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ब्रेन हेमरेज के शिकार कलेक्टोरेट के नाजिर की हालत बिगड़ी, जबलपुर रैफर.. मप्र लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ ने ग्वालियर से आई आडिट टीम पर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप.. कलेक्टर एवं महालेखाकार को भेजा ज्ञापन..

ब्रेन हेमरेज के शिकार नाजिर जबलपुर रैफर.. 
दमोह। सरकारी कार्यों में होने वाले आय-व्यय की जांच करने के लिए पहुंचने वाले ऑडिट दलों की मौजूदगी से ही लेखा अधिकारी को परेशान होते देर नही लगती। वहीं आडिट वालो की आपत्ति को देख अकाउंटेंट की हालत सबसे पहले खराब होती है। ऐसे ही कुछ हालात के चलते दमोह कलेक्ट्रेट के नाजिर को ब्रेन हेमरेज आ जाने का घटनाक्रम सामने आया है। गंभीर हालत में नाजिर राम सिंह ठाकुर को जबलपुर रैफर किया गया है। जहां उनका इलाज जारी है। इस मामले को लेकर गुरुवार को मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष राकेश हजारी के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया है। 
लिपिक संघ के पदाधिकारियों ने दमोह कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर आनन्द कोपरिया को सौंपे ज्ञापन में बताया कि ग्वालियर महालेखाकार द्वारा अधिकृत आडिट टीम 26 अगस्त से कलेक्ट्रेट कार्यालय का  ऑडिट कर रही है। टीम में शामिल अजय कुमार सिंह, कैलाश कुमार एवं अभय पटेल द्वारा राम सिंह ठाकुर नाजिर को मानसिक रूप से अत्याधिक प्रताड़ित किए जाने की वजह से 27 अगस्त को उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। जिस वजह से उन्हें जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। आरोप है कि ऑडिट दल द्वारा जानबूझकर ऐसी स्थिति निर्मित की गई तथा राम सिंह से ऑडिट के दौरान अधिक रकम की मांग करते हुए मानसिक तौर पर जम कर प्रताड़ित किया गया। जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सके और ब्रेन हेमरेज के शिकार हो गए। 
 ऑडिट दल के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने हेतु शासन को अवगत कराने एवं भविष्य में आडिट करने वालों के साथ स्थानीय सहायक कोषालय अधिकारी के माध्यम से ऑडिट कराए जाने की मांग ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन की एक प्रति महालेखाकार मप्र ग्वालियर की ओर भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है। इस पूरे मामले को लेकर ऑडिट टीम के सदस्यों से चर्चा नहीं हो पाने की वजह से उनका पक्ष सामने नहीं आ सका है। लेकिन हालात देखकर कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं थोड़ी नहीं ज्यादा गड़बड़ है। तभी तो ऐसे हालात निर्मित हुए हैं। कहां क्या गड़बड़ी हुई उसकी अपडेट के साथ फिर मिलते हैं। अटल राजेंद्र जैन

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