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हर्डलवर्ग सीमेंट प्रबंधन द्वारा उड़ाई गई लॉक डाउन आदेश की धज्जियां.. जिला मजिस्ट्रेट के बंद के आदेश के बावजूद चालू रही माईसेम सीमेंट फैक्ट्री.. कोलकाता से लौटे एक अधिकारी में कोरोना के संदिग्ध लक्षण की चर्चा भी जारी..

हर्डलवर्ग सीमेंट में लॉक डाउन आदेश की उड़ी धज्जियां.. 
दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर 22 मार्च को पूरे देश में जनता कर्फ्यू के बाद देश तथा प्रदेश के अनेक जिलों में 23 मार्च से आगामी कुछ दिनों के लिए लाक डाउन के आदेश दिए गए हैं। मध्यप्रदेश में भी कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु अनेक जिलों में अगले कुछ दिनों के लिए बाजार बंद के साथ लॉक डाउन घोषित किया गया है। 
दमोह जिला मजिस्ट्रेट श्री तरुण राठी द्वारा 23 मार्च 25 मार्च तक दमोह जिले में भी धारा 144 के साथ लाक डाउन के आदेश  दिए गए हैं  यस का उल्लंघन करते पाए जाने पर संबंधित हों के खिलाफ धारा188 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद देहात थाना अंतर्गत नरसिंहगढ़ तथा इमलाई में हर्डलवर्ग सीमेंट की दोनों इकाइयों को धड़ल्ले से संचालित किए जाने के हालात सामने आए हैं।
यहा उल्लेखनीय है कि कोरेना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राजधानी भोपाल में स्थित बीएचईएल के भेल संस्थान तक मे 56 वर्ष के इतिहास में पहली बार काम बंद करते हुए लॉक डाउन कर दिया गया है। लेकिन दमोह जिले में संचालित माइसेम फैक्ट्री प्रबंधन को क्यों छूट दी जा रही है यह बात समझ के परे है। यह बात सर्वविदित है कि नरसिंहगढ़ तथा इमलाई स्थित सीमेंट फैक्ट्री के संयंत्र में प्रतिदिन देश के विभिन्न क्षेत्रो से वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों के मजदूर कर्मचारी व अधिकारी भी यहां पर कार्यरत है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों कोलकाता से लौटे एक अधिकारी में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण पाए गए थे जिसके बाद फानन में चेकअप के लिए दमोह भेजा गया था। जहां से उन्हें वापस नरसिंहगढ़ भेज दिए जाने के बाद नरसिंहगढ़ में ही अलग से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में उनको रखा गया है। इसके बावजूद कोरोना को लेकर लाक डाउन के मामले में फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा क्यों जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों की अवहेलना करते हुए 23 मार्च सोमवार को संचालन किया जा रहा है। यह बात समझ के परे बनी हुई है।
अटल News24 की टीम सोमवार दोपहर जब फैक्ट्री गेट पर पहुची तो साइड में मजदूर कर्मचारियों के वाहन तथा साइकिल रखे हुई थे। वही बाहर से आने वाले क्लिंकर की डंपर के जरिए आवाजाही जारी थी। वही अंदर फैक्ट्री का भी संचालन किया जा रहा था। जिसको लेकर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करके कार्रवाई की मांग जिला मजिस्ट्रेट से की जाती है। फैक्ट्री में कार्यरत सभी अधिकारी कर्मचारियों का एक बार पुनः  कोरोना वायरस टेस्ट कराए जाने की मांग भी वायरस के संक्रमण को रोकने की मुहिम के तहत कराए जाने की अपेक्षा की गई है।

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