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डेढ़ दर्जन से अधिक खतरनाक कोबरा अजगर नाग नागिन के जोड़े आजाद.. वन्यजीवों को वश में करके पिटारों में कैद करने वाले सपेरो को जेल.. जंगल से पकड़े दो सपेरों के खिलाफ.. वन्य प्राणी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई..

खतरनाक कोबरा पिटारा में कैद करने वाले को जेल
दमोह। जंगल में जाकर जहरीले जीव जंतुओं को वश में करके पिटारे में कैद करने वाले दो सपेरों के पकड़े जाने के बाद जेल की हवा खाना पड़ी है। वही डेढ़ दर्जन से अधिक खतरनाक नाग, नागिन, कोबरा और अजगर सांप को जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए आजाद कर दिया गया है। वन मंडल अधिकारी विपिन पटेल के निर्देशन में वन विभाग की स्पेशल टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद उम्मीद की जा रही है कि जंगली जानवरों के शिकार और जंगल में कटाई करने वालों पर भी जल्द शिकंजा कसा जाएगा।
दमोह के रेंज कंपाउंड में गुरुवार दोपहर दो सपेरों के साथ दर्जनभर से अधिक पिटारो बंद नाग नागिन के जोड़े और कोबरा तथा अजगर जैसे सांपों को देखने के लिए मीडिया कर्मियों के अलावा वन कर्मियों की भी भीड़ लगी रही। दरअसल वन विभाग की स्पेशल टीम ने इन दो सपेरों को बासा के पास बरधारी के जंगल से पकड़ा है। इनके कब्जे से कोबरा साप, नाग नागिन के जोड़े, अजगर, गुह्ररो सहित डेढ़ दर्जन दुर्लभ प्रजाति जाति के सर्पो को मुक्त कराकर 2 किलो सूअर का मांस एवं दो मोटर साइकिल जिनका  नंबर गाड़ी क्रमांक एमपी 20 केएल 7226 तथा एमपी 34 एम एल 55 76 एवं दो बीन, हंसिया कुल्हाड़ी आदि जप्त किए गए हैं। 
 वन परिक्षेत्र अधिकारी केके नामदेव ने बताया कि आरोपी हेमराज पिता कमल नाथ उम्र 24 वर्ष निवासी नोहटा तथा हुकम नाथ पिता आनंद नाथ उम्र 22 वर्ष  निवासी सांगा के बारे में जानकारी मिली है कि यह सांपों को पकड़ने और उनका तमाशा दिखाने के अवैध कारोबार कार्य में लिप्त रहे है। आरोपियों का कहना है कि सांपों को पकड़ना उनका पैतृक व्यवसाय है। वन विभाग ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है वही पिटारो में कैद सांप आदि जंतुओं को सघन वन क्षेत्र में खुले वितरण हेतु छोड़ दिया गया है। अभिजीत जैन की रिपोर्ट

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