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राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती पर ’’भारत भाग्य विधाता’’ की प्रस्तुति ने शमां बांधा.. हम सौभाग्य शाली है कि गांधी जी दमोह आये थे.. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल

 मानस भवन में "भारत भाग्य विधाता" की प्रस्तुति-

दमोह। राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती पर मानस भवन में श्रीमद् राजचन्द्र मिशन धरमपुर द्वारा आयोजित ’’भारत भाग्य विधाता’’ की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रिंसिपल जिला जज शंभूसिंह रघुवंशी के साथ किया। इस मौके पर विशेष न्यायाधीश आर.एस.शर्मा, एडीजे पूरन सिंह, एडीजे संदीप श्रीवास्तव, एडीजे नवीन पाराशर, एडीजे नीरज शर्मा, जिला रजिस्ट्रार रवि नायक, विधायक हटा पी.एल.तंतुवाय, विधायक जबेरा धर्मेन्द्र सिंह लोधी, दमोह विधायक राहुलसिंह, पथरिया विधायक रामबाई, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल, नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी खासतौर पर मौजूद थे। 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहां कि हम लोग बहुत छोटी जगह के लोग है, हमारे पास इससे बड़ी जगह अभी है नहीं, इसीलिये लग रहा होगा की यह जगह छोटी है, हम सौभाग्य शाली है कि गांधी जी दमोह आये थे, और उन्हें एक हरिजन बस्ती में गुरूद्वारा की आधार शिला रखी थी। वह गुरूद्वारा आज भी मौजूद है, हम सौभाग्यशाली है। उन्होंने कहा मेरे क्षेत्र में बलेह ऐसी जगह है जहां गांधी जी दो बार गये, सागर जिले के सर्वाधित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उस गांव से हैं और तीसरा स्थान है अनंतपुरा जहां पर गांधी जी ने रात्रि विश्राम किया और वहां पर चर्खा कार्यक्रम शुरू किया गया।

 केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहां कि इसी के निमित्त में 16 अगस्त से 19 तारीख तक अनंतपुरा से अपनी पैदल यात्रा शुरू कर रहा हूं और दमोह तक करूंगा। कार्यक्रम में शुभारंभ अवसर पर श्रीमद राजचन्द्र मिशन धरमपुर के पदाधिकारियों ने अतिथियों का सम्मान किया। इस मौके पर सांसद की पत्नी पुष्पलता सिंह, पुत्री फलित सिंह, प्रतिज्ञा सिंह, प्रतिनिधि आलोक गोस्वामी, एसडीएम रविन्द्र चौकसे, रामकली तंतुवाय, जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिकों सहित कला साहित्य से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। 

मानस भवन में आयोजित ’’ भारत भाग्य विधाता’’ गांधी जी के आत्ममथंन से हमें परिचित करवाता है, जिनके जीवन की अनेक चुनौतियों और उसके प्रति उनके प्रति भाव एवं उसके पीछे उनकी परिपक्य विचार धारा से अवगत करवाना इस नाटय प्रयोग का लक्ष्य है। साधारण से अतिशय असाधारण तक यह मार्ग तय करने में गांधी जी ने केवल अपनी ही नहीं भारत देश के भाग्य का नवनिर्माण कर दिया। नाटक गांधी जी के जीवन सत्य और अंहिसा के प्रति उनकी निष्ठा राष्ट्र भक्ति और मानवता के प्रति उनकी संवेदनशीलता का सुंदर प्रतिपादन करता है। जिससे प्रेक्षिकों को भी उनकी सात्विकता का अनुभव होता है। अपने भीतर भी वे ’’गांधी’’ खोजने के लिए तत्पर होते है और गांधी जी के पद चिन्हों पर चलने के लिए उत्साहित होते है।

प्रस्तुति प्रेक्षकों के हदय को छू लेती, संवादों के प्रभाव में बहा ले जाती, इस नाटयकी के लेखक प्रकाश कापहिया दिग्दर्शन ने किया, सुप्रद्धि दिग्दर्शन राजेश जोशी ने और धर्मेश मेहता इसके सूत्रधार है। उल्लेखनीय है अपनी गौरवपूर्ण यात्रा में आगे बढते हुए 17 मई 2019 की शाम राष्ट्रीय पति भवन द्वारा इस नाटक का एक विशिष्ठ आयोजन किया गया था। महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी और उपस्थित महानुभाव ने इसे देखा और सराहा। युनेस्को नई दिल्ली ने भी नाटक को अपना समर्थन दिया। 

सम्रग विश्व जब हमारे राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती का उत्साव मना रहे है। तब यह उत्सव में उत्साह के साथ भाग लेते हुए श्रीमद राजचन्द्र मिशन धरमपुर महात्मा गांधी के जीवन और संदेश पर आधारित भव्य नाटक ’’ भारत भाग्य विधाता’’ प्रस्तुत कर रहा है। श्रीमद् राजचन्द्र मिशन धरमपुर के संस्थापक पूज्य गुरू देव श्री राकेश भाई की प्रेरणा से सृजित नाट¬ प्रयोग संगीता नाटक, अकादमी नई दिल्ली एवं गुजरात सरकार के सहयोग से देश भर में गुजराती और हिन्दी भाषाओं में प्रस्तुत हो रहा है, नाटक का गुजराती प्रीमियर मार्च 2019 में पूज्य गुरूदेवी श्री की पावन उपस्थिति में गुजरात के माननीय राज्यपाल श्री ओपी कोहली, मुख्यमंत्री श्री विजय भाई रूपानी एवं अनेक गणमान्य महानुभाव के सामने हुआ था। अल्प ही काल में ईस के 75 हाउस फुल प्रयोग हो चुके है। 

श्रीमद राजचन्द्र मिशन धरमपुर 2017 में श्रीमद राजचन्द्र जी और महात्मा गांधी के गहन आध्यात्मिक संबंधों के ऊपर आधारित नाटक ’’युगपुरूष महात्मा के महात्म’’ प्रस्तुत कर चुका है। जिसके साथ विभिन्न भाषाओं में एक साथ 8 टीम के द्वारा देश -विदेश में 1060 नाट¬ प्रयोग हुए। जिसे लाखों प्रशिक्षकों ने देखा, जिसने रंगभूमि की दुनिया में  एक अदभुत इतिहास सृर्जित किया। मिशन की सर्जनात्मकता आयोजन क्षमता प्रतिबद्धता और तजुर्बो को देखकर भारत सरकार ने महात्मा गांधी जी के जीवन पर आधारित नाट¬कृति का निर्माण करने का निमंत्रण दिया और एक अभूतपूर्व नाट¬ प्रयोग का निर्माण हुआ, ’’ भारत भाग्य विधाता’’।

विश्वभर के लोग जिनसे प्रेरणा लेते है, ऐसे महात्मा गांधी जी ने स्वयं कहा है कि उनके आंतरिक जीवन के निर्माण में श्रीमद् राजचन्द्र जी का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने अपनी आत्म कथा ’’ सत्य के प्रयोग’’ में रायचन्द्र भाई श्रीमद जी नामक एक स्वतंत्र प्रकरण भी लिखा है, श्रीमद् रायचन्द्र जी और महात्मा गांधी जी इन दोनों महापुरूषों के सिद्धांत एवं बोध की अमूल्य विरासत एक नाटक के रूप में वर्तमान पीडी के समक्ष प्रस्तुत करके पू. बापू को गौरवपूर्ण श्रद्धांजलि देना का श्रीमद् राजचन्द्र मिशन धरमपुर का यह नम्र प्रयास है।

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