तीसगढ़ और कर्नाटका जा रहे थे। 
इन ट्रकों के पकड़े जाने के बाद इनमें भरे गेहूं के नमूनों की जांच करने के लिए एसडीएम सहित अन्य अधिकारी पहुंचे थे लेकिन किसी का भी ध्यान वाहन के कर्मचारियों की कोरोना वायरस संबन्धी जांच स्क्रीनिंग आदि कराने की ओर नहीं गया। जिसे बड़ी चूक और गंभीर लापरवाही कहा जा सकता है। आपको याद होगा दो दिन पूर्व गेहूं का अवैध परिवहन करते हुए कपिल मलैया और मनोज ट्रेडर्स के 1650 क्विंटल गेहूं को ले जा रहे आधा दर्जन ट्रकों को लॉक डाउन के दौरान पकड़कर कृषि उपज मंडी में खड़ा कराया गया था।
 32 लाख कीमत के गेहूं की तस्करी का मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के साथ ही इसे रफा-दफा करने की कोशिशों में संबंधित जुट गए थे। वही जांच के लिए पहुंचे एसडीएम रविंद्र चोकसे ने ट्रकों में भरे गेहूं के नमूनों की बाकायदा जांच की थी। इस दौरान ट्रकों के यूपी सहित अन्य क्षेत्रों से आने और इनके चालक क्लीनर आदि दर्जन भर से अधिक लोगों के भी बाहरी होने की जानकारी स्पष्ट हो गई थी। इसके बावजूद किसी का भी ध्यान इनकी कोरोना स्क्रीनिंग जांच कराने की तरफ नहीं गया।बाहरी ट्रकों से गेहूं तस्करी के मामले के तूल पकड़ने के बाद मंडी प्रशासन ने जांच की खानापूर्ति करते हुए मामला दर्ज कर कोर्ट में भेज दिया है।  
वही ट्रक तथा चालक क्लीनर आदि के बारेे में पूछताछ किए जाने पर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी।ट्रक क्रमांक यूपी 70 एफटी 7300 के ड्राइवर मु़ अकरम और कंडक्टर मु़हम्मद तालुद इलाहाबाद के निवासी है। 4 अप्रैल से दमोह में होने के बावजूद इनकी स्क्रीनिंग नहीं हुई है। इसी तरह ट्रक क्रमांक केए 67- 0605 के ड्राइवर जाहिद अली और कंडक्टर समशाद अली भी 4 तारीख से दमोह में है। ट्रक क्रमांक आरजे 11 जीबी 2494 के ड्राइवर हरेन्द्र और कंडक्टर जीतू खुद को मुरैना तथा ट्रक क्र. एम एच 40 बीजी 9040 के ड्राइवर राजेश सिंह जबलपुर निवासी होना बता रहे है। इन सभी की स्क्रीनिग नहीं हुई है। ट्रक क्र आरजे 11 जीबी 1257,  ट्रक क्र. टीएस 08 यूएफ 3898 के ड्राइवर मु. कलीम और फैजान इलाहबाद का निवासी होना बता रहे है। जो उत्तर प्रदेश में अपनी क्रीनिंग होने की बात तो कर रहे थे लेकिन इसका कोई प्रमाण इनके पास नहीं है। 
बुधवार को यह मामला अखबारों की सुर्खियों में भी नजर आया। हालात देखकर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि आधा दर्जन बाहरी ट्रकों में करीब दर्जन भर बाहरी लोगो की कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांच और स्क्रीनिंग कराने कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जबकि ट्रक में पकड़े जाने के बाद से पिछले 3 दिनों से यह लोग दमोह कृषि उपज मंडी और आसपास के इलाकों में खुलेआम घूम रहे हैं तथा हिरदेपुर क्षेत्र में दुकानों में जा कर यह खाने-पीने की खरीदारी करते रहे हैं। इन ट्रक चालकों के बारे में जानकारी देने और स्क्रीनिंग नहीं होने संबंधी औलाद से अवगत कराने में मैं कपिल मलैया और मनोज जैन द्वारा भी गंभीर चूक की गई है
दमोह एसडीएम रविंद्र चौकसे मंडी के प्रशासक है इन्ही के निर्देशन में इन ट्रकों के खिलाफ कारवाई की गई है। परन्तु इस दौरान वह भी भूल गए कि बाहर से आए हुए लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी कराया जाना चाहिए था। हालांकि दमोह जिले में अभी तक एक भी कोरोना केस नही मिला है। 10 में से सभी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई हैं। लेकिन इसके बावजूद जरा सी चूक खतरनाक साबित हो सकती है। मंगलवार को इस संदर्भ में कलेक्टर का ध्यान आकर्षित कराए जाने के बाद उन्होंने सभी की स्पेलिंग कराने की बात कही है लेकिन फिर भी सवाल यही उठता है या फिर प्रशासन से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई..अटल राजेन्द्र जैन पिक्चर अभी बाकी है..

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